जेवर एयरपोर्ट के इलाके में रहने वाले दुर्लभ काले हिरण देहरादून और आगरा जाएंगे

जेवर एयरपोर्ट के इलाके में रहने वाले दुर्लभ काले हिरण देहरादून और आगरा जाएंगे

जेवर एयरपोर्ट के इलाके में रहने वाले दुर्लभ काले हिरण देहरादून और आगरा जाएंगे

Tricity Today | जेवर एयरपोर्ट के इलाके में रहने वाले दुर्लभ काले हिरण देहरादून और आगरा जाएंगे

वन्य जीव परिषद ने जेवर एयरपोर्ट के आसपास जंगलों का सर्वे किया हैgangaपरिषद ने रिपोर्ट दी है कि यहां करीब 300 ब्लैकबक और फेलो डियर रह रहे हैंgangaवन्य जीव परिषद ने यमुना प्राधिकरण और वन विभाग को रिपोर्ट भेज दी हैgangaअब इन हिरणों को देहरादून, आगरा और अलीगढ़ के जंगलों में शिफ्ट किया जाएगाgangaसारे काले हिरणों को उत्तराखंड के राजाजी नेशनल पार्क में भेजा जाएगा

जेवर क्षेत्र में जहां इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनाया जाएगा उस पूरे इलाके में बड़ी संख्या में दुर्लभ प्रजाति के काले हिरण रह रहे हैं। यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने इन काले हिरणों के पुनर्वास का फैसला लिया है। इनको वन विभाग की मदद से देहरादून और आगरा के जंगलों में भेजा जाएगा। 

जेवर में बनने वाले इंटरनेशनल एयरपोर्ट से पहले इस क्षेत्र में रहने वाले काले हिरणों को उत्तराखंड के देहरादून में राजाजी नेशनल पार्क और उत्तर प्रदेश के आगरा में वन्य क्षेत्रों में भेजने की तैयारी शुरू कर दी गई है। पिछले दिनों वन्यजीव परिषद ने जेवर के जंगलों में काले हिरणों को लेकर सर्वे किया था। जिसके बाद वन्यजीव परिषद ने यमुना प्राधिकरण और वन विभाग के अधिकारियों को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। 

रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि इस क्षेत्र में 300 से अधिक काले और चितकबरे हिरण रह रहे हैं। जनपद गौतम बुध नगर की जेवर तहसील क्षेत्र में जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनाया जा रहा है। जेवर एयरपोर्ट यमुना प्राधिकरण के अधिकारियों की देखरेख में बनेगा। एयरपोर्ट बनने से जहां जिले में विकास की नई परिभाषा लिखी जाएगी, वहीं आसपास के क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर भी खुलेंगे।

जेवर एयरपोर्ट जिस स्थान पर बन रहा है, वहां पर बड़ा वन्य क्षेत्र है। जिसमें काले हिरण जैसे महत्वपूर्ण वन्य जीव निवास कर रहे हैं। एयरपोर्ट बनने से पहले इन वन्यजीवों को किसी दूसरे स्थान पर शिफ्ट करने का प्रावधान है। हिरणों की गिनती करने के लिए वन्यजीव परिषद ने कुछ समय पहले यहां पर सर्वे किया था। 

वन्यजीव परिषद के सर्वेक्षण में पता चला है कि काले और चितकबरे हिरण एयरपोर्ट बनने के बाद इसके आसपास के जंगलों में भी नहीं रह पाएंगे। इनका पारिस्थितिकी तंत्र पूरी तरह बदल जाएगा। लिहाजा वन्यजीव परिषद ने अपनी रिपोर्ट में काले हिरणों और दूसरे महत्वपूर्ण पशु-पक्षियों को उत्तराखंड और आगरा भेजने का सुझाव दिया है। वन विभाग के अफसरों ने बताया कि वन्यजीव परिषद की रिपोर्ट यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण और वन विभाग को सौंप दी गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि काले हिरणों को उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में राजाजी पार्क और उत्तर प्रदेश के आगरा में वन्य क्षेत्र में शिफ्ट कर दिया जाए। यह रिपोर्ट मिलने के बाद जेवर के वन्य क्षेत्रों के हिरणों को इन स्थानों पर शिफ्ट करने की तैयारी शुरू हो गई है। 

फरवरी में नोएडा में वन्यजीव परिषद के साथ हो चुकी है बैठक

आपको बता दें कि फरवरी माह में वन्यजीव परिषद, वन विभाग और वन्य जीव विशेषज्ञों की बैठक आयोजित की गई थी। इस बैठक में हिरणों की गिनती करके उन्हें देहरादून, आगरा और अलीगढ़ के वन्य क्षेत्रों में भेजने पर चर्चा हुई। इस बैठक के बाद ही वन्यजीव परिषद की टीम ने जेवर एयरपोर्ट के आसपास वन्य क्षेत्र में हिरणों की गिनती करने का काम शुरू किया था।

300 से अधिक काले हिरण होने का अनुमान है

वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट जहां प्रस्तावित है, वहां काफी वन्य क्षेत्र है। जिसमें ब्लैकबक (काले हिरण) और फैलो डियर (चितकबरे हिरण) प्रवास करते हैं। रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि 300 से अधिक हिरणों को देहरादून व आगरा शिफ्ट किया जाएगा। शिफ्ट करने के लिए दोनों ही स्थानों से विशेषज्ञों की टीम आकर उन्हें बेहोश करेगी। उसके बाद अपने साथ ले जाएगी।
 
गौतम बुध नगर के डिस्ट्रिक्ट फारेस्ट ऑफिसर पीके श्रीवास्तव ने बताया, "जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल है। एयरपोर्ट के आसपास के वन्य क्षेत्रों में रहने वाले हिरणों की गिनती वन्यजीव परिषद द्वारा कराई गई थी। जिसकी रिपोर्ट यमुना प्राधिकरण और हमें प्राप्त हो गई है। रिपोर्ट का अध्ययन करने के बाद यहां रहने वाले हिरणों को शिफ्ट करने की योजना बनाई जाएगी।"

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