Tricity Today | अनन्या देशवाल और स्निग्धा बासु
नोएडा की दो छात्राओं ने बड़ी कामयाबी हासिल की है। विश्व भारती पब्लिक स्कूल की छात्रा स्निग्धा ने 99.4 फीसदी नम्बर मिले हैं। आर्मी पब्लिक स्कूल की छात्रा अनन्या देशवाल को 99.2 प्रतिशत अंक हासिल किए हैं। दोनों छात्राओं के अभिभावकों और स्कूलों में खुशी की लहर है।
विश्व भारती पब्लिक स्कूल की छात्रा स्निग्धा बासु को 99.4% अंक मिले हैं। वह डॉक्टर बनकर गरीबों की सेवा करना चाहती हैं। स्निग्धा नोएडा के विश्व भारती पब्लिक स्कूल की छात्रा हैं। बासु ने सीबीएसई के परीक्षा परिणाम में विज्ञान वर्ग में 99.4 फीसदी अंक हासिल किए हैं। गाजियाबाद में इंदिरापुरम की निवासी स्निग्धा के पिता अमिताभ बासु एक आईटी कंपनी में इंजीनियर हैं। जबकि मां संघमित्रा बासु ग्रहणी हैं।
स्निग्धा ने कहा कि वह बड़े होकर खुद को एक डॉक्टर के रूप में देखना चाहती हैं। इसके लिए वह लगातार मेहनत करती आ रही हैं। उन्होंने बताया कि दसवीं की परीक्षाओं में भी उन्होंने 99.4 फीसदी अंक हासिल कर पूरे देश में तीसरा स्थान हासिल किया था। उन्होंने बताया की स्कूल में शिक्षक और घर में माता-पिता उन्हें पढ़ाई के लिए सबसे अधिक प्रेरित करते हैं। पढ़ाई के लिए लक्ष्य निर्धारण कर पाठ्यक्रम को पूरा करना बहुत जरूरी है। ऐसी स्थिति में वर्ष में दो या तीन बार पूरा पाठ्यक्रम दोबारा पढ़ने का समय मिल जाता है। इससे परीक्षाओं से पहले अपनी योजनाएं बनाने के लिए भी समय मिलता है। यह समय परीक्षाओं में बेहतर अंक हासिल करने के लिए काफी सहायक साबित होता है।
अनन्या देशवाल को 99.2 फ़ीसदी अंक मिले, नोएडा में दूसरे नम्बर पर
नोएडा में दूसरे नंबर पर अनन्या देशवाल रही है अनन्या देशवाल आर्मी पब्लिक स्कूल की छात्रा है और मानविकी में उन्हें 99.2 फ़ीसदी अंक मिले हैं। वह वकील बनकर लोगों की मदद करना चाहती हैं। अनन्या ने बताया कि उनके पिता कैप्टन केएस देशवाल वायु सेना से हाल ही में रिटायर हुए हैं। उनकी मां गीता राणा देशवाल ग्रहणी हैं। उन्होंने बताया कि अच्छे नंबरों के साथ शानदार ढंग से 12वीं पास करने के बाद अब उनका लक्ष्य कानून की पढ़ाई करना है।
अनन्या देशवाल ने बताया कि उनके नाना वकील हैं। वह लगातार उनको दूसरे लोगों की सहायता करते हुए देखकर बचपन से प्रेरित होती रही हैं। वह भी अपने नाना की तरह एक अच्छी वकील बनकर लोगों की सहायता करना चाहती हैं। लोगों को न्याय दिलाना चाहती हैं। उन्होंने कहा कि योजनाबद्ध तरीके से पढ़ाई करने से पढ़ाई के दौरान और परीक्षा के समय भ्रम की स्थिति नहीं रहती है। ऐसी स्थिति में जब पूरे साल थोड़ा-थोड़ा ही सही लेकिन लगातार पढ़ा जाए तो परीक्षा परिणाम बेहतर आता है।