BIG NEWS: ग्रेटर नोएडा में अब तक 326 औद्योगिक इकाइयों को दोबारा चालू करने की अनुमति मिली

BIG NEWS: ग्रेटर नोएडा में अब तक 326 औद्योगिक इकाइयों को दोबारा चालू करने की अनुमति मिली

BIG NEWS: ग्रेटर नोएडा में अब तक 326 औद्योगिक इकाइयों को दोबारा चालू करने की अनुमति मिली

Tricity Today | CEO GNIDA Narendra Bhushan IAS

इन इकाइयों में 21546 कर्मचारी काम कर सकेंगे। इसके अलावा 82 बिल्डरों को अनुमति दी गई है।gangaअब तक प्राधिकरण के पास 1042 औद्योगिक इकाइयों ने आवेदन किया है। इसमें से 326 औद्योगिक इकाइयों ने अनुमति दे दी है।gangaप्राधिकरण के पास अब तक 82 बिल्डर्स-डेवलपर्स ने आवेदन किया है। प्राधिकरण ने सभी को अनुमति दे दी है।

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण अपने क्षेत्र की औद्योगिक इकाइयों में काम करने की अनुमति दे रहा है। अब तक 326 औद्योगिक इकाइयों को खोलने की अनुमति दे दी गई है। इन इकाइयों में 21546 कर्मचारी काम कर सकेंगे। इसके अलावा 82 बिल्डरों को अनुमति दी गई है। इन बिल्डरों की साइट पर काम शुरू हो सकेगा।

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण सरकार की गाइड लाइन के तहत काम करने की अनुमति दे रहा है। अब तक प्राधिकरण के पास 1042 औद्योगिक इकाइयों ने आवेदन किया है। इसमें से 326 औद्योगिक इकाइयों ने अनुमति दे दी है। शेष आवेदनों को निरस्त कर दिया गया है। इसमें 21546 कर्मचारियों को काम करने का अवसर मिलेगा। वहीं, प्राधिकरण के पास अब तक 82 बिल्डर्स-डेवलपर्स ने आवेदन किया है। प्राधिकरण ने सभी को अनुमति दे दी है। इन साइटों पर 11813 मजदूर काम कर सकेंगे। प्राधिकरण ने शनिवार को शिक्षण संस्थान की साइट पर निर्माण कार्य  शुरू करने की अनुमति दी है।

औद्योगिक इकाइयों के लिए विशेष पैकेज की मांग

लॉकडाउन में बंद पड़ी औद्योगिक इकाइयों को बिना विशेष आपदा राहत पैकेज के देश की अर्थव्यवस्था पटरी पर नहीं लौटेगी। सरकारों को इसके लिए विशेष प्रयास करने होंगे। लॉकडाउन के प्रभाव से उबरने में चार से पांच साल लगेंगे। यह बात ग्रेटर नोएडा इंडस्ट्रीयल एसोसिएशन (अग्नि) के अध्यक्ष सहदेव शर्मा ने कही। उन्होंने कहा कि प्रशासन रेड, ऑरेंज और ग्रीन जोन में स्थित औद्योगिक इकाइयों को शुरू करने के लिए बिना भेदभाव स्वीकृति देनी चाहिए।

शर्मा ने कहा कि देश के  लगभग 36 करोड़ प्रवासी मजदूर देश के प्रमुख औद्योगिक शहरों में रह रहे हैं। इनमें नोएडा एवं ग्रेटर नोएडा भी प्रमुख औद्योगिक केन्द्र हैं। लॉकडाउन में बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूरों को उनके घर भेजा जा रहा है। ऐसे में बिना मजदूरों के उद्योगों का संचालन बहुत कठिन है। उन्होंने सरकारों से मजदूरों की समस्या के स्थाई समाधान की मांग की। एसोसिएशन के सचिव मुकेश शर्मा ने कहा कि उद्योगों को पुन: करने के लिए अनुमति प्रदान करने में प्रशासन भेदभाव कर रहा है।

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