सुदीक्षा की कुछ ऐसी बातें जिन्हें याद कर कर बिलख रहे हैं उसके परिजन

सुदीक्षा की कुछ ऐसी बातें जिन्हें याद कर कर बिलख रहे हैं उसके परिजन

सुदीक्षा की कुछ ऐसी बातें जिन्हें याद कर कर बिलख रहे हैं उसके परिजन

Google Image | सुदीक्षा भाटी

होनहार बेटी सुदीक्षा के चले जाने से न केवल उनका परिवार परेशान है बल्कि डेरी स्केनर गांव के ग्रामीण और आसपास के इलाके के लोग भी भावुक हैं। सुदीक्षा के घर रोजाना दिन निकलने से पहले ही मातम पुरसी करने लोगों की भीड़ पहुंच जाती है। उनके घर के बाहर की गलियां दिन भर लोगों से भाई रहती हैं। सुदीक्षा के पापा, चाचा, बहन, भाई और दादा उसके बारे में अपने संस्मरण सुना सुना कर रो रहे हैं। उन्हें तमाम ऐसी बातें याद आ रही हैं, जो सुदीक्षा कहा करती थी। सुदीक्षा ने अपने परिवार के लोगों से बहुत सारे वादे किए थे। उनकी जिंदगी बदलने के सपने देखे थे। इस हादसे ने ना केवल सुदीक्षा की जान ले ली, बल्कि इस पूरे परिवार के हजारों सपने तोड़ दिए हैं।

सुदीक्षा छोटे भाई बहनों को अमेरिका से ऑनलाइन पढ़ाती थी

सुदीक्षा ने बारहवीं कक्षा तक की पढ़ाई मानविकी वर्ग से की थी। बारहवीं में विद्या ज्ञान स्कूल टाॅप किया और इसके बाद आगे की पढाई के लिए बाॅबसन विश्वविद्यालय चली गई। अमेरिका में रहने के दौरान भी सुदीक्षा परिवार में चार बहनों और छोटे भाई के लिए चिंतित रहती थी। अमेरिका जाने के बाद पिछले 2 साल से वह छोटी बहन और भाइयोंं को ऑनलाइन पढ़ा रही थी।

छोटी बहन मुस्कान ने बताया कि दीदी ने अमेरिका से ऑनलाइन पढ़ाने के लिए एक समय सारणी बनाई हुई थी। समय सारणी के अनुसार सुदीक्षा रोजाना छोटे भाई बहनों को ऑनलाइन पढ़ाती थी। राजकीय काॅलेज बादलपुर से बीए कर रही स्वाति भाटी ने बताया कि बड़ी बहन के सुझाव के बाद ही बीए में विषयों का चयन किया था। मानविकी वर्ग के विषय की सुदीक्षा को गहन जानकारी थी। इसलिए वे रोजाना ऑनलाइन पढ़ाई करवाती थी। कोरोना संक्रमण के दौरान अब यहां बच्चे ऑनलाइन पड़ रहे हैं। हम लोगों को दीदी पिछले 2 साल से ही ऑनलाइन पढ़ाई करवा रही थी।

सुदीक्षा के परिवार में एक माह में दो मौत

परिवार में एक माह में दो मौते हो गई है। जुलाई माह में सुदीक्षा की दादी चंदो देवी की मौत हो गई थी। वे पिछले तीन साल से की बीमार चल रही थी अब अचानक सुदीक्षा हादसे का शिकार हो गई हैै सुदीक्षाा की मौत के बाद तो परिवार पर गमों का पहाड़़ टूट पड़ाा है।

दादा को उपचार के लिए अमेरिका ले जाना चाहती थी सुदीक्षा

सड़क हादसे में गांव डेरी स्कनर की सुदीक्षा की मौत होने के बाद परिवार के लोग स्वंय को सभाल नहीं पा रहे हैं। परिवार के छोटे से लेकर बड़े बुजुर्ग की आस एक मात्र सुदीक्षा से ही थी। जिसके जाने के बाद अब परिवार के लोग केवल यह कहकर रोते बिलख रहे हैं कि सब कुछ खत्म हो गया है।

सुदीक्षा के दादा ब्रहम सिंह भाटी दिल के मरीज हैैं। कुछ माह पूर्व उन्हें हार्ट अटैक आया था। जिसके बाद दिल्ली के पंत अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वहां पर उनकी बाईपास सर्जरी हुई। घर की माली हालत ठीक न होने के कारण कई माह इंतजार करने के बाद पंत अस्पताल में नंबर आया था। इसके बाद भी उनका स्वास्थ ठीक नहीं रहता था। दादाा ब्रहम सिंह रोते हुए स्वंय को संभाल नहीं पा रहे हैैं।

उन्होंने बताया कि सुदीक्षा हार्ट के अच्छे उपचार के लिए उन्हें अमेरिका ले जाना चहाती थी। पिता और चाचा से दादा का पासपोर्ट बनवाने के लिए कहा था। जिससे अगले वर्ष अमेरिका में उनका उपचार किया जा सके। अब परिवार के लोग सुदीक्षा की इन सभी बातों को याद करके रोने लगते हैैं और बेहोश हो जाते हैैं।

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