Tricity Today | Rahul Gandhi
कांग्रेस के पूरी अध्यक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को कोरोना वायरस और लॉकडाउन पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पत्रकारों से बात की। प्रेस कॉन्फ्रेंस में ट्राईसिटी टुडे ने भी भाग लिया। राहुल गांधी ने कहा, सिर्फ लॉकडाउन से कोरोना को मात नहीं दी जा सकती है। इसके लिए देश में पीड़ित और संदिग्ध लोगों की टेस्टिंग को बढ़ाना होगा।
ट्राईसिटी टुडे की ओर से राहुल गांधी को सवाल भेजा गया, अब देश के हर निवासी का एक ही सवाल है आगे क्या होगा? इससे कैसे बचें? आपका क्या सोचना है? उन्होंने कहा, "हमारा देश किसी भी बीमारी से बहुत बड़ा है, देश के लोग डरें नहीं। हम इस बीमारी को मात देंगे और फिर सबसे बेहतरीन हालात में लौटकर आएंगे।"
उन्होंने कहा, "वह प्रधानमंत्री से कई मुद्दों पर अलग विचार रखते हैं, लेकिन आज लड़ने का वक्त नहीं है। अभी पूरा देश एकजुट होकर कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई लड़ें, इस वक्त की यह जरूरत है। मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ इस वक्त लड़ाई नहीं करना चाहता हूं।"
जब राहुल गांधी से एक पत्रकार ने सवाल पूछा कि उन्होंने ही सबसे पहले कोरोना वायरस पर सरकार को चेताया था, इसके जवाब में राहुल गांधी ने कहा कि उन्हें किसी चीज़ का क्रेडिट नहीं चाहिए, वह बस चाहते हैं कि लोग सुरक्षित रहें।
राहुल ने आगे कहा, "सिर्फ लॉकडाउन से कोरोना वायरस को नहीं हरा सकते हैं, ऐसे में सरकार को टेस्टिंग की सुविधा को बढ़ाना पड़ेगा। केंद्र सरकार को अधिक से अधिक ताकत राज्य सरकारों को देनी चाहिए, क्योंकि राज्य सरकार ही जमीनी लड़ाई लड़ रही हैं। केंद्र सरकार वहां तक नहीं पहुंच सकती है, जहां तक राज्य सरकारों का तंत्र है।
राहुल गांधी ने आगे कहा, सरकार को गोदामों में पड़े राशन को गरीबों को तत्काल देना चाहिए। अधिक से अधिक लोगों को राशन पहुंचाना होगा। हर हफ्ते प्रत्येक परिवार को कम से कम 10 किलो गेंहू-चावल, एक किलो दाल और एक किलो चीनी देने की जरूरत है।
राहुल गांधी गुरुवार की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान बेहद सधे, सुलझे और सहयोगी अंदाज में नजर आए। राहुल गांधी ने कोई भी आरोप-प्रत्यारोप वाले शब्दों या भाषा का इस्तेमाल बिल्कुल नहीं किया। राहुल गांधी ने सरकार को कई सुझाव दिए हैं। जिसमें 2 सुझाव महत्वपूर्ण हैं। पहला, कोरोनावायरस के संदिग्ध और संक्रमित मरीजों की पहचान के लिए टेस्टिंग और इलाज की सुविधाएं तेजी से विकसित की जाएं। दूसरा, लॉकडाउन के दौरान किसी भी व्यक्ति अथवा परिवार को भूखे मरने की नौबत में नहीं आना चाहिए। इसके लिए सरकार तेजी से राज्य सरकारों के सिस्टम का इस्तेमाल करें और हर जरूरतमंद तक पर्याप्त मात्रा में खाना पहुंचाने का इंतजाम करें।