नए साल में रेलवे रिजर्वेशन हो जाएगा बहुत आसान, यात्रियों को यह बड़ा तोहफा देगी भारतीय रेल

BIG NEWS : नए साल में रेलवे रिजर्वेशन हो जाएगा बहुत आसान, यात्रियों को यह बड़ा तोहफा देगी भारतीय रेल

नए साल में रेलवे रिजर्वेशन हो जाएगा बहुत आसान, यात्रियों को यह बड़ा तोहफा देगी भारतीय रेल

Google Image | प्रतीकात्मक फोटो

New Delhi : वर्ष 2020 रेलवे यात्रियों के लिए अच्छा नहीं बीता। हालांकि, भारतीय रेलवे (Indian Railways) ने सबसे बड़ी उपलब्धि कोविड काल में हासिल की। इस दौरान देश में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति बनाये रखी। देशभर में 63 लाख से अधिक श्रमिकों को उनके गृहक्षेत्र पहुंचाया। अब वर्ष 2021 की शुरुआत आईआरसीटीसी की नयी और आधुनिक वेबसाइट (IRCTC New Website) के साथ होगी। जिससे रेलवे रिजर्वेशन बेहद आसान हो जाएगा। ट्रेन की गति बढ़ेगी और समयबद्धता भी सुधरेगी।       

रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी विनोद कुमार यादव ने यहां एक वचुर्अल संवाददाता सम्मेलन में कहा कि वर्ष 2020 में रेलवे की सबसे बड़ी उपलब्धि कोविड काल में आवश्यक वस्तुओं की निबार्ध आपूर्ति सुनिश्चित करना रही है। रेलवे के समर्पित कर्मचारियों और अधिकारियों की निष्ठा व सेवा के कारण खाद्यान्नों, मेडिकल उपकरणों, दवाओं, तापविद्युत गृहों में कोयला, खाद आदि की आपूर्ति सुचारु रूप से जारी रही। रेलवे ने पार्सल ट्रेनों का परिचालन किया। यात्री गाड़ियों का दबाव नहीं होने के कारण मालगाड़ियों की औसत गति करीब दो गुनी हो गयी थी।

देशभर में 63.10 लाख श्रमिकों को घर पहुंचाया : विनोद यादव ने कहा कि दूसरा महत्वपूर्ण काम देशभर से करीब 63 लाख दस हजार श्रमिकों को विभिन्न राज्य सरकारों के सहयोग से 4621 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के जरिये उनके गंतव्य स्थानों तक पहुंचाना रहा। उन्होंने कहा कि रेलवे ने आपदा को अवसर में बदलते हुए इस दौरान संरक्षा के लंबित सभी कामों को अंजाम दिया। ढांचागत विकास के 350 आवश्यक कार्यों को त्वरित गति से पूरा किया। इस दौरान देशभर में 1367 पुलों की मरम्मत की गयी। जिससे संरक्षा और गति में सुधार हुआ है। ट्रैक अनुरक्षण, सिगनल, दूरसंचार, ओवरहेड इलेक्ट्रिक वायर, कोच, लोकोमोटिव आदि से संबंधित लंबित कमियों को दुरुस्त किया गया है। जहां ब्लॉक लेने की जरूरत थी, उन सभी कार्यों को पूरा किया गया है।

रेलवे ने 6000 विशेष रेलगाड़ियों का संचालन किया : उन्होंने कहा कि कोविड काल में रेलवे ने 5601 कोचों को कोविड केयर सेंटर में बदला और विभिन्न स्टेशनों पर तैनात किया गया। जिससे हजारों कोविड रोगियों के उपचार में मदद मिली। रेलवे ने कोविड के सभी प्रोटोकॉल का पालन करते हुए लोगों को आवागमन की सुविधा प्रदान करने के लिए 1100 स्पेशल ट्रेनें, 618 फेस्टिवल ट्रेनें, मुंबई, कोलकाता और चेन्नई में 3936 उपनगरीय ट्रेनें, कोलकाता में 264 मेट्रो ट्रेनें और 138 पैसेंजर गाड़ियों का परिचालन किया। 
     
