Tricity Today | सचिन पायलट
राजस्थान कांग्रेस के लिए सरदर्द बने राज्य के पूर्व उप मुख्यमंत्री और कांग्रेस के अध्यक्ष सचिन पायलट भारतीय जनता पार्टी में शामिल नहीं होंगे। बुधवार की सुबह सचिन पायलट ने साफ कर दिया है कि उनका भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने का कोई इरादा नहीं है। सचिन पायलट का कहना है कि वह संघर्ष करेंगे। वह उन लोगों में शामिल होना नहीं चाहते हैं, जिन्हें उन्होंने हराया था। दूसरी ओर कांग्रेस ने सचिन पायलट का साथ दे रहे 19 विधायकों को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है। इनमें राज्य के दो पूर्व कैबिनेट मिनिस्टर भी शामिल है।
I’m not joining BJP: Sachin Pilot to ANI pic.twitter.com/DhbVJs2X4b
— ANI (@ANI) July 15, 2020
जैसा कि पहले से ही अनुमान था, सचिन पायलट ने भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने की अटकलों को खारिज कर दिया है। आज सुबह सचिन पायलट ने साफ किया कि वह भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने नहीं जा रहे हैं। उनका भाजपा में शामिल होने का कोई इरादा नहीं है। सचिन पायलट ने साफ कहा कि जिन लोगों को मैंने हराया था मैं उन में कैसे शामिल हो सकता हूं मैं अभी संघर्ष करूंगा। अब सभी की नजरें सचिन पायलट के अगले कदम पर टिक गई हैं। अब यह भी पूरी तरह साफ हो गया है कि सचिन पायलट के साथ कांग्रेस के 19 विधायक हैं। कांग्रेस ने सचिन पायलट के समर्थक विधायकों को नोटिस भेजकर जवाब तलब किया है।
आपको बता दें कि ट्राइसिटी टुडे पहले ही लिख चुका है कि सचिन पायलट राजस्थान में एक समांतर राजनीतिक विकल्प खड़ा करने की ओर बढ़ रहे हैं। सचिन पायलट और उनके समर्थकों का इरादा एक नए राजनीतिक दल का गठन करने का है। दरअसल, सचिन पायलट और उनके साथी विधायक व मंत्री राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस में रहकर उपेक्षा महसूस कर रहे कार्यकर्ताओं और छोटे-बड़े नेताओं को एक विकल्प देना चाहते हैं। ऐसे में अगर सचिन पायलट राजस्थान में एक नया राजनीतिक दल खड़ा करते हैं तो उन्हें आशातीत सफलता मिल सकती है। दरअसल सचिन पायलट के सहयोगी और सलाहकारों का कहना है कि हम लोगों ने भारतीय जनता पार्टी की पिछली सरकार की नाकामियों को उजागर करते हुए जनता से बहुमत हासिल किया था। ऐसे में अगर हम लोग भारतीय जनता पार्टी में शामिल होते हैं तो यह राजनीतिक रूप से गलत रहेगा।
यही वजह है कि सचिन पायलट ने सलाह पर आगे बढ़ते हुए अभी भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने से इनकार किया है। उम्मीद जाहिर की जा रही है कि अगले 1 से 2 दिनों में सचिन पायलट और उनके समर्थक नए राजनीतिक दल की घोषणा कर सकते हैं। हालांकि इन सभी लोगों को नई पार्टी का गठन करने और उसकी सदस्यता लेने से पहले अपने विधानसभा सदस्यता छोड़नी होगी। इन विधायकों के इस्तीफे से यहां अगले छह महीनों में उप चुनाव करवाने होंगे। सचिन पायलट की अगुवाई में यह नया राजनीतिक दल अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में दोबारा जीत हासिल करके विधानसभा पहुंचने की योजना बना रहा है।