GHAZIABAD: पुलिस ने चेक पोस्ट पर बीमार बच्ची को एक घंटे रोका, दादा ने पांव पकड़कर इजाजत मांगी, गोद में मासूम ने दम तोड़ा

GHAZIABAD: पुलिस ने चेक पोस्ट पर बीमार बच्ची को एक घंटे रोका, दादा ने पांव पकड़कर इजाजत मांगी, गोद में मासूम ने दम तोड़ा

GHAZIABAD: पुलिस ने चेक पोस्ट पर बीमार बच्ची को एक घंटे रोका, दादा ने पांव पकड़कर इजाजत मांगी, गोद में मासूम ने दम तोड़ा

Tricity Today | प्रतीकात्मक फोटो

गाजियाबाद से बड़ा ही दिल दहलाने वाला मामला सामने आया है। यहां एक बच्ची को समय पर इलाज नहीं मिला और उसकी मौत हो गई है। इसके लिए बच्ची का परिवार पुलिसकर्मियों को जिम्मेदार ठहरा रहा है। परिजनों का आरोप है कि बच्ची के दादा ने पुलिसकर्मियों के पांव पकड़कर अस्पताल जाने की इजाजत मांगी। पुलिस ने उनकी एक नहीं सुनी और बच्ची ने उनकी गोद में ही दम तोड़ दिया।

परिजनों का आरोप है कि मेरठ-गाजियाबाद बॉर्डर की मोहिउद्दीपुर पुलिस चेक पोस्ट पर पुलिस कर्मियों ने चैकिंग के नाम पर एक घंटे से अधिक समय तक बच्ची को रोककर रखा। इस मामले में मेरठ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है। 

जानकारी के मुताबिक गाजियाबाद की वाल्मीकि कॉलोनी के रहने वाले राकेश कुमार मोदीनगर नगर पालिका में सफाई नायक के पद पर कार्यरत हैं। गुरुवार को राकेश कुमार जब ड्यूटी पर थे तो घर से फोन आया। परिजनों ने बताया कि उनकी पोती की तबीयत बहुत ज्यादा खराब है। 

एम्बुलेंस नहीं मिली, अपनी कार लेकर निकले
राकेश अपने साथियों को लेकर घर पहुंचे और बच्ची को पहले एक स्थानीय अस्पताल में लेकर गए। अस्पताल में मौजूद डॉक्टरों ने बच्ची की हालात गंभीर बताई और मेरठ के लिए रेफर कर दिया। राकेश को एम्बुलेंस नहीं मिली। वह अपने निजी वाहन से तीन साथियों को लेकर बच्ची को लेकर के लिए रवाना हो गए। 

मेरठ बन्द है कहकर पुलिस ने रोक लिया
राकेश ने बताया कि जब वह लोग दिल्ली-मेरठ हाइवे पर मेरठ की मोहिउद्दीपुर पुलिस चौकी पर पहुंचे तो वहां तैनात पुलिस कर्मियों ने उन्हें रोक लिया। मेरठ बंद होने की बात कहकर आगे नहीं जाने दिया गया। सफाई कर्मचारियों और पुलिस कर्मियों में इस बात को लेकर काफी नोकझोक भी हुई।

राकेश ने एक पुलिस वाले के पांव भी पकड़े
इतना ही नहीं राकेश ने एक पुलिसकर्मी के पैर पकड़कर उसे जाने देने का आग्रह भी किया। लेकिन पुलिसकर्मियों ने उन्हें नहीं जाने दिया। इसके बाद राकेश ने मोदीनगर में लोगों को फोन किया। शहर से अन्य लोगों पहुंंचने लगे। इसके बाद उन्हें आगे जाने दिया। लेकिन बच्ची ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया। परिजनों का कहना है कि यदि समय रहते बच्च को इलाज मिल जाता तो शायद उसकी जान बच सकती थी। 

सभासदों ने मेरठ के एसएसपी से मिलने का समय मांगा
सभासद संघर्ष समिति के अध्यक्ष आशीष त्यागी ने बताया कि शुक्रवार को सभासदों का एक प्रतिनिधिमंड़ल मेरठ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से मिलकर दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग करेंगा। परिजनों ने इसकी शिकायत प्रदेश के मुख्यमंत्री से भी करने की बात कही है। इलाज नहीं मिलने और पुलिस से असहयोग के कारण बच्ची की मौत के बाद सफाई कर्मचारियों में रोष व्याप्त है।

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