Tricity Today | सचिन पायलट और जोगिंदर अवाना
राजस्थान में कांग्रेस सरकार पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और राज्य के डिप्टी चीफ मिनिस्टर सचिन पायलट आमने-सामने आ चुके हैं। अशोक गहलोत सीधे-सीधे सचिन पायलट पर भारत जनता पार्टी के साथ मिलकर सरकार को गिराने की साजिश रचने का आरोप लगा रहे हैं। यही वजह है कि राजस्थान पुलिस के स्पेशल ऑपरेशनल ग्रुप में आईपीसी की धारा 120-बी के तहत पूछताछ करने के लिए डिप्टी चीफ मिनिस्टर सचिन पायलट को नोटिस भेज दिया है। इसके बाद सचिन पायलट दिल्ली पहुंच चुके हैं। दूसरी ओर अशोक गहलोत ने रविवार की देर रात राज्य के मंत्रियों की बैठक जयपुर में बुलाई है।
सचिन पायलट के दिल्ली में डेरा डालने के पीछे जो वजह बताई जा रही हैं। पहली वजह यह है कि वह सोनिया गांधी से मुलाकात करके पूरे मामले पर चर्चा करना चाहते हैं। बताया जा रहा है कि सचिन पायलट सोनिया गांधी को साफ-साफ तौर पर बताना चाहते हैं कि वह गहलोत सरकार में बने रहने की स्थिति में नहीं हैं। सचिन पायलट सोनिया गांधी के सामने अपना समर्थन दिखाएंगे और अशोक गहलोत को हटाने की मांग करेंगे। राजनीतिक परंपराओं और दुविधाओं को ध्यान में रखते हुए यह साफ है कि सोनिया गांधी आसानी से सचिन पायलट के दबाव में नहीं आएंगी। सोनिया गांधी हाल-फिलहाल में अशोक गहलोत को हटाकर सचिन पायलट या किसी अन्य को राज्य का मुख्यमंत्री बनाने के लिए तैयार नहीं होंगी।
विश्वस्त सूत्रों से पता चल रहा है कि सोनिया गांधी से बातचीत का आशातीत परिणाम मिलने के बाद सचिन पायलट सोमवार की शाम को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करेंगे। जैसा कि जानकारी मिल रही है, उनके साथ 25 से 30 विधायक हैं। इन विधायकों के साथ सचिन पायलट भारतीय जनता पार्टी को समर्थन देने या पार्टी में शामिल होने की पेशकश करेंगे। इसके बाद राज्य में अशोक गहलोत सरकार को विदाई देने की तैयारी शुरू हो जाएंगी। दिल्ली के इस घटनाक्रम के बाद राजस्थान में असेंबली के गुणा-भाग पर काम शुरू होगा।
गौतम बुध नगर के लोगों की राजस्थान में चल रही उठापटक पर सीधी नजर
इस बीच गौतम बुध नगर के लोग भी राजस्थान सरकार में चल रही उठापटक पर बेहद करीबी से नजरें गड़ा कर बैठे हैं। दरअसल, सचिन पायलट गौतम बुध नगर के निवासी हैं। वह ग्रेटर नोएडा में वैदपुरा गांव के रहने वाले हैं। सचिन पायलट को गौतम बुद्ध नगर जिले में बेहद पसंद किया जाता है उनकी पहचान एक दिग्गज गुर्जर नेता के रूप में है सचिन पायलट के पिता राजेश पायलट वैदपुरा गांव में ही पले-बढ़े थे। दूसरी ओर राजस्थान की कांग्रेस सरकार को विधायक जोगिंदर सिंह अवाना समर्थन दे रहे हैं। जोगिंदर सिंह अवाना नोएडा के रहने वाले हैं। उन्होंने राजस्थान में अपनी राजनीतिक जगह बनाई और इस बार बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर जीत कर विधायक चुने गए हैं।
राजस्थान की सरकार को मजबूत करने के लिए जोगिंदर सिंह अवाना ने बहुजन समाज पार्टी छोड़कर कांग्रेस का दामन थाम लिया था। अब वह कांग्रेस के विधायक हैं। ऐसे में गौतम बुध नगर के लोग जोगिंदर सिंह अवाना के कदम पर भी नजर गड़ाकर बैठे हैं। लोग जानना चाह रहे हैं कि वह किसके साथ हैं? जोगिंदर सिंह अवाना मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खेमे में खड़े होंगे या डिप्टी चीफ मिनिस्टर सचिन पायलट के साथ रहेंगे?
इस मसले पर ट्राइसिटी टुडे ने जोगिंदर सिंह अवाना से बातचीत की है। जोगिंदर सिंह अवाना ने साफ-साफ कहा कि राजस्थान में जो कुछ हो रहा है, वह भारतीय जनता पार्टी करवा रही है। अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच कोई मनमुटाव या गतिरोध नहीं है। जब उनसे पूछा गया कि राजस्थान पुलिस ने अपने ही डिप्टी सीएम को पूछताछ करने के लिए नोटिस भेज दिया है। इस पर उन्होंने कहा कि ऐसे नोटिस तो कई विधायकों को भेजे गए हैं। दरअसल, पुलिस राजस्थान सरकार को गिराने की साजिश रचने वाले लोगों की भूमिका का पुख्ता पता लगाने के लिए विधायकों से बातचीत करना चाहती है। इसी सिलसिले में सचिन पायलट को भी नोटिस भेजा गया होगा।
जब अवाना से पूछा गया कि उनकी स्थिति क्या है, तो जोगेंद्र सिंह अवाना ने साफ कहा कि वह सरकार के साथ हैं। राजस्थान सरकार स्थिर है। 25-30 विधायक सचिन पायलट के साथ हैं। कई निर्दलीय विधायकों का समर्थन भी सचिन पायलट के पास है। इस सवाल पर जोगिंदर सिंह अवाना ने कहा कि अगर 25-30 विधायक कांग्रेस छोड़कर चले भी जाएं तो भी राजस्थान सरकार नहीं गिरेगी। राजस्थान सरकार को किसी भी तरह का संकट नहीं है। जोगिंदर सिंह अवाना का कहना है कि यह गतिरोध अगले एक-दो दिन में पूरी तरह समाप्त हो जाएगा। कुछ विधायकों की समस्याएं थीं, उनकी बातें सुनी जा रही हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत खुद उन लोगों से बात कर रहे हैं। कांग्रेस का हाईकमान भी विधायकों के संपर्क में है।
जोगिंदर सिंह अवाना से पूछा गया कि वह इस वक्त कहां है? जोगिंदर सिंह अवाना ने कहा कि यह वक्त हम लोगों के लिए जयपुर में रहने का है। मैं इस वक्त जयपुर में हूं। पूरी तरह सरकार और मुख्यमंत्री के साथ हूं। कुल मिलाकर राजनीतिक दृष्टिकोण से आने वाले दो-तीन दिन राजस्थान सरकार के लिए बड़े महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं। दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी के नेता पूरे मामले पर पल-पल की जानकारी जुटा रहे हैं। राजस्थान भाजपा के अध्यक्ष ने कहा कि हम इस पूरे मामले में कुछ भी करने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। हम लोग तो दर्शक दीर्घा में बैठकर पूरा तमाशा देख रहे हैं। राजस्थान सरकार को गिराने के लिए भाजपा को कुछ भी करने की आवश्यकता नहीं है। इन लोगों के खुद के हालात इतने खराब हैं कि सरकार अपने आप ही गिरा लेंगे।