Google Image | Paytm app restored on Google Play store
शुक्रवार को गूगल प्ले स्टोर से हटाए जाने के कुछ घंटे बाद ही पेटीएम ऐप को फिर से प्ले स्टोर में लिस्ट कर दिया गया। हालांकि पेटीएम फर्स्ट गेम्स ऐप अब भी गूगल प्ले स्टोर में लिस्ट नहीं किया गया है। इस गेमिंग ऐप को भी शुक्रवार को गूगल ने अपने प्ले स्टोर से हटा दिया था। पेटीएम के दूसरे ऐप्स जैसे पेटीएम फॉर बिजनेस, पेटीएम मॉल और पेटीएम मनी गूगल प्ले स्टोर में अब भी बने हुए हैं।
शुक्रवार को गूगल ने पेटीएम पर वित्तीय अनियमितताओं, गेम ऐप्स में सट्टेबाजी और धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए पेटीएम को गूगल प्ले स्टोर से हटा दिया था। गूगल की तरफ से कहा गया था कि पेटीएम अपने गेमिंग ऐप के जरिए सट्टेबाजी कर रहा है और उपभोक्ताओं को रिझाने के लिए वित्तीय अनियमितताओं को बढ़ावा दे रहा है। खासकर पेटीएम का क्रिकेट लीग ऐप गूगल के निशाने पर है।
गूगल की तरफ से इस बात पर जोर दिया गया है कि पेटीएम बार-बार गूगल की पॉलिसी का उल्लंघन कर रहा है। इसी वजह से पेटीएम को प्ले स्टोर से हटाया गया है। इस पर अपना पक्ष रखते हुए पेटीएम की तरफ से कहा गया है कि हमारा मकसद सिर्फ ऑनलाइन ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देना है। इस लिए उपभोक्ताओं को प्रोत्साहित करने के लिए पेटीएम की तरफ से उन्हें कैश रिटर्न या दूसरे तरह के ऑफर दिए जाते हैं। पेटीएम समय-समय पर उपभोक्ताओं के लिए कैशबैक कैंपेन्स चलाती रहती है। इसका लक्ष्य सिर्फ डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देना है।
पेटीएम का मकसद किसी भी तरह से सट्टेबाजी करना नहीं है। न ही पेटीएम अपने उपभोक्ताओं को किसी तरह की सट्टेबाजी करने के लिए प्रोत्साहित करता है। पेटीएम के संस्थापक और सीईओ विजय शेखर शर्मा ने शुक्रवार को एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा कि हम गूगल के फैसले से बहुत हैरान हैं। पर उन्होंने कहा कि प्ले स्टोर और ऐप की दुनिया में इस तरह के वाकयात होते रहते हैं। उन्होंने गूगल पर आरोप लगाया कि गूगल अक्सर बिना दूसरे पक्ष को सुने ही इस तरह के एकतरफा फैसले लेती रहती है। उन्होंने कहा कि गूगल खुद न्यायाधीश, वादी-प्रतिवादी और जूरी जैसा व्यवहार करती है।