Google Image | रिया चक्रवर्ती
सुशांत राजपूत की मौत के मामले में लगातार एक के बाद एक बड़े खुलासे हो रहे हैं। अब एक अंग्रेजी न्यूज चैनल ने रिया चक्रवर्ती की कॉल डिटेल हासिल करने में कामयाबी पाई है। अंग्रेजी न्यूज़ चैनल का दावा है कि रिया चक्रवर्ती मुंबई पुलिस के एक टॉप पुलिस अधिकारी के संपर्क में थी। दोनों के बीच मोबाइल फोन पर बातचीत हो रही थी। एक-दूसरे को मैसेज भेजे जा रहे थे। इस मामले को लेकर रिया चक्रवर्ती घिरती जा रही हैं। दूसरी ओर मुंबई पुलिस पर लगातार सवाल खड़े होते जा रहे हैं।
अंग्रेजी न्यूज़ चैनल का दावा है कि उसके पास रिया चक्रवर्ती की कॉल डिटेल रिपोर्ट उपलब्ध हैं। इस कॉल डिटेल रिपोर्ट का विश्लेषण करने पर यह जानकारी सामने आई है। मुंबई में बांद्रा के डीसीपी अभिषेक त्रिमुखे और रिया चक्रवर्ती के बीच लगातार बातचीत हो रही थी। इन दोनों के बीच 4 बार बातचीत हुई हैं। कुछ एसएमएस भी भेजे गए हैं। जिसके बाद इस मामले में नए सवाल खड़े हो गए हैं।
बिहार के डिप्टी चीफ मिनिस्टर सुशील कुमार मोदी और महाराष्ट्र भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज नेता नारायण राणे ने मुंबई पुलिस और महाराष्ट्र सरकार को कटघरे में खड़ा किया है। नारायण राणे ने तो गुरुवार को गंभीर आरोप लगाए थे। वह सीधे-सीधे इस मामले में मुख्यमंत्री के परिवार के सदस्यों को शामिल बता रहे हैं। दूसरी ओर बिहार के डिप्टी चीफ मिनिस्टर सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि मुंबई पुलिस पूरे मामले को जानबूझकर बर्बाद कर रही थी। अब तक पुलिस ने जांच के नाम पर केवल इस मामले को दबाया है। सुशांत सिंह राजपूत की मौत में कोई बड़ा राज शामिल है। जिसे बाहर आने से रोकने की कोशिश की जा रही है।
दूसरी ओर शुक्रवार को रिया चक्रवर्ती और उसका भाई प्रवर्तन निदेशालय के सामने हाजिर हुए हैं। दोनों से प्रवर्तन निदेशालय ने उनकी संपत्ति और बैंक खातों के बारे में विस्तार से जानकारी ली है। दो दिन पहले प्रवर्तन निदेशालय ने रिया चक्रवर्ती को नोटिस भेजकर हाजिर होने का आदेश दिया था। इस पूरे मामले में रिया चक्रवर्ती पर सुशांत सिंह राजपूत को बंधक बनाकर रखने उसे आत्महत्या के लिए प्रेरित करने और उसके बैंक खातों से करोड़ों रुपए की हेराफेरी करने के गंभीर आरोप हैं।
सुशांत सिंह राजपूत के पिता केके सिंह ने रिया चक्रवर्ती और उसके परिवार के छह सदस्यों को आरोपी बनाते हुए पटना में एफआईआर दर्ज करवाई थी। जिसके बाद बिहार पुलिस ने इस मामले में मुंबई पहुंच कर जांच पड़ताल शुरू की थी। मुंबई पुलिस और बिहार पुलिस के बीच गतिरोध बढ़ता चला गया और अंततः बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस पूरे मामले की जांच करने के लिए सीबीआई से सिफारिश कर दी। बाद में केंद्र सरकार ने दखल दिया और यह पूरा मामला जांच के लिए सीबीआई को भेज दिया है।