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कोरोना के गंभीर मरीजों को ठीक करने के लिए प्लाज्मा थेरेपी कारगर साबित हो रही है। लेकिन प्लाज्मा देने वालों की अभी कमी है। यही कारण है कि प्लाज्मा के लिए अभी मरीजों और डॉक्टरों को परेशानी होती है। इस समस्या से निजात पाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने एक योजना बनाई है। सभी कोविड अस्पतालों में उपलब्ध प्लाज्मा की जानकारी एक स्थान से मिल सकेगी। इसके लिए नोडल सेंटर बनाया जाएगा। ताकि, मरीजों को प्लाज्मा दिया जा सके।
होम आइसोलेशन शुरू होने से अस्पतालों में बिना लक्षण वाले मरीजों में कमी आई है। गंभीर मरीजों को प्लाज्मा थेरेपी मिलना अभी चुनौती है। कोविड के गंभीर मरीजों की जान बचाने में सहायक बनने वाली प्लाज्मा थेरेपी के लिए प्लाज्मा मिलना मुश्किल हो रहा है। कई अस्पतालों में जरूरत के बाद भी प्लाज्मा नहीं मिलने की समस्या आ रही है। इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग ने अस्पतालों को कोप्ला (कोरेसेंट प्लाज्मा थेरेपी आईसीएमआर गाइडलाइन) योजना शुरू करने के लिए कहा है।
कोविड अस्पतालों में प्लाज्मा डोनेशन का लेखा-जोखा रखने के लिए टीम गठित होगी। सभी अस्पतालों से प्रतिदिन मिला डाटा एक जगह पर इकट्ठा किया जाएगा। इसके लिए नोडल सेंटर बनेगा ताकि यह पता चल सकेगा कि किस समूह का कितना प्लाज्मा मौजूद है। जरूरत पड़ने पर मरीजों को प्लाज्मा मिल सके। शारदा अस्पताल के मेडिकल सुप्रिटेंडेंट डॉ. आशुतोष निरंजन ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के निर्देश पर शारदा अस्पताल में प्लाज्मा थेरेपी की व्यवस्था के लिए एक टीम गठित की गई है। इस टीम का नाम शारदा कोप्ला दिया गया है। यह प्लाज्मा का हिसाब किताब रखेगी।
स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक जिले के सभी कोविड-19 अस्पतालों में इस तरह की टीमों का गठन किया गया है। राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान और नोएडा में सुपर स्पेशलिटी चाइल्ड हॉस्पिटल में भी कोपला टीम गठित कर दी गई हैं। आपको बता दें कि वह गौतमबुद्ध नगर में पिछले 2 महीनों से लगातार बड़ी संख्या में कोरोना वायरस के मरीज मिल रहे हैं। अब तक जिले में 5748 लोग इस संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं।
हालांकि, गौतमबुद्ध नगर का रिकवरी रेट बहुत शानदार है। अब तक जिले के कोविड-19 अस्पतालों ने 4786 लोगों को स्वस्थ करके उनके घर वापस भेज दिया है। जिले में अब तक केवल 45 लोगों की मौत इस महामारी के कारण हुई है। दूसरी ओर लखनऊ, कानपुर, मेरठ, प्रयागराज, वाराणसी और आगरा जैसे जिलों में 244 से लेकर 100 लोगों की मौत हो चुकी हैं।