ग्रेटर नोएडा पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे पर जुटे यूपी-हरियाणा के किसान, राकेश टिकैत ने सरकार को दी बड़ी चेतावनी

Farmers Protest: ग्रेटर नोएडा पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे पर जुटे यूपी-हरियाणा के किसान, राकेश टिकैत ने सरकार को दी बड़ी चेतावनी

ग्रेटर नोएडा पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे पर जुटे यूपी-हरियाणा के किसान, राकेश टिकैत ने सरकार को दी बड़ी चेतावनी

Google Image | राकेश टिकैत

केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले करीब 40 दिनों से उत्तर प्रदेश और हरियाणा के किसान दिल्ली की सीमाओं पर धरना दे रहे हैं। सोमवार को भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैट ने गाजीपुर से पलवल तक ट्रैक्टर रैली निकालने का ऐलान किया था। इसी सिलसिले में यूपी गेट बॉर्डर पर धरना दे रहे किसान ट्रैक्टर रैली लेकर गुरुवार की दोपहर ग्रेटर नोएडा पहुंचे। दूसरी ओर पलवल हरियाणा से भी किसानों की रैली ग्रेटर नोएडा आई। 

ग्रेटर नोएडा में ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे के सिरसा टोल प्लाजा पर उत्तर प्रदेश और हरियाणा के किसानों ने महापंचायत की। इस महापंचायत में राकेश टिकैत ने केंद्र सरकार को बड़ी चेतावनी दी है। टिकैत ने कहा, जब तक केंद्र सरकार कानून वापस नहीं ले लेगी, तब तक हम भी पीछे नहीं हटेंगे। सिरसा टोल प्लाजा से एक किलोमीटर आगे दोनों तरफ के किसानों ने दो घंटों तक महापंचायत की। इसके बाद उत्तर प्रदेश के किसान वापस गाजीपुर और हरियाणा के किसान पलवल अपने-अपने धरनास्थल पर लौट गए।

 भारतीय किसान यूनियन ने केंद्र सरकार के कृषि बिलों के खिलाफ गुरुवार को गाजीपुर बॉर्डर से पलवल तक ट्रैक्टर रैली का ऐलान किया था। सुबह ट्रैक्टरों का जत्था गाजियाबाद से निकला और ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे होते हुए ग्रेटर नोएडा में सिरसा टोल प्लाजा पहुंचा। यहां पुलिस ने किसानों को रोक लिया। सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस ने पुख्ता इंतजाम किए थे। इसके बाद पलवल से हरियाणा के किसानों का जत्था भी ग्रेटर नोएडा आ गया। दोपहर बाद अट्टा गुजरान गांव के पास हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसानों ने ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे पर ही महापंचायत की। 

महापंचायत में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा, "सरकार दिल्ली में गूंगी और बहरी होकर बैठ गई है। दिल्ली बॉर्डर पर किसान मर रहे हैं और सरकार को शर्म नहीं आ रही है। सरकार हमारे धैर्य की परीक्षा नहीं ले रही है, हम सरकार के धैर्य की परीक्षा ले रहे हैं। यहां शहादत देने वालों की कोई कमी नहीं है। जब तक किसान विरोधी बिलों को वापस नहीं ले लिया जाएगा, तब तक किसान दिल्ली को घेरकर धरने पर बैठे रहेंगे। हमने भीषण ठंड के बीच धरना स्थल नहीं छोड़ा है। अपना विरोध जाहिर करने के लिए हमारे वरिष्ठ साथियों ने अपनी जान दे दी। अब यहां से वापस लौटने का सवाल ही नहीं उठता है। अब हमारे साथ इससे ज्यादा बुरा और कुछ नहीं हो सकता है। केंद्र सरकार किसानों को बर्बाद करना चाहती है, लेकिन हम बर्बाद होने के लिए तैयार नहीं हैं।" 

महापंचायत में बुलंदशहर, गौतमबुद्ध नगर, अलीगढ़, आगरा, मथुरा और हाथरस के किसान भी यमुना एक्सप्रेसवे के रास्ते होते हुए पहुंचे।महापंचायत के बाद सारे किसान वापस लौट गए। शाम करीब 6 बजे ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे पर यातायात सामान्य हो गया।

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