ग्रेटर नोएडा में लोगों ने सड़कों पर धान की रोपाई की, विरोध के लिए नया तरीका चुना

ग्रेटर नोएडा में लोगों ने सड़कों पर धान की रोपाई की, विरोध के लिए नया तरीका चुना

ग्रेटर नोएडा में लोगों ने सड़कों पर धान की रोपाई की, विरोध के लिए नया तरीका चुना

Tricity Today | ग्रेटर नोएडा में लोगों ने सड़कों पर धान की रोपाई की

सामाजिक संगठन ने गड्ढे और जलभराव वाली सड़क पर धान रोपाgangaशिकायत करने के बावजूद विकास प्राधिकरण ने कोई सुनवाई नहीं कीgangaबरसात के कारण सैकड़ों गांवों में सड़कों का बुरा हाल, लोगों को परेशानी हो रही हैgangaविरोध जाहिर करने के लिए करप्शन फ्री इंडिया ने सड़कों पर धान रोपाई की है

ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण और यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के दायरे वाले सैकड़ों गांवों में सड़कों की हालत जर्जर है। बारिश के कारण हालात और ज्यादा खराब हो गए हैं। सड़कों में पड़े बड़े-बड़े गड्ढों में जलभराव हो गया है। जिसके चलते लोगों को भारी असुविधाओं का सामना करना पड़ रहा है। इन हालात का विरोध करने के लिए शुक्रवार को सामाजिक संगठन करप्शन फ्री इंडिया के सदस्यों ने पानी से लबालब सड़कों पर धान की रोपाई की है।

दनकौर क्षेत्र में यमुना और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की टूटी-फूटी गड्ढा युक्त और जलभराव वाली सड़कों पर करप्शन फ्री इंडिया संगठन ने अनोखे ढंग से विरोध जताया। संस्था के सदस्यों ने सड़क पर धान के पौधे रोपे। करप्शन फ्री इंडिया के संस्थापक प्रवीण भारतीय ने बताया कि क्षेत्र की तमाम सड़कों पर कई फुट गहरा पानी भरा हुआ है। सड़कों पर ग्रामीणों का आना-जाना दूभर हो गया है। इन सड़कों पर रोजाना दुर्घटनाएं भी हो रही हैं। विकास प्राधिकरणों और प्रशासन के सामने अपना विरोध जताने के लिए कार्यकर्ताओं ने सड़कों पर भरे पानी में शुक्रवार को धान के पौधे रोपे हैं।

इन लोगों का कहना है कि सड़कों का इस्तेमाल चलने के लिए तो नहीं हो पा रहा है, कम से कम बरसात के मौसम में धानुका कर खेती ही कर ली जाए। बरसात के चलते पूरे इलाके में सड़कों पर जलभराव हो गया है। क्रप्शन फ्री इंडिया के सदस्यों का कहना है कि इस बारे में ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण और यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण को पहले ही जानकारी दी गई थी। प्राधिकरण के अधिकारियों ने बरसात से पहले सड़कें बनाने का आश्वासन दिया था, लेकिन इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया। जिसकी वजह से सैकड़ों गांवों के लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

Copyright © 2023 - 2024 Tricity. All Rights Reserved.