Google Image | प्रतीकात्मक फोटो
नोएडा और ग्रेटर नोएडा में इस साल के अंत तक दिए जाने वाले लगभग 1 लाख फ्लैटों की डिलीवरी में अब में देरी होगी। क्योंकि बिल्डर समय पर परियोजनाओं को पूरा नहीं कर पाएंगे। बिल्डर कोरोना के कारण प्रवासी श्रमिकों के लॉकडाउन और बड़े पैमाने पर पलायन का हवाला दे रहे हैं। लॉकडाउन के दौरान निर्माण पर ब्रेक लगाने के बाद बिल्डरों को अपनी परियोजनाओं को पूरा करने के लिए छह महीने का विस्तार दिया गया था। लेकिन अब, डेवलपर्स ने त्योहारी सीजन के दौरान मजदूरों की कमी का हवाला देते हुए एक बार फिर छह महीने बढ़ने की मांग की है।
नरेडको (नेशनल रियल एस्टेट डेवलपमेंट काउंसिल) और क्रेडाई (कन्फेडरेशन ऑफ रियल एस्टेट डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया) जैसे बिल्डर समूहों ने उत्तर प्रदेश रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण (यूपी-रेरा) को एक और विस्तार देने के लिए नए सिरे से अपील की है। बिल्डर के अनुमानों के मुताबिक, लगभग 50,000 फ्लैटों की डिलीवरी इस साल की जानी थी। लेकिन अब इन घरों को समय पर ख़रीदारों को सौंपना सम्भव नहीं होगा। करीब 50,000 घर पिछले वर्षों के हैं, जो अब तक डिलीवर नहीं हो सके हैं। इसलिए, कुल 1 लाख फ्लैट हैं, जो अब अगले साल की पहली छमाही में डिलीवर हो पाएंगे।
क्रेडाई (पश्चिमी यूपी) के पदधिकारियों ने कहा, “तालाबंदी के कारण ही मजदूरों का पलायन हुआ। फिर सामग्री की खरीद मुश्किल हो गई। इसलिए, समयसीमा कम से कम छह-आठ महीनों आगे बढ़ गई है। कम से कम 50,000 फ्लैटों को इस साल पूरा किया जाना था, जो अब अगले साल पूरे हो पाएंगे।”
यूपी नरेडको के अध्यक्ष आरके अरोड़ा ने कहा कि अब त्योहारी सीजन के चलते मजदूर फिर से घरों के लिए रवाना हो गए हैं। सारी परियोजनाओं को नए सिरे से झटका लगा। अरोड़ा ने आगे कहा, “तालाबंदी ने पहले ही काम के प्रवाह को बाधित कर दिया था। जैसे तैसे यह फिर से शुरू हुआ तो अब कार्यबल दीवाली और छठ पूजा के लिए फिर से चला गया है। जनवरी के बाद ही एक बार फिर से काम शुरू होगा। हमने एक साल का विस्तार करने के लिए कहा था, लेकिन केवल छह महीने दिए गए थे। अब हालात सभी के सामने हैं।"
ग्रेटर नोएडा वेस्ट की हाऊसिंग परियोजना सुपरटेक इकोविलेज के एक खरीदार भूपेंद्र तिवारी ने कहा, “मुझे नवंबर 2019 में यूपी-रेरा से एक आदेश मिला कि बिल्डर को 45 दिनों के भीतर फ्लैट सौंप देना चाहिए। लेकिन यह नवंबर 2020 है, और हमें अभी भी अपना फ्लैट नहीं दिया गया है। जबकि नई डिलीवरी में देरी हो रही है। पुरानी डिलीवरी भी अटक गई हैं। हमें लगता है कि अभी अगले साल भी घर मिल जाए तो बड़ी बात होगी।”
कुल मिलाकर अब बिल्डरों ने एक बार फिर यूपी-रेरा का दरवाजा खटखटाया है। प्रोजेक्ट पूरे करने का वक्त छह महीने और बढ़ाने की मांग की है। दूसरी ओर यूपी-रेरा के एक जिम्मेदार अधिकारी ने कहा कि इस तरह की देरी की वास्तविक स्थिति का अनुमान लगा रहे हैं। बिल्डरों के आवेदनों का जल्दी निस्तारण किया जाएगा।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने लॉकडाउन को जीरो पीरियड घोषित किया
दूसरी ओर सोमवार को ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण ने शहर में काम कर रहे बिल्डरों को बड़ी राहत दे दी है। बिल्डरों को उनकी आवासीय योजनाओं के पूर्णता प्रमाण पत्र लेने के लिए 22 मार्च से 21 सितंबर (6 माह) तक की छूट मिलेगी। मतलब, कोरोना महामारी के दौरान लागू लॉकडाउन की इस अवधि से जुड़े पूर्णता प्रमाण पत्र के लिए समय बढ़वाने पर शुल्क नहीं लगेगा। कोराना महामारी को देखते हुए शासन के आदेश पर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने यह फैसला लिया है। इससे बिल्डरों को तो राहत मिल गई है, लेकिन फ्लैट और प्रॉपर्टी खरीददारों का इंतजार और बढ़ गया है।
कोरोना संक्रमण के चलते लगे लॉकडाउन से सभी तरह के निर्माण कार्य बंद हो गए थे। बिल्डरों ने यह बात शासन तक पहुंचाई थी। शासन ने हाउसिंग परियोजनाओं को पूरा करने के समय में 6 माह के लिए निशुल्क समय बढ़ाने का आदेश दिया था। सभी आदेश प्रदेश के सभी प्राधिकरणों के जारी हुआ था। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने इस आदेश पर अब तक अमल नहीं किया था। अब प्राधिकरण के अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी केके गुप्त ने एक आदेश जारी किया है। उन्होंने इस फैसले पर अमल की जानकारी दी है। अपने आदेश में कहा है कि लॉकडाउन के समय से इस अवधि की शुरुआत मानी जाएगी। 22 मार्च से 21 सितंबर 2020 तक बिल्डरों को इस छूट का लाभ मिलेगा। इस अवधि में बिल्डरों से समय विस्तार का कोई शुल्क अथवा विलम्ब शुल्क नहीं लिया जाएगा। यह आदेश बिल्डरों की आवासीय व व्यावसायिक योजनाओं लागू होगा।
फ्लैट और प्रॉपर्टी खरीदारों का इंतजार और बढ़ गया
जैसा कि कोरोनावायरस की हमारी होते ही बिल्डरों ने कहना शुरू कर दिया था कि अब परियोजनाओं को पूरा करने में 1 से 2 साल तक का अतिरिक्त समय लग सकता है। सीसी और ओसी जारी करने में दिया गया यह 6 महीने का अतिरिक्त समय इसी बात को पुख्ता करता है। आने वाले दिनों में एक बार फिर कोरोनावायरस का संक्रमण बढ़ रहा है। ऐसे में निर्माण कार्य एक बार फिर थम सकते हैं। मौजूदा समय में भारी प्रदूषण के चलते भी निर्माण गतिविधियां ठप पड़ी हुई हैं। विकास प्राधिकरण और सरकार की ओर से दी गई यह छूट बिल्डरों को तो राहत देगी, लेकिन फ्लैट और प्रॉपर्टी खरीदारों का इंतजार और लंबा कर देगी।