Google Image | जेपी नड्डा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 70वें जन्म दिवस पर भारतीय जनता पार्टी पूरे देश में सोमवार से सेवा सप्ताह शुरू कर रही है। यह सेवा सप्ताह 20 सितंबर तक चलेगा। राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम की शुरुआत करने के लिए भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा सोमवार की सुबह नोएडा के छपरौली गांव में पहुंचे। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष का आगमन हुआ तो जिले में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी संभाल रहे नेताजी भी कार्यक्रम में पहुंच गए। इतना ही नहीं कभी जेपी नड्डा को अपना जूनियर बताने वाले नेताजी आज सुबह से ही डीएनडी पर उनका भव्य स्वागत करने के लिए आतुर खड़े नजर आए। जिले के लोगों ने नेताजी को देखकर अध्यक्ष जी का आभार जताया है। लोगों का कहना है कि कम से कम नड्डा साहब के आगमन की बदौलत नेताजी बिल से बाहर तो निकले।
दरअसल, कई महीनों से कोरोना वायरस के संक्रमण का बहाना बनाकर नेताजी लोगों की समस्याएं नहीं सुन रहे थे। कोई किसी कार्यक्रम में बुलाने के लिए फोन करता तो उसे कोरोना का बहाना सुना देते थे। हद तो तब हो गई थी, जब भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा के एक बड़े, वरिष्ठ और जिम्मेदार पदाधिकारी ने नेताजी से कार्यक्रम में शरीक होने के लिए निवेदन किया था। नेताजी ने किसान मोर्चा के पदाधिकारी से मिलने से साफ इंकार कर दिया था। यह मामला संघ और भाजपा में शीर्ष नेतृत्व तक पहुंचाया गया।
अब सोमवार की सुबह से नेताजी राष्ट्रीय अध्यक्ष के अगवानी में पलक पांवड़े बिछाकर खड़े रहे। जिले में नड्डा साहब के दाखिल होने से लेकर वापसी में उन्हें दिल्ली की सीमा तक पहुंचाने की पूरी जिम्मेदारी उन्होंने निभाई। नेताजी की कार्यक्रम में सक्रियता देखकर भाजपा के तमाम पदाधिकारी चर्चा करते नजर आए। गौतमबुद्ध नगर भाजपा के नेता हंसी-मजाक में कहते सुने गए, "चलो कम से कम अध्यक्ष जी के बहाने ही सही, भाई साहब बिल से बाहर तो निकले।"
भाजपा नेताओं और शहर के आम आदमी का कहना है कि भाई साहब का वक्त निकल चुका है। अब जनता दरबार में जाने के लिए लंबा समय पड़ा है। लिहाजा, लोगों की समस्याएं सुनने और उनका निदान तलाशने में कौन वक्त खराब करे। दूसरी ओर राज्य में अपनी ही पार्टी की सरकार होने के बावजूद कोई खास तरजीह नहीं मिल रही है। पब्लिक के काम आते हैं तो उन्हें करवाने के लिए जिले में अफसरों के सामने पापड़ बेलने पड़ते हैं। जिसकी वजह से किरकिरी होती है। पिछले दिनों ऐसे एक-दो मामलों के चलते पूरे जिले में हवा उड़ गई कि भाई साहब की कोई सुन नहीं रहा है। लिहाजा, नेताजी जनता से दूरी बनाकर ही आराम फरमा रहे हैं।
ताकत तो तब मिले जब जनता के बीच रहें
लोगों का कहना है कि भाई साहब को सरकार और प्रशासन के सामने ताकत तो तब मिले जब जनता में रहें। सरकार से लेकर पुलिस-प्रशासन और जनता में मैसेज है कि नेताजी की नेतागिरी मोदी जी के भरोसे चल रही है। जिले की राजनीति पर अच्छी पकड़ रखने वाले लोगों का तो यहां तक कहना है कि अभी तक पार्टी के पास नेताजी का कोई विकल्प नहीं था। जिसकी वजह से एक बैल की दांय चल रही थी। भाई साहब तमाम जिम्मेदारियां अपने ऊपर बताकर पार्टी नेतृत्व पर भी एहसान जताते थे। अब पार्टी ने नेताजी का वजन कम करने के लिए जोड़ीदार तलाश कर लिया है। लिहाजा, आने वाले दिनों के लिए पार्टी ने नेताजी का मजबूत विकल्प खड़ा कर दिया है। सोमवार को राष्ट्रीय अध्यक्ष के कार्यक्रम में दौड़-धूप करने की एक बड़ी वजह यह भी बताई जा रही है।
एक वक्त था जब नेताजी कहते थे कि पार्टी मुझे यूपी का अध्यक्ष बनाने के लिए पीछे पड़ी हुई है। मैं बार-बार मना कर रहा हूं। वह लोगों को अहसास करवाते थे कि उनकी गुफा से ही पार्टी चल रही है। जब पूरे देश में 9 से 12 वाले नाइट शो खत्म हो जाते थे, तब नेताजी की गुफा में दरबार शुरू होता था। अब नेताजी की गुफा सूनी पड़ी है। अब मॉर्निंग शो वाले धुरंधर जिले में जमकर वाहवाही बटोर रहे हैं। जिले के लोगों का कहना है कि नेताजी ने कभी दस्तूर के मुताबिक मॉर्निंग शो किया ही नहीं।