ग्रेटर नोएडा के शारदा अस्पताल ने किया अभिनव प्रयोग, कोविड मरीज और सीनियर डॉक्टरों के बीच सेतु बनी टेली मेडिसिन ट्रॉली

ग्रेटर नोएडा के शारदा अस्पताल ने किया अभिनव प्रयोग, कोविड मरीज और सीनियर डॉक्टरों के बीच सेतु बनी टेली मेडिसिन ट्रॉली

ग्रेटर नोएडा के शारदा अस्पताल ने किया अभिनव प्रयोग, कोविड मरीज और सीनियर डॉक्टरों के बीच सेतु बनी टेली मेडिसिन ट्रॉली

Tricity Today | Sharda Hospital

कोविड संक्रमितों के लिए बने लेवल-3 अस्पताल शारदा ने अपने वरिष्ठ डॉक्टरों के बचाव के लिए टेली मेडिसिन ट्रॉली सेवा शुरू की है। इस ट्रॉली से वीडियो कांफ्रेंसिंग हो जाती है। साथ ही इसमें लगे उपकरणों से मरीज के ब्लड प्रेशर, पल्स, तापमान आदि की जानकारी मिल जाती है। नर्सिंग स्टाफ इस ट्रॉली को मरीज के पास लेकर जाता है। वरिष्ठ डॉक्टर अपने चैंबर से बैठकर मरीज को देख लेता है और जरूरी उपचार करता है।

इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) की ओर से गाइडलाइन है कि अधिक उम्र के डॉक्टरों को कोरोना वार्ड में ड्यूटी ना कराई जाए। यह वायरस बुजुर्गों पर अधिक अटैक करता है। शारदा अस्पताल में कई प्रमुख विभागों में वरिष्ठ डॉक्टर हैं। इसमें मेडिसिन विभाग के एचओडी डॉ. एस अग्रवाल (69 वर्ष), पीडियाट्रिक विभाग के वरिष्ठ प्रोफेसर डॉ. रंजीत घुलियानी (65 वर्ष), मेडिसिन विभाग के वरिष्ठ प्रोफेसर डॉ. वीपीएस पुनिया (65 वर्ष), मेडिकल सुपरिंडेंडेंट डॉ. आशुतोष निरंजन (60 वर्ष), गायनोलॉजी विभाग के डॉ. एसएस गुलाटी (67 वर्ष) समेत तमाम डॉक्टर शामिल हैं। इन डॉक्टरों की सहूलियत के लिए और इनकी सेवाएं लेने के लिए अस्पताल ने नई सुविधा शुरू की है।

कुछ इस तरह से हो रहा है काम

शारदा अस्पताल ने टेली मेडिसिन ट्रॉली सुविधा शुरू की है। इस सुविधा से वरिष्ठ डॉक्टरों का परामर्श भी मरीजों को मिल सकेगा और डॉक्टरों को कोविड वार्ड में जाना भी नहीं पड़ेगा। ट्रॉली में मॉनीटर लगा है। जिसमें मरीज का ब्लड प्रेशर, पल्स आदि की रीडिंग आ जाती है। मॉनीटर में लगी स्क्रीन पर वीडियो कांफ्रेंसिंग पर कोविड वॉर रूम में बैठे डॉक्टर से बात भी हो जाती है। जूनियर डॉक्टरों को भी कोविड वॉर रूम में बैठे सीनियर डॉक्टर मदद करते हैं।

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