Tricity Today | प्रतीकात्मक फोटो
नोएडा, ग्रेटर नोएडा, ग्रेटर नोएडा वेस्ट और गाजियाबाद की हाउसिंग सोसायटी-सेक्टरों में देखभाल करते-करते रेजिडेंट्स वेलफेयर असोसिएशन (RWA) और अपार्टमेंट ओनर्स एसोसिएशन (AOA) अब कानून भी बनाने लगी हैं। कई बार इनके बनाए नियम-कायदे तुगलकी फरमान साबित होते हैं। यह कायदे वहां रहने वाले निवासियों पर कितने भारी पड़ जाते हैं, इसका अंदाजा लगाने के लिए हम कुछ मामले आपके सामने पेश कर रहे हैं।
युवक को सोसायटी में जाने के करवाना पड़ा मेडिकल टेस्ट
लॉकडाउन में दूसरी जगहों पर फंसे लोग कर्फ्यू पास लेकर जैसे-तैसे घर पहुंच रहे हैं। अगर उन्हें सोसायटी में दाखिल नहीं होने दिया जाए और कहा जाए कि पहले सीएमओ से सर्टिफिकेट लेकर आओ तो क्या हालत होगी? लोग पुलिस से गुहार लगाएं और पुलिस भी हाथ खड़े कर दे तो क्या होगा? ऐसा ही एक मामला गुरुवार को नोएडा में सेक्टर-120 आम्रपाली जोडिएक सोसायटी में सामने आया।
लखनऊ से एक युवक यहां अपने घर पहुंचा था। उसे सोसायटी में घुसने नहीं दिया गया। इसको लेकर लड़के के परिजनों और एओए के बीच कहासुनी हुई। मामला पुलिस तक पहुंचा। पुलिस सोसायटी में पहुंची, लेकिन सोसायटी के पदाधिकारी युवक को बिना मेडिकल सर्टिफिकेट अंदर नहीं घुसने देने पर अड़े रहे। युवक को मजबूर होकर सीएमओ ऑफिस जाना पड़ा और अपना सर्टिफिकेट बनवाना पड़ा। इसके बाद सोसायटी वालों ने उसे उसके घर में घुसने दिया।
सोसायटी की एओए के प्रेजिडेंट जोगेंदर सिंह का कहना है कि लड़का गलत तरीके से पास बनवाकर सोसायटी में पहुंचा था। इस वजह से उससे सोसायटी में प्रवेश के लिए मेडिकल सर्टिफिकेट की मांग की गई थी। युवक लखनऊ से आया है जो कि एहतियातन होम क्वारंटीन में है। एओए प्रेजिडेंट जोगिंदर सिंह ने कहा कि युवक के फ्लैट पर क्वारंटीन का नोटिस चस्पा नहीं है। यह गलत है। युवक के घर के पास नोटिस लगा होना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर सोसायटी में कोई बीमार होता है तो इसकी जिम्मेदारी सीएमओ और जिला प्रशासन की होगी।
एओए (अपार्टमेंट ओनर्स असोसिएशन) और मेंटिनेस डिपार्टमेंट की तरफ से शुक्रवार को सोसायटी में नोटिस चस्पा किया गया है। इस नोटिस में लिखा है कि अगर कोई भी व्यक्ति 24 घंटे से अधिक समय बाहर रहकर सोसायटी में वापस आता है तो उसको सरकारी अस्पताल में जांच के बाद रिपोर्ट सामान्य आने पर अंदर आने दिया जाएगा। बता दें कि कई सोसायटियों के ऐसे अजीब आदेशों के चलते काफी लोग शिकायत भी कर चुके हैं।
गौर सिटी में बहन-भाई को घर में जबरन क्वारंटाइन कर दिया
दूसरा मामला ग्रेटर नोएडा वेस्ट की गौर सिटी-2 में 16th एवेन्यू से जुड़ा है। यहां बीमार बहन को लेकर आए युवक के घर के गेट पर क्वारंटीन का नोटिस लगा दिया गया। इतना ही नहीं 16th एवेन्यू में एओए के पदाधिकारियों की ओर से दोनों को जबरन क्वारंटीन कर दिया गया। पीड़ितों का आरोप है कि सोसायटी में रहने वाले कुछ लोगों ने उनको अंदर आने से रोका। उनको क्वारंटीन में रहने के लिए घर के गेट पर एओए और मेंटिनेस टीम ने नोटिस भी चस्पा किया है।
पीड़ित ने बताया कि वह अपने दोस्त के साथ बी ब्लॉक टावर में किराये पर रहते हैं। उनकी बहन इंदिरापुरम में पीजी में रह रही हैं। बीते बुधवार को बहन की तबीयत खराब हो गई थी। वे उसको लेने चले गए। अगले दिन लौटे तो उन दोनों को अंदर आने से रोक दिया। उन्होंने गार्ड और लोगों से कई बार रिक्वेस्ट की और पूरी बात बताई, लेकिन वे नहीं माने। इसके बाद उन्होंने पुलिस को सूचना दी। पुलिस के कहने पर वह बहन को लेकर जांच कराने अस्पताल गए। रिपोर्ट सामान्य आने के बाद पुलिस ने उनको अंदर भेज दिया।
उनका आरोप है कि सोसायटी के कुछ लोगों ने उनके फ्लैट के बाहर जबरन क्वारंटीन होने का नोटिस लगाया है। हम लोगों को घर से बाहर नहीं निकलने के लिए कहा है। वे लोगों की इस हरकत से बेहद परेशान हैं। अब शनिवार को पुलिस सोसायटी में पहुंची और मामले को खत्म करवाया है।
गाजियाबाद के इंदिरापुरम में एक हाउसिंग सोसाइटी की आरडब्ल्यूए ने निवासियों को एक संदेश भेजा है। सन्देश में लिखा है, बाहर निकलने वाले किसी भी व्यक्ति को पूरी तरह से स्वच्छता और सिर से पैर तक कपड़े पहनने। होंगे। इसके बाद ही कर्मचारी गेट पर जाने देंगे। जब वह वापस लौटेंगे तो उन्हें पूरी तरह सेनेटाइज किया जाएगा। उसे यह लिखकर देना होगा कि वह बाहर बिताए वक्त में किसी संक्रमित व्यक्ति से नहीं मिले हैं। सोसायटी के निवासियों का कहना है कि एओए केवल परेशानी पैदा कर रही है। हमारी सोसायटी हॉटस्पॉट भी नहीं है।
इससे पहले नोएडा और ग्रेटर नोएडा की हाउसिंग सोसायटी होम डिलीवरी नहीं करने दे रही थीं। सोसायटी और सेक्टर के मुख्य द्वार के भीतर डिलीवरी बॉय को घुसने की इजाजत नहीं दी जा रही थी। जिसके बाद डीएम सुहास एलवाई और पुलिस कमिश्नर आलोक कुमार सिंह ने चेतावनी दी थी कि आरडब्ल्यूए और एओए अपने मनमाने नियम नहीं बनाएं।