Google Image | Rajasthan Political Crisis
राजस्थान में विधानसभा स्पीकर के आदेश, कांग्रेस के सदन में चीफ व्हिप के आदेश और राजस्थान हाईकोर्ट के इस मुद्दे पर फैसले पर रोक लगाने की मांग को लेकर अशोक गहलोत सरकार को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा झटका दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को इस मामले की सुनवाई की और कहा कि राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश को रोका नहीं जा सकता है। वहां लंबी सुनवाई और बहस के बाद फैसला रिजर्व रखा गया है। यहां भी इस मामले की विस्तार से सुनवाई करनी होगी। यह हाईकोर्ट और स्पीकर के अधिकार क्षेत्र का मामला है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, यहां स्पीकर और हाईकोर्ट के अधिकार क्षेत्र का मसला उठाया गया है। लिहाजा, इसमें विस्तृत सुनवाई की ज़रूरत है। चूंकि हाईकोर्ट ने लंबी सुनवाई के बाद आदेश सुरक्षित रखा है। हम आदेश जारी करने पर रोक नहीं लगाएंगे। लेकिन आदेश जो भी हो, हमारे पास लंबित सुनवाई के निष्कर्ष पर निर्भर करेगा।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट कुछ भी आदेश जारी करे, अंततः यहां चल रही सुनवाई के परिणाम से तय होगा। सुप्रीम कोर्ट ने मामले में अगली सुनवाई के लिए 27 जुलाई की तारीख मुकर्रर की है। आपको बताने की कांग्रेस ने राजस्थान के डिप्टी सीएम सचिन पायलट और उनके समर्थक 18 विधायकों को अयोग्य घोषित करने के लिए विधानसभा के स्पीकर को याचिका दी थी।
कांग्रेस की ओर से दाखिल की गई याचिका पर संज्ञान लेते हुए विधानसभा के स्पीकर ने सचिन पायलट और उसके समर्थक विधायकों को नोटिस भेजकर जवाब मांगा था। इस नोटिस के खिलाफ सचिन पायलट ने हाईकोर्ट का रुख किया। जयपुर हाईकोर्ट ने स्पीकर के नोटिस पर रोक लगा दी और मामले की सुनवाई की। हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखा है। अब इस बीच हाईकोर्ट के फैसले को रोकने के लिए राजस्थान सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। जिस पर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की है।