नोएडा: सेक्टर-11 हादसे में ऋतु महेश्वरी ने दिए जांच के आदेश, 7 दिनों में देनी होगी रिपोर्ट

नोएडा: सेक्टर-11 हादसे में ऋतु महेश्वरी ने दिए जांच के आदेश, 7 दिनों में देनी होगी रिपोर्ट

नोएडा: सेक्टर-11 हादसे में ऋतु महेश्वरी ने दिए जांच के आदेश, 7 दिनों में देनी होगी रिपोर्ट

Tricity Today | सेक्टर-11 हादसे में ऋतु महेश्वरी ने दिए जांच के आदेश

शुक्रवार की रात शहर के सेक्टर-11 में एक इंडस्ट्रियल भूखंड पर चल रहा निर्माण ढह गया था। विकास प्राधिकरण ने इस मामले की जांच-पड़ताल शुरू की। पता चला कि भूखंड में तमाम तरह की दूसरी गतिविधियां भी संचालित हो रही थीं। इस हादसे में 2 लोगों की मौत हो गई और 3 लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। जानकारी सामने आने के बाद नोएडा विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी ऋतु महेश्वरी ने जांच करने के लिए तीन अफसरों की एक कमेटी का गठन किया है। अधिकारियों की यह कमेटी अगले 1 सप्ताह में रिपोर्ट पेश करेगी।

विकास प्राधिकरण कुछ जरूरी कदम उठा सकता है
ऋतु महेश्वरी ने जांच समिति में प्राधिकरण के विशेष कार्य अधिकारी अविनाश त्रिपाठी, महाप्रबंधक राजीव त्यागी और चीफ आर्किटेक्ट प्लानर सुधीर कुमार को शामिल किया है। आने वाले शुक्रवार तक इन तीनों अधिकारियों को अपनी जांच रिपोर्ट मुख्य कार्यपालक अधिकारी को देनी है। विकास प्राधिकरण से जानकारी मिली है कि औद्योगिक भूखंडों में चल रही गैर अनुमन्य गतिविधियों पर नियंत्रण करने के लिए एक विस्तृत कार्य योजना तैयार की जा रही है। जिस पर जल्दी ही अमल शुरू हो सकता है। आने वाले दिनों में विकास प्राधिकरण भूखंडों पर निर्माण के लिए पास किए गए नक्शों का सख्ती से पालन करवाएगा। गैर जरूरी निर्माण की जांच की जाएगी। अगर निर्माण मानकों के मुताबिक नहीं होगा तो उसे तोड़ा जाएगा। गैर जरूरी निर्माण भी तोड़ा जाएगा। अगर किसी भूखंड पर कंपाउंडिंग लायक निर्माण किया गया है तो विकास प्राधिकरण आवंटी से जुर्माना वसूल करके अतिरिक्त निर्माण को वैध घोषित करेगा।

प्राधिकरण से पास करवाए नक्शे का पालन न करना आम बात हुई
भूखंड आवंटी को निर्माण करने के लिए तय मानकों पर भवन का नक्शा बिल्डिंग बाइलॉज के मुताबिक पास करवाना होता है। अब शहर में यह आम चलन बन गया है कि लोग भूखंडों पर अनाप-शनाप ढंग से निर्माण कर रहे हैं। निर्माण करने के लिए प्राधिकरण से पास करवाए गए नक्शों का पूरी तरह पालन नहीं किया जाता है। भवन की ऊंचाई, ग्राउंड कवरेज, बेसमेंट, छज्जे, रैंप, दरवाजों की संख्या, चारदीवारी की ऊंचाई और दरवाजे की चौड़ाई जैसे मानकों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जिसकी वजह से अवैध निर्माण को बढ़ावा मिल रहा है। शहर की खूबसूरती भी खराब हो रही है।

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