ग्रेटर नोएडा वेस्ट की एलिगेंट विले सोसायटी पर रिलायंस होम फाइनेंस कंपनी ने लगाया कब्जा लेने का नोटिस, बिल्डर 22 करोड़ का लोन नहीं चुका रहा

ग्रेटर नोएडा वेस्ट की एलिगेंट विले सोसायटी पर रिलायंस होम फाइनेंस कंपनी ने लगाया कब्जा लेने का नोटिस, बिल्डर 22 करोड़ का लोन नहीं चुका रहा

ग्रेटर नोएडा वेस्ट की एलिगेंट विले सोसायटी पर रिलायंस होम फाइनेंस कंपनी ने लगाया कब्जा लेने का नोटिस, बिल्डर 22 करोड़ का लोन नहीं चुका रहा

Tricity Today | एलिगेंट विले सोसायटी पर रिलायंस होम फाइनेंस कंपनी ने लगाया कब्जा लेने का नोटिस

ग्रेटर नोएडा वेस्ट में बिल्डर का एक और बड़ा कारनामा सामने आया है। शहर की एलिगेंट विले हाउसिंग सोसायटी पर रिलायंस होम फाइनेंस कंपनी ने एक नोटिस चस्पा किया है। नोटिस में बताया गया है कि बिल्डर लिया गया कर्ज चुकाने में नाकाम साबित हुआ है। डिफॉल्टर बिल्डर के खिलाफ रिलायंस होम फाइनेंस कंपनी ने गौतमबुद्ध नगर के अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) की अदालत में एक मुकदमा दायर किया था। जिसमें अपर जिलाधिकारी की कोर्ट ने बिल्डर को आदेश दिया है कि वह हाउसिंग सोसायटी का कब्जा कर्जदाता कंपनी को दे दे। इस आदेश की कंप्लायंस करने के लिए शनिवार को अपर जिलाधिकारी की अदालत में सुनवाई की जाएगी। नोटिस में कंपनी की ओर से लिखा गया है कि बिल्डर शनिवार को या इससे पहले संपत्ति पर कब्जा दे दे, नहीं तो उनका अधिकृत अफसर आदेश के सापेक्ष खुद कब्जा ले लेगा।

मिली जानकारी के मुताबिक एलिगेंट विले हाउसिंग सोसायटी बनाने वाले बिल्डर एलिगेंट इंफ्राकॉन प्राइवेट लिमिटेड में रिलायंस होम फाइनेंस से कर्ज लिया था। इसमें से करीब 22 करोड रुपए अब तक कंपनी को चुकाए नहीं गए हैं। बिल्डर डिफाल्टर हो गया है। कंपनी ने उसके खिलाफ गौतमबुद्ध नगर के अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) की न्यायालय में वाद दायर किया। जिसके आधार पर अपर जिलाधिकारी ने सोसाइटी की प्रॉपर्टी पर कब्जा लेने का आदेश कंपनी को दिया है। कंपनी की ओर से शुक्रवार को सोसाइटी में नोटिस चस्पा किए गए हैं। जिसमें आदेश का हवाला देते हुए शनिवार को या उससे पहले प्रॉपर्टी पर कब्जा देने की बात कही गई है। नोटिस में लिखा गया है कि अगर बिल्डर ने निर्धारित समयावधि में कब्जा नहीं दिया तो कंपनी का अधिकृत अधिकारी खुद इस संपत्ति पर कब्जा ले लेगा। इस मामले को लेकर शनिवार को अपर जिलाधिकारी की अदालत में सुनवाई भी होनी है। कंपनी की ओर से पूरे प्रकरण की जानकारी पुलिस को भी दी गई है।

सोसाइटी में इस तरह का नोटिस चस्पा होने के बाद निवासियों में खलबली मची हुई है। लोगों का कहना है कि बिल्डर ने उनके साथ धोखाधड़ी की है। बिल्डर पूरी प्रॉपर्टी खरीदारों को बेच चुका है। ऐसे में बिल्डर का हाउसिंग सोसायटी पर कोई हक नहीं बचा है। बिल्डर और रिलायंस होम फाइनेंस कंपनी ने मिलीभगत करके कर्ज का लेनदेन किया है। यह पूरी तरह अनाधिकृत है। दूसरी ओर बिल्डर से खरीदे गए फ्लैट पर खरीदारों ने भी होम लोन ले रखा है। ऐसे में एक ही प्रॉपर्टी पर दो-दो बार बैंकों ने कर्ज कैसे दे दिया है। इन सारे मुद्दों को लेकर सोसाइटी के निवासी सवाल खड़े कर रहे हैं। इसके अलावा सोसायटी में रहने वाले सैकड़ों परिवार चिंता में डूब गए हैं। लोगों का कहना है कि अगर बिल्डर ने पैसा नहीं चुकाया तो उन लोगों को खामख्वाह परेशानी का सामना करना पड़ेगा।

इस पूरे प्रकरण पर एलिगेंट इंफ्राकॉन के मैनेजमेंट से बात करने की कोशिश की गई, लेकिन किसी की ओर से कोई जवाब नहीं दिया जा रहा है। आपको बता दें कि ग्रेटर नोएडा वेस्ट में बिल्डरों के एक से बढ़कर एक कारनामे सामने आते रहते हैं। घटिया निर्माण और घटिया उपकरणों का इस्तेमाल सोसायटियों में किया गया है। अब दूसरी ओर फाइनेंसियल करप्शन के मामले भी सामने आने लगे हैं। ग्रेटर नोएडा वेस्ट की कई हाउसिंग सोसायटियों के बिल्डर बैंक करप्ट हैं। जिसकी वजह से बैंक और दूसरे फाइनेंसियल इंस्टिट्यूशन अपना पैसा वसूल करने के लिए एनसीएलटी, अपीलेट ट्रिब्यूनल और दूसरे न्यायाधिकरण में दावा कर रहे हैं। दूसरी ओर इन हाउसिंग सोसायटी में रहने वाले परिवारों की परेशानियां बढ़ती जा रही हैं। बड़ी संख्या में ऐसे बिल्डर हैं, जिन्होंने घर तो बेच दिए लेकिन कंपलीशन नहीं कर पा रहे हैं। कुछ बिल्डरों ने घर बनाकर तैयार कर दिए हैं, लेकिन प्राधिकरण का पैसा नहीं जमा कर पाए हैं। जिससे कंपलीशन सर्टिफिकेट और ऑक्युपेंसी सर्टिफिकेट नहीं मिल पा रहे हैं। सोसायटियों में हजारों ऐसे परिवार रह रहे हैं, जिनके फ्लैट की रजिस्ट्री अभी तक उनके नाम नहीं हो पाई हैं।

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