वैज्ञानिकों ने कहा- हवा के जरिए फैल सकता है कोरोना वायरस, डब्ल्यूएचओ पर गंभीर आरोप लगाए

वैज्ञानिकों ने कहा- हवा के जरिए फैल सकता है कोरोना वायरस, डब्ल्यूएचओ पर गंभीर आरोप लगाए

वैज्ञानिकों ने कहा- हवा के जरिए फैल सकता है कोरोना वायरस, डब्ल्यूएचओ पर गंभीर आरोप लगाए

Google Image | प्रतीकात्मक फोटो

कोरोनावायरस के संक्रमण को लेकर एक और बड़ा तथ्य सामने आया है। हालांकि, यह बड़ी चिंता का विषय भी है। अब कुछ वैज्ञानिकों ने अपने अध्ययन के आधार पर दावा किया है कि कोरोना वायरस हवा के जरिए भी खेल सकता है। यह काफी देर तक हवा में जीवित रहता है। साथ ही वैज्ञानिकों ने इस तथ्य पर गौर नहीं करने और दुनिया भर में चेतावनी जारी नहीं करने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन को आड़े हाथों लिया है। वैज्ञानिकों ने विश्व स्वास्थ्य संगठन की कड़ी आलोचना की है।

वैज्ञानिकों ने कहा है कि कई अध्ययन से यह बात पता चली है कि हवा में कोरोना वायरस लंबे समय तक रह सकता है। यहां तक कि इंडोर स्पेश में सोशल डिस्टेंसिंग बरतने के बावजूद संक्रमित शख्स से यह अन्य लोगों को संक्रमित कर सकता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि तेजी से इसकी संक्रमित करने की क्षमता को देखते हुए इसको सुपर स्पेरेडर भी कहा जा चुका है। इसके बावजूद वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने कोरोना वायरस से जुड़े इस तथ्य पर गौर ने करके बड़ी लापरवाही बरती है।

ऑस्ट्रेलिया में क्वींसलैंड टेक्नोलॉजी यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर लिडिया मोरोवस्का कहती हैं, "हमें इस बारे में 100 फीसद विश्वास है।" उन्होंने विश्व स्वास्थ्य संगठन को एक पत्र लिखा है और इस खतरे के प्रति दुनिया को आधा नहीं करने के लिए आलोचना की है। उन्होंने डब्ल्यूएचओ पर विफल रहने का आरोप लगाया है। उनके पत्र पर 32 मुल्कों के 239 शोधकर्ताओं ने हस्ताक्षर किए हैं। जिसका प्रकाशन कुछ सप्ताह में एक वैज्ञानिक पत्रिका में होने वाला है।

हवा के जरिए भी फैल सकता है कोरोना वायरस

अब विश्व स्वास्थ्य संगठन के एक अधिकारी ने माना है कि वायरस का ट्रांसमिशन हवा के जरिए हो सकता है। मगर उनका कहना है कि यह सिर्फ मेडिकल प्रोसीजर के दौरान होता है। डब्ल्यूएचओ की तकनीकी प्रमुख डॉक्टर बेनडाटा अलग्रांजी ने कहा, "मोरोवस्का की टीम ने लैब आधारित प्रयोग की थ्योरी पेश की है। उन्होंने सबूत के आधार पर या किसी उदाहरण के आधार पर यह बात नहीं कही है। फिर भी हम ट्रांसमिशन संबंधी थ्योरी पर उनकी राय और योगदान का सम्मान करते हैं।

गौरतलब है कि अभी तक यही माना जाता था कि कोरोना वायरस का ट्रांसमिशन दो तरह से होता है। संक्रमित शख्स के छींकने और खांसने की छींटों से हो सकता है। यह किसी ऐसी चीज के छूने से होता है, जिस पर वायरस चिपका हो। मगर अब इस बारे में वैज्ञानिकों का एक अन्य दावा पेश किया है। यह दवा लोगों को खासा चिंता में डालने वाला भी है।

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