BIG BREAKING: गौतमबुद्ध नगर के स्कूल अभिभावकों से फीस वसूल सकते हैं लेकिन बढ़ा नहीं सकते, डीएम ने गाइडलाइन जारी की

BIG BREAKING: गौतमबुद्ध नगर के स्कूल अभिभावकों से फीस वसूल सकते हैं लेकिन बढ़ा नहीं सकते, डीएम ने गाइडलाइन जारी की

BIG BREAKING: गौतमबुद्ध नगर के स्कूल अभिभावकों से फीस वसूल सकते हैं लेकिन बढ़ा नहीं सकते, डीएम ने गाइडलाइन जारी की

Tricity Today | DM Gautam Buddh Nagar

नोएडा और ग्रेटर नोएडा के प्राइवेट स्कूलों के लिए गौतम बुद्ध नगर जिला प्रशासन ने विस्तृत गाइडलाइन जारी की है। गुरुवार की देर रात गौतम बुद्ध नगर के जिलाधिकारी सुहास एलवाई की ओर से जारी की गई इस गाइडलाइन में बताया गया है कि जिले के प्राइवेट स्कूल अभिभावकों से फीस वसूल सकते हैं लेकिन इस शिक्षण सत्र के लिए फीस में बढ़ोतरी नहीं कर सकते हैं। गाइडलाइन में यह भी जानकारी दी गई है कि स्कूल क्वार्टरली फीस की वसूली नहीं करेंगे। फीस वसूल करने के लिए अभिभावकों पर दबाव नहीं डालेंगे।

 

गाइडलाइन में बताया गया है कि स्कूल शिक्षण सत्र 2020-21 के लिए फीस ले सकता है। स्कूल को लॉकडाउन पीरियड के दौरान शिक्षकों और कर्मचारियों को वेतन का भुगतान करना पड़ेगा। शिक्षण सत्र 2020-21 के लिए स्कूल फीस में वृद्धि नहीं कर सकेगा। लॉकडाउन पीरियड के दौरान स्कूलों की ओर से ट्रांसपोर्टेशन फीस की वसूली नहीं की जाएगी।

गाइडलाइन के मुताबिक स्कूल प्रबंधन लॉकडाउन पीरियड के दौरान अभिभावकों से अग्रिम और त्रैमासिक फीस की वसूली नहीं करेंगे। लॉकडाउन पीरियड के दौरान कोई भी स्कूल किसी छात्र का नाम नहीं काट सकता है। लॉकडाउन पीरियड के दौरान स्कूल किसी भी छात्र को ऑनलाइन अध्यापन से वंचित नहीं कर पाएगा। 

गाइडलाइन में बताया गया है कि अगर कोई स्कूल शासन की ओर से दिए गए इन आदेशों का उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ जनपदीय शुल्क नियामक समिति अथवा जिला विद्यालय निरीक्षक से शिकायत की जा सकती है। ईमेल आईडी feecommitteegbn@gmail.com पर शिकायत मेल भी की जा सकती है। शिकायत प्राप्त होने के बाद उत्तर प्रदेश स्ववित्तपोषित स्वतंत्र विद्यालय शुल्क विनियमन अधिनियम-2018 के अध्याय 2 की धारा 8 में वर्णित व्यवस्था के अनुसार सुनवाई की जाएगी।

अगर स्कूल कानून का उल्लंघन करने का दोषी पाया जाता है तो स्कूल पर जुर्माना लगाया जा सकता है। वसूल की गई फीस वापस लौटाने का आदेश दिया जाएगा। ₹एक लाख का अर्थदंड प्रबंधन पर आरोपित किया जा सकता है। अधिनियम का दूसरी बार उल्लंघन करने पर ₹5 लाख का आर्थिक दंड लगाया जा सकता है। अगर स्कूल ने तीसरी बार कानून का उल्लंघन किया तो उसकी मान्यता खत्म की जा सकती है।

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