BIG NEWS: शाहबेरी में बनी इमारतों की मियाद महज 10 साल

BIG NEWS: शाहबेरी में बनी इमारतों की मियाद महज 10 साल

BIG NEWS: शाहबेरी में बनी इमारतों की मियाद महज 10 साल

Tricity Today | शाहबेरी

आरटीआई में पूछे गए सवाल में हुआ खुलासाgangaकुछ समय पहले ही आईआईटी दिल्ली की टीम ने किया है शाहबरी में सर्वेgangaशाहबेरी में बनी है 426 रेजिडेसियल और 11 कमर्शियल बिल्डिंग

शाहबेरी में बनी इमारतों की मियाद महज 5 से 10 साल ही है। सुनने में यह बात बेहद अटपटी लग सकती है, लेकिन यही हकीकत है। इस बात का खुलासा पिछले दिनों आईआईटी दिल्ली द्वारा शाहबेरी में स्थित बिल्डिंगों के सर्वे करने के बाद बनाई गई रिपोर्ट में हुआ है। इस रिपोर्ट के संबंध में शाहबेरी निवासी एक युवक ने सूचना के अधिकार (आरटीआई) से सूचना मांगी। जिसमें है बात कही गई है। इस रिपोर्ट में शाहबेरी में बनी बिल्डिंगों को तीन कैटेगरी में भी रखा गया है।

शाहबेरी निवासी सचिन राघव ने बताया कि ग्रेनो प्राधिकरण ने मार्च माह में एक प्रेस नोट जारी किया था। जिसमें बताया था कि शाहबेरी में अवैध बिल्डिंगों की जांच आईआईटी दिल्ली द्वारा कर ली गई है। जिसमें से सिर्फ तीन ही बिल्डिंग सुरक्षित हैं और शेष बिल्डिंगों में विस्तृत विश्लेषण की आवश्यकता है। प्राधिकरण ने आईआईटी दिल्ली की रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया था। जिसके बाद शाहबेरी के लोगों ने इस रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की मांग की थी। लेकिन रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं हो पाई। उन्होंने बताया कि 20 मार्च को आरटीआई के माध्यम से आईआईटी दिल्ली की रिपोर्ट से संबंधित सूचनाएं मांगी गई थी। आईआईटी दिल्ली ने ई-मेल पर इस संबंध में सूचनाएं जारी की है। 

जांच को चार श्रेणियों में बांटा गया
शाहबेरी निवासी सचिन राघव ने बताया कि आईआईटी दिल्ली ने शाहबेरी में जो बिल्डिंगों की जांच की है उसे 4 श्रेणियों में बांटा गया है। पहली कैटेगरी में तीन बिल्डिंगों को ही सुरक्षित बताया गया है। दूसरी कैटेगरी में रिपोर्ट में कोई बिल्डिंग नहीं ली गई है। तीसरी कैटेगरी में 434 बिल्डिंगों को विस्तृत विश्लेषण की आवश्यकता श्रेणी में रखा गया है। ऐसे ही चैथी कैटेगरी में किसी भी बिल्डिंग का जिक्र नहीं किया गया है। 

इस प्रकार रखी गई हैं बिल्डिंगों की श्रेणी
आईआईटी दिल्ली द्वारा शाहबेरी में बनी बिल्डिंगों को जो सर्वे किया गया है उसमें लेस क्रिटिकल में 98 बिल्डिंग ली गई है। मीडियम क्रिटिकल में 260 बिल्डिंग और हाय क्रिटिकल में 74 बिल्डिंग ली गई है। 39 बिल्डिंग किसी भी श्रेणी में नहीं ली।

रिपोर्ट में यह भी बताया गया
आईआईटी दिल्ली द्वारा सूचना के अधिकार के तहत जवाब दिया है कि अधिकतर बिल्डिंगों में एक से डेढ़ मीटर तक के छज्जे निकाल रखे हैं। जिन पर बाथरूम बनाए गए हैं। पहली नजर में इमारत के लिहाज से कॉलम का साइज छोटा पाया गया है। बहुत सी बिल्डिंग में कॉलम के बीच की दूरी 6 मीटर है जो अधिक है। शाहबेरी की अवैध इमारतें भूकंप, तेज बारिश आदि जिले में भी सक्षम नहीं है। प्रत्येक बिल्डिंग का अलग समरसेबल है और आईटीआईदिल्ली ने अपनी रिपोर्ट में भी यही कहा है कि सारी बिल्डिंग में बोरवेल के द्वारा पानी निकाला जा रहा है। जो बिल्डिंगों की नींव को कमजोर करने का कारण भी बन रहा है। सेप्टिक टैंक और गंदा पानी भी अनियंत्रित खुली नालियों में बह रहा है। आईआईटी दिल्ली की रिपोर्ट बताती है कि शाहबेरी में सारी बिल्डिंगों की उम्र 5 से 10 साल है। जबकि होम लोन की ईएमआई का समय 15 से 25 साल का है। ऐसे में होम लोन की ईएमआई पूरे होने से पहले ही शाहबेरी की अवैध इमारतें या तो गिर चुकी होंगी या गिरने की स्थिति में होंगी।

शाहबेरी में बनी है इतनी बिल्डिंग
शाहबेरी निवासी सचिन राघव, अधिवक्ता हरप्रीत सिंह अरोरा, अभिनव खरे और मीना महापात्र ने बताया कि शाहबेरी में 11 कमर्शियल बिल्डिंग और 426 रेजिडेंशियल बिल्डिंगें बनी हुई हैं। जिनका सर्वे आईटीआई दिल्ली द्वारा किया गया है।

Copyright © 2023 - 2024 Tricity. All Rights Reserved.