पैसेंजर ट्रेन बन्द होने से आय घटी, 12 हजार करोड़ बचाए : कोविड काल में रेलवे पर पड़े आर्थिक प्रभाव का उल्लेख करते हुए विनोद यादव ने कहा कि रेलवे मालवहन क्षेत्र में किये उपायों से अब तक गत वर्ष की तुलना में 97.5 प्रतिशत से अधिक के स्तर पर आ गयी है। इन संकेतों से साफ है कि वित्त वर्ष की समाप्ति पर लाभ की स्थिति में आ जाएगी। उसे यात्री राजस्व में नुकसान होगा। लेकिन यात्री गाड़ियों के नहीं चलने से और अन्य उपायों से व्यय में भी 12 हजार करोड़ रुपए से अधिक कटौती हुई है। इस प्रकार से रेलवे का परिचालन परिव्यय के मामले में प्रदर्शन अच्छा ही रहेगा। 

मुम्बई-अहमदाबाद हाईस्पीड रेल का काम पूरा होगा : मुंबई-अहमदाबाद हाईस्पीड रेल परियोजना के बारे में एक सवाल के जवाब में विनोद यादव ने कहा कि इस परियोजना के लिए गुजरात में 90 प्रतिशत और महाराष्ट्र में करीब 15 प्रतिशत भू-अधिग्रहण हो चुका है। महाराष्ट्र सरकार ने रेलवे को आश्वासन दिया है कि अगले चार माह में 80 प्रतिशत से अधिक भू-अधिग्रहीत कर ली जाएगी। उन्होंने कहा कि रेलवे चाहती है कि पूरी परियोजना एक बार में ही बन जाये और उसे एक साथ खोला जाये। लेकिन यदि महाराष्ट्र में भू-अधिग्रहण की समस्या नहीं सुलझी तो उसे पहले चरण में गुजरात में वापी से साबरमती के बीच खोला जाएगा और बाद में बाकी हिस्से को पूरा किया जाएगा। 

ट्रेनों की रफ्तार 160 किलोमीटर प्रति घण्टा की जाएगी : रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष ने नये साल की प्राथमिकताओं के बारे में पूछे जाने पर कहा कि रेलयात्रियों के लिए टिकट बुकिंग आसान और सुविधायुक्त बनाने के लिए भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) की वेबसाइट को आधुनिक व नया स्वरूप दिया गया है। जिसे नववर्ष में रेल मंत्री पीयूष गोयल लोकार्पित करेंगे। उन्होंने कहा कि रेलवे ने 2020 में मालगाड़ियों की औसत गति में सुधार किया है। प्रमुख शहरों को जोड़ने वाली गोल्डन कॉर्ड (जीसी) और गोल्डन क्वार्डिनल (जीक्यू) लाइनों पर गति अवरोधों को दूर करके गतिसीमा 160 किलोमीटर प्रतिघंटा की जा रही है। दिल्ली-मुंबई और दिल्ली-हावड़ा लाइनों की सेक्शनल गति 160 किलोमीटर प्रतिघंटा करने के लिए काम शुरू हो चुका है। अन्य जीसी और जीक्यू मार्गों पर गतिसीमा 130 किलोमीटर प्रतिघंटा करने का काम जुलाई 2021 में पूरा हो जाएगा। जबकि 2525-26 तक इन्हें सेमीहाईस्पीड रेलमार्ग में बदल दिया जाएगा।

फ्रेट कॉरिडोर का 40 फीसदी रूट खोल दिया जाएगा : विनोद यादव ने कहा कि नये साल में जीरो बेस समय सारणी में गाड़ियों की गति बढ़ाकर यात्रा अवधि में कमी लायी जाएगी। मालगाडियों की औसत गति में अभी जो सुधार हुआ है, उसे बरकरार रखा जाएगा। उत्तर प्रदेश में कानपुर से खुर्जा के 351 किलोमीटर के सेक्शन और हरियाणा-राजस्थान में रेवाड़ी से मदार तक 306 किलोमीटर तक समर्पित मालवहन गलियारा (डीएफसी) खोला जा रहा है। मार्च तक खुर्जा से दादरी (46 किलोमीटर), मदार से पालनपुर (335 किलोमीटर) और सोननगर से दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन (137 किलोमीटर) के तीन खंड खोल दिये जाएंगे। इस प्रकार से 40 प्रतिशत डीएफसी यातायात के लिए खुल जाएगा।

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