Google Image | प्रतीकात्मक फोटो
नोएडा में एक सनसनीखेज घटना सामने आई है। शहर के एक बोर्डिंग स्कूल में 14 वर्ष की छात्रा ने आत्महत्या कर ली। बोर्डिंग स्कूल ने इस मामले को 9 दिनों तक दबाकर रखा। पुलिस को सूचना दिए बिना छात्रा का अंतिम संस्कार भी कर दिया गया। अब मामले में परिजनों की ओर से शिकायत की गई है। हालांकि, अभी पुलिस का कहना है कि उन्हें इस बारे में जानकारी नहीं मिली है।
दसवीं कक्षा में पढ़ने वाली एक छात्रा मूल रूप से हरियाणा की रहने वाली थी। एक साल पहले ही छात्रा का दाखिला नोएडा के बोर्डिंग स्कूल में करवाया गया था। अब हरियाणा के इस परिवार ने आरोप लगाया कि उनकी बेटी को फांसी से लटका पाया गया है। तीन जुलाई को लड़कियों के एक समूह ने छात्रा को छत के पंखे से लटके देखा था। उसके बैग की तलाशी ली तो कागज के चिट मिले। जिन पर नोट लिखे गए थे। नोटों में से एक का उल्लेख किया गया है कि उस पर लिखा था, कैसे "अन्याय" हुआ और उसे "मेरे जीवन से नफरत है" क्योंकि उसका कोई दोस्त नहीं था।
परिजनों का कहना है, ‘स्कूल ने हमें कागज पर यह लिखकर दिया कि हमारी बेटी प्राकृतिक कारणों से मर गई है।’ गलत इलाज के कारण आघात की भी बात की जा रही है। लड़की के बैग से मिले पृष्ठों में से एक का शीर्षक "मेरे जीवन का बुरा दिन" है। एक आंख से आंसू बह रहा है और साथ ही उस पर दिल के आकार की आकृति बनी है। उसने यह भी लिखा "मैं किसी से मिलना चाहती हूं"। लड़की की 13 वर्षीय बहन उसी स्कूल में पढ़ती है। जबकि उसका छोटा भाई दूसरी ब्रांच में है। परिजनों ने आरोप लगाया स्कूल अधिकारियों ने बहन को एक कमरे में बंद कर दिया था ताकि वह किसी के सामने कथित आत्महत्या का खुलासा न करे। कोरोना के कारण लॉकडाउन की घोषणा के तुरंत बाद परिवार हरियाणा में सभी तीन बच्चों को घर ले आया था। छात्रों को स्कूल प्राधिकारियों के आदेश के कारण वापस भेजना पड़ा क्योंकि सभी की वार्षिक परीक्षाओं का आयोजन किया जाना था।
लड़की की मां का कहना है कि 17 जून को हमने तीनों की मेडिकल रिपोर्ट तैयार की और अगले दिन उन्हें उनके स्कूल में भेज दिया था। 3 जुलाई को स्कूल प्रिंसिपल ने उन्हें लगभग 5.30 बजे फोन किया और उन्हें जल्द से जल्द लड़कियों के स्कूल पहुंचने के लिए कहा। “हम पूछते रहे कि क्या गलत हो गया है, लेकिन उन्होंने हमें कुछ नहीं बताया। हमने उन्हें बताया कि हमारे पास पर्याप्त पैसा नहीं है। नोएडा आने अभी समय लग सकता है। लेकिन उन्होंने कहा कि वे एक वाहन किराए पर लेकर आने के लिए हमारी मदद करेंगे।”
मां ने कहा कि जब वे स्कूल पहुंचे तो उनका फोन छीन लिया गया और कुछ पुरुषों ने उन्हें कक्षा में पहुंचाया, जहां उनकी बेटी का शरीर उसकी गर्दन के चारों ओर दो दुपट्टे के साथ छत से लटका हुआ था। “वह अपनी वर्दी पहने हुए थी। उसकी सलवार ढीली थी। जब हमने उनसे पूछा कि क्या हुआ था, तो हमें बताया गया की उसने मेरे खिलाफ एक सुसाइड नोट लिखा है। अगर यह नोट पुलिस तक पहुंच गया, तो हम मुश्किल में पड़ सकते हैं। मैंने उन्हें नोट दिखाने के लिए कहा। उन्होंने हमें शरीर तो सौंप दिया लेकिन सुसाइड नोट देने से उन्होंने इनकार कर दिया।”
कथित तौर पर लड़की के माता-पिता को कागज के एक टुकड़े पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया गया। जहां लिखा था कि वह लंबे समय से अस्वस्थ थी। प्राकृतिक कारणों से मर गई है। महिला ने कहा, मेरे पति को जबरन कागज पर अपना हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया गया था। मेरे अंगूठे का निशान लिया गया। हमने उनसे निवेदन किया कि हमें शव घर ले जाने दें, लेकिन उन्होंने जोर देकर कहा कि उसका नोएडा में ही अंतिम संस्कार किया जाना चाहिए। शव का भंगेल में अंतिम संस्कार किया गया। किसी ने पुलिस को सूचित नहीं किया। स्कूल द्वारा व्यवस्थित कार में माता-पिता को घर भेज दिया गया। मां ने दावा किया कि एक अन्य वाहन ने धौलाकुआं तक उनकी कार को रोक दिया।
घर लौटने के बाद माता-पिता ने उसके बैग की तलाशी ली और नोट पाए। एक नोट में मनीष तंवर और किसी मनीष शर्मा का कई बार जिक्र है। परिवार ने मामले में कार्रवाई और जांच के लिए हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से संपर्क किया है। उन्होंने उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ, नोएडा के पुलिस प्रमुख और अन्य अधिकारियों को भी लिखा है। परिवार नोएडा जाने और स्थानीय पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करने से डर रहा है। लड़की की मां ने कहा, "वे (स्कूल) हमें नुकसान पहुंचा सकते हैं।" लड़की के माता-पिता ने केस लड़ने के लिए पैसे की व्यवस्था करने के लिए उनके स्वामित्व वाले एकल भूखंड को बेच दिया है।
इस पूरे मामले के बारे में नोएडा के डीसीपी नोएडा संकल्प शर्मा ने कहा कि पुलिस को अब तक कोई शिकायत नहीं मिली है। अगर शिकायत मिलती है तो आईपीसी धारा 201 के तहत प्राथमिकी दर्ज की जाएगी। बाकी धाराएं बाद में जोड़ी जा सकती हैं। दूसरी ओर स्कूल के प्रिंसिपल का कहना है कि लड़की के मां-बाप झूठी कहानी बना रहे हैं। हमने उन्हें सुसाइड नोट की एक प्रति दिखाई थी। उसने अपनी मां के खिलाफ लिखा था। परिवार किसी भी पुलिस मामले या शव परीक्षा नहीं चाहता था, यही कारण है कि अंतिम संस्कार किया गया। पुलिस सबूत जुटा रही है। हमें कहा गया है कि मामले के बारे में किसी से बात न करें।