आजकल के एंकर में धैर्य की बहुत कमी है, उत्तेजना बेहतर एंकर की पहचान नहीं है - अशोक श्रीवास्तव

आजकल के एंकर में धैर्य की बहुत कमी है, उत्तेजना बेहतर एंकर की पहचान नहीं है - अशोक श्रीवास्तव

आजकल के एंकर में धैर्य की बहुत कमी है, उत्तेजना बेहतर एंकर की पहचान नहीं है - अशोक श्रीवास्तव

IMS Noida |

आज कल के न्यूज एंकर में धैर्य एवं संयम की बहुत कमी दिखाई देती है। अच्छा एंकर बनने के लिए सबसे पहले पत्रकारिता के सामान्य नियमों का ज्ञान होना चाहिए। भाषा का ज्ञान सिर्फ इसके लिए काफी नहीं है। एंकर के पास शब्दकोष का भंडार होना चाहिए। दोनों पक्षों की बातों को आमने-सामने रखने का काम एंकर का होता है, जबकि आज एंकर हमलावर होता जा रहे हैं। डीडी न्यूज के न्यूज एंकर अशोक श्रीवास्तव एक कार्यक्रम में न्यूज एंकरिंग विषय पर अपने अनुभव साझा कर रहे थे। 


कार्यक्रम का आयोजन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज (आईएमएस) नोएडा के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग ने किया था। कार्यक्रम का विषय न्यूज एंकरिंग पर छात्रों का मार्गदर्शन करना था। कार्यक्रम में संस्थान की डीन प्रो. (डॉ.) मंजू गुप्ता, जनसंचार विभाग की कॉर्डिनेटर प्रो. श्रद्धा पुरोहित और भारी संख्या में शिक्षक एवं छात्र शामिल रहे। कार्यक्रम का संचालन प्रो. (डॉ.) संदीप कुमार श्रीवास्तव ने किया।


प्रो. (डॉ.) मंजू गुप्ता ने कहा कि मीडिया का काम जनपक्ष को रखना है। न्यूज एंकर का यह दायित्व है कि वह भाषा की धार को समय-समय पर तराशता रहे। कार्यक्रम के संचालक प्रो. (डॉ.) संदीप कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि आज की पत्रकारिता में जो बदलाव आये हैं, वो समय की मांग के अनुरूप हैं। उन्होंने कहा कि आज के कार्यक्रम के संचालन में बीजेएमसी की छात्रा देवांशी चौधरी की भूमिका उल्लेखनीय रही।
 

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