सपा कार्यकर्ताओं ने JEE and NEET परीक्षा के विरोध में राजभवन के सामने नारेबाजी की

सपा कार्यकर्ताओं ने JEE and NEET परीक्षा के विरोध में राजभवन के सामने नारेबाजी की

सपा कार्यकर्ताओं ने JEE and NEET परीक्षा के विरोध में राजभवन के सामने नारेबाजी की

Social Media | सपा कार्यकर्ताओं ने JEE and NEET परीक्षा के विरोध में राजभवन के सामने नारेबाजी की

कोरोना महामारी के बीच केंद्र सरकार के राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) और संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) कराए जाने के विरोध में समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने बृहस्पतिवार को यहां राजभवन के सामने नारेबाजी की, जिन्हें वहां से हटाने के लिये पुलिस ने लाठीचार्ज किया।

समाजवादी पार्टी छात्र सभा के कार्यकर्ता दोपहर बाद राजभवन के सामने पहुंच कर सरकार विरोधी नारे लगाने लगे। कार्यकर्ताओं का कहना था कि छात्रों के जीवन के खतरे के बीच नीट और जेईई जैसी परीक्षा करना उचित नही है। राजभवन के सामने पहले से ही भारी संख्या में पुलिस बल मौजूद था जिