BIG BREAKING: सोमवार को अमित शाह से मुलाकात करेंगे सचिन पायलट, 25 विधायक उनके साथ

BIG BREAKING: सोमवार को अमित शाह से मुलाकात करेंगे सचिन पायलट, 25 विधायक उनके साथ

BIG BREAKING: सोमवार को अमित शाह से मुलाकात करेंगे सचिन पायलट, 25 विधायक उनके साथ

Tricity Today | Amit Shah, Sachin Pilot & Ashok Gahlot

राजस्थान में छिड़ा सियासी घमासान, 12 विधायक गुरुग्राम पहुंच गए हैंgangaएमपी में कमलनाथ के बाद राजस्थान में गहलोत सरकार संकट में घिरीgangaअगले एक या दो दिनों में तेजी से घूमेगा राजनीतिक घटनाक्रम, गांधी परिवार मौन

मध्य प्रदेश के बाद अब राजस्थान में भी बूढ़े और युवा नेताओं के बीच की तकरार खुलकर सतह पर आ गई है। शनिवार को गहलोत सरकार ने साजिश रचने के आरोप में दो लोगों को गिरफ्तार किया था और मुकदमा दर्ज किया गया था। अब सरकार ने इस मामले में अपने ही उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट को पूछताछ के लिए नोटिस जारी कर दिया है। जिसके बाद सीधे तौर पर अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच चल रही जंग खुलकर सामने आ चुकी है।

दूसरी और जानकारी मिली है कि सचिन पायलट को समर्थन देने वाले 12 विधायक गुरुग्राम के फाइव स्टार होटल में 3 दिन पहले ही आ चुके हैं। जानकारी यह भी मिल रही है कि सचिन पायलट सोमवार की शाम केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करने दिल्ली पहुंच रहे हैं।

दूसरी ओर इस पूरे प्रकरण पर गांधी परिवार चिर-परिचित अंदाज में मौन साध कर बैठा हुआ है। कांग्रेस के विश्वसनीय सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक करीब 25 विधायक सचिन पायलट के साथ हैं। सोमवार की शाम गृहमंत्री से मुलाकात करने के बाद सचिन पायलट और यह 25 विधायक एक साथ इस्तीफे देने और भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने की घोषणा कर सकते हैं। 25 विधायकों के त्यागपत्र के साथ ही गहलोत सरकार राजस्थान में अल्पमत में आ जाएगी। जिसके जरिए भारतीय जनता पार्टी का सरकार बनाने का रास्ता स्वतः साफ हो जाएगा।

सिंधिया की राह पर चले पायलट
राजस्थान में सचिन पायलट के लिए भी ठीक ऐसे ही हालात बन चुके हैं, जैसे मध्यप्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया के लिए बन गए थे। वहां कमलनाथ सरकार ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू करवा दी थी। ठीक इसी तरह अब राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सचिन पायलट पर दबाव बनाने की रणनीति अपना रहे हैं। बड़ी बात यह है कि मध्य प्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया मुकदमों के कारण दबाव में नहीं आए थे। माना जा रहा है कि इसी तरह सचिन पायलट भी अशोक गहलोत के दबाव में आने वाले नहीं हैं। 

योजना पर लंबे वक्त से काम कर रही थी भाजपा
जानकारों का कहना है कि दोनों राज्यों में सरकारें बनने के साथ ही सचिन पायलट और ज्योतिरादित्य सिंधिया की गतिविधियों पर भारतीय जनता पार्टी का हाईकमान नजरे बना कर बैठा हुआ था। भारतीय जनता पार्टी में ऐसे तमाम नेता हैं, जो ज्योतिरादित्य सिंधिया और सचिन पायलट से बड़ी नजदीकी रखते हैं। ऐसे नेताओं के जरिए इन दोनों युवा कांग्रेसियों को भाजपा तक खींचने की रणनीति तैयार की जा चुकी थी।

राज्यसभा चुनाव के दौरान बिगड़े हालात
मध्य प्रदेश की तरह राजस्थान में भी गतिरोध तेजी के साथ बढ़ता चला गया। करीब 15 दिन पहले राज्यसभा चुनाव के दौरान स्थिति ज्यादा गंभीर हो गई। दरअसल, राजस्थान से कांग्रेस के दो नेता जीतकर पार्लिमेंट पहुंचे हैं। दोनों उम्मीदवारों के चयन और चुनाव लड़ने को लेकर सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच गतिरोध बन गया था। सचिन पायलट इन दोनों ही लोगों के नाम पर सहमत नहीं थे। दूसरी ओर अशोक गहलोत ने हाईकमान की ओर से भेजे गए नामों को चुपचाप स्वीकार करके सचिन पायलट को कमजोर करने की कोशिश की।

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