कृत्रिम बुद्धिमता हमारे जीवन के हर पहलू को प्रभावित कर रहा है, कोविड-19 के बाद इसकी जरूरत और बढ़ जाएगी – डॉ नाबिल

कृत्रिम बुद्धिमता हमारे जीवन के हर पहलू को प्रभावित कर रहा है, कोविड-19 के बाद इसकी जरूरत और बढ़ जाएगी – डॉ नाबिल

कृत्रिम बुद्धिमता हमारे जीवन के हर पहलू को प्रभावित कर रहा है, कोविड-19 के बाद इसकी जरूरत और बढ़ जाएगी – डॉ नाबिल

Amity University | Dr. Mohammad Nabil

कोविड-19 ने विश्व के हर क्षेत्र को प्रभावित किया है। इसकी वजह से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की भूमिका एवं महत्ता और बढ़ गई है। इजिप्ट (मिश्र) के अलेक्जेंडरिया विश्वविद्यालय के सहाय प्रोफेसर डॉ मोहम्मद नाबिल ने बुधवार को कोविड-19 के पश्चात आतिथ्य सत्कार एंव टूरिस्म में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की जरूरत और भूमिका के संबंध में छात्रों संग अपने विचार साझा किए। इस वेबिनार का आयोजन एमिटी विश्वविद्यालय ने किया था।


डॉ नाबिल ने छात्रों को जानकारी देते हुए कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस या कृत्रिम बुद्धिमता केवल नई तकनीक या स्वचलित क्षमता का विकास नही है बल्कि यह अपरिहार्य परिवर्तन को प्रतिनिधित्व कर रहा है। कोविड-19 हॉस्पिटालिटी एवं पर्यटन के क्षेत्र में उस परिवर्तन के लिए मजबूर कर रहा है। गूगल के सीईओ सुदंर पिचाई ने भी कहा है कि हम मोबाइल प्राथमिकता से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस प्राथमिकता की ओर बढ़ रहे है। उन्होनें कहा कि हॉस्पिटालिटी के क्षेत्र में पिछले दस सालों में व्यापक स्तर पर बदलाव दिख रहा है।


डॉ नाबिल ने कहा कि इंटरनेट एंव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आज ग्राहक को हर स्तर पर प्रभावित कर रहा है। होटल का संचालन करने वाले इस नई तकनीकी का उपयोग ग्राहकों को लूभाने और समस्या का हल खोजने में कर रहे है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस संचालित रोबोटिक्स का उपयोग ग्राहक सेवा और बुनियादी कार्य के लिए किया जा रहा है। 


आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के चैटबोर्ड एंव संदेश सेवा का उपयोग ग्राहक के साथ सोशल मीडिया के विभिन्न मंचों पर चैट के लिए और उनके प्रश्नों का जवाब देने के लिए हो रहा है। इसके अतिरिक्त डाटा विश्लेषण, वर्चुअल रियलिटी, सेल्फ सर्विस तकनीक, बायोमेट्रिक आदि में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग हो रहा है। इस मौके पर विश्वविद्यालय के तमाम शिक्षकों और छात्रों ने डॉ नाबिल से अपने सवालों के जवाब जाने।

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