गौतमबुद्ध नगर के सीएमओ के खिलाफ जांच का आदेश, फर्जी आरटीआई के कारण पिता-पुत्र जेल चले गए

गौतमबुद्ध नगर के सीएमओ के खिलाफ जांच का आदेश, फर्जी आरटीआई के कारण पिता-पुत्र जेल चले गए

गौतमबुद्ध नगर के सीएमओ के खिलाफ जांच का आदेश, फर्जी आरटीआई के कारण पिता-पुत्र जेल चले गए

Tricity Today | गौतमबुद्ध नगर के सीएमओ के खिलाफ जांच का आदेश

गौतमबुद्ध नगर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी के खिलाफ उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य महानिदेशक ने जांच का आदेश दिया है। यह जांच मेरठ के अपर निदेशक को सौंपी गई है। मामला एक आरटीआई से जुड़ा है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी की ओर से एक आरटीआई में गलत जवाब दिया गया। जिसकी वजह से गौतमबुद्ध नगर पुलिस ने शहर के एक डॉक्टर और पिता-पुत्र के खिलाफ एफआईआर दर्ज की। तीनों लोगों को पुलिस ने जेल भेज दिया। अब इस मामले की जांच पड़ताल हुई तो खुलासा हुआ है कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी के कार्यालय ने मिलीभगत करके गलत ढंग से यह जानकारी आरटीआई में दी थी। मामले में गौतमबुद्ध नगर के पुलिस कमिश्नर आलोक कुमार सिंह ने भी जांच का आदेश दिया है।

मिली जानकारी के मुताबिक नोएडा के सेक्टर-49 में रहने वाले चार्टर्ड अकाउंटेंट प्रदीप कुमार गर्ग ने स्वास्थ्य महानिदेशक से मुख्य चिकित्सा अधिकारी के खिलाफ शिकायत की है। प्रदीप कुमार गर्ग की शिकायत पर महानिदेशक ने जांच का आदेश दिया है। प्रदीप कुमार गर्ग ने बताया कि उनकी बेटी की शादी नोएडा के सेक्टर-44 में रहने वाले सेवानिवृत्त कर्नल जेआर शर्मा के बेटे से हुई थी। प्रदीप कुमार गर्ग का आरोप है कि उनकी बेटी को ससुराल वालों ने दहेज के लिए प्रताड़ित किया। उस पर जानलेवा हमला किया गया। उन्हें जानकारी हुई तो वह अपने बेटे के साथ बेटी के ससुराल पहुंचे। उसे नोएडा के सेक्टर-68 के अस्पताल में भर्ती किया। इस मामले में एफआईआर दर्ज हुई और पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेजा। 

प्रदीप कुमार गर्ग का कहना है कि कुछ दिन बाद मुख्य चिकित्सा अधिकारी के कार्यालय ने आरटीआई के तहत कर्नल जीआर शर्मा को एक सूचना उपलब्ध करवाई। जिसमें बताया कि मेरी बेटी का इलाज जिस अस्पताल में हुआ था, वह स्वास्थ्य विभाग में पंजीकृत नहीं है। इस आधार पर अस्पताल के मालिक मेरे, मेरे बेटे और बेटी के खिलाफ जालसाजी का मुकदमा दर्ज करवा दिया गया। पुलिस ने मुझे मेरे बेटे और डॉक्टर को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया। जब हम लोग जेल से छूटकर आए तो मुख्य चिकित्सा अधिकारी के कार्यालय से संपर्क किया गया। इस बार मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने आरटीआई के तहत जवाब दिया कि अस्पताल पंजीकृत है। कर्नल शर्मा के दबाव और लालच के चलते गलत सूचना दे दी गई थी।

प्रदीप कुमार गर्ग का कहना है कि उन्होंने इस पूरे मामले की शिकायत गौतमबुद्ध नगर के पुलिस आयुक्त आलोक कुमार सिंह और उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य महानिदेशक से की है। दोनों उच्च अधिकारियों के सामने सारे दस्तावेज पेश किए हैं। पुलिस कमिश्नर ने पूरे मामले की नए सिरे से जांच करने का आदेश दिया है। दूसरी ओर स्वास्थ्य महानिदेशक ने मेरठ के अपर निदेशक को गौतमबुद्ध नगर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी के खिलाफ जांच करने का आदेश दिया है।

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