मकौड़ा के ग्रामीणों ने आज सुबह सैकड़ों महिलाओं के साथ किया प्रदर्शन, पंचायत में बोले- किसी कीमत पर प्राधिकरण को जमीन नहीं देंगे

जमीन का अधिग्रहण वर्ष 2008 में प्राधिकरण ने अर्जेंसी क्लोज लगाकर किया था। मकौड़ा के ग्रामीणों ने आज सुबह सैकड़ों महिलाओं के साथ किया प्रदर्शन, पंचायत में बोले- किसी कीमत पर प्राधिकरण को जमीन नहीं देंगे

मकौड़ा के ग्रामीणों ने आज सुबह सैकड़ों महिलाओं के साथ किया प्रदर्शन, पंचायत में बोले- किसी कीमत पर प्राधिकरण को जमीन नहीं देंगे

Tricity Today | विरोध करते ग्रामीण

ग्रेटर नोएडा में मकौड़ा गांव के लोगों ने रविवार सामाजिक दूरी का पालन करते हुए पंचायत का आयोजन किया। जिसमें पूरे गांव के लोग सम्मलित हुए। इस पंचायत की अध्यक्षता संजय सिंह भाटी ने की और संचालन ड़ा.यतेंद्र भाटी ने किया। ग्रामीणों ने फैसला लिया है कि किसी भी सूरत में विकास प्राधिकरण को जमीन नहीं देंगे। मंगलवार की सुबह किसानों को पता चला कि प्राधिकरण के अफसर और कर्मचारी जमीन पर कब्जा लेने आ रहे हैं, यह जानकारी मिलते ही सैकड़ों महिलाएं और पुरुष गांव के बाहर एकत्र हो गए।

ग्रामीणों ने बताया कि मकौड़ा गांव के किसानों की जमीन का अधिग्रहण वर्ष 2008 में प्राधिकरण ने अवैधानिक तरीक़े से अर्जेंसी क्लोज लगाकर किया था। जिसके बाद मकौड़ा के किसान राधेश्याम आदि ने उच्चतम न्यायालय में याचिका दाखिल की। याचिका पर दिनांक 15 अप्रैल 2011 को अदालत ने फैसला सुनाया था। कोर्ट ने अधिग्रहण रद्द कर दिया। अदालत ने कहा कि ये सारी अधिग्रहण प्रक्रिया अंसवैधानिक और अवैध है। जिसके बाद ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के नाम हटाकर ग्रामवसियों के नाम खतौनी में दर्ज कर दिए गये थे।

इन लोगों का आरोप है कि अदालत के इस आदेश के बाद ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण किसानों से जबरदस्ती और अंसवैधानिक तरीके से जमीन छीनने की कोशिश कर रहा है। इस आदेश का लाभ अधिग्रहण से प्रभावित 39 गांवों के किसानों को 64% मुवावजा और 10% आबादी के रूप में भी मिला। इसके बाद ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने प्रशासन के साथ सांठगांठ कर ली। अवैध और अंसवैधानिक कृत्य करते हुए अपना नाम भी दस्तावेजों में मकौड़ा के किसानों के नाम के साथ ज़बरन दर्ज करवा लिया। इसके बाद से ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण किसानों पर जबरन प्रशासनिक दबाव बनाकर भय का माहौल पैदा कर रहा है। ताकि किसानों की जमीन हड़प सके।

ग्रामीणों ने कहा, इसी कड़ी में प्राधिकरण ने ज़िलाधिकारी से ग्राम मकौड़ा का अवैध और अवैधानिक अधिग्रहण अवार्ड 10 नवंबर 2020 को घोषित करवाया है। जिसका पूरा ग्राम विरोध करता है। प्रशासन और प्राधिकरण के ख़िलाफ़ सम्पूर्ण गांव के किसान एकसाथ आकर लड़ाई लड़ने के लिये तैयार हैं। निर्णय लिया है कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण और प्रशासन किसानों की जमीन को छीनने के लिए कोई अवैधानिक कार्यवाही करता है तो ग्रामवासी हर तरह की क़ुर्बानी देने के लिये तैयार हैं। किसान जमीन के लिए जान देने से भी पीछे नहीं हटेंगे।

निशान्त मकौड़ा ने कहा, मंगलवार की सुबह जानकारी मिली कि प्राधिकरण का अमला जमीन पर कब्जा लेने आ रहा है। इसके बाद सैकड़ों ग्रामीण और महिलाएं वहां पहुंच गए। निशांत ने कहा, गांव के सारे लोग और विशेष रूप से युवा आगे रहेंगे। क़ानूनी लड़ाई से लेकर आंदोलन तक प्राधिकरण के ख़िलाफ़ लड़ाई लड़ी जाएगी। पंचायत में मास्टर जागीर, सुधीर प्रधान, राजकुमार प्रधान, कृष्ण पाल भाटी, नरेन्द्र भाटी, योगेंद्र भाटी, मनोज भाटी, धीरे भाटी, कपिल भाटी एडवोकेट, मिंटू भाटी एडवोकेट, अमित भाटी, दीपक भाटी, कुलदीप भाटी, रवि भाटी, संदीप भाटी, नीर भाटी, पवन भाटी, विनोद भाटी और रामधन भाटी मुख्य रूप से मौजूद रहे।

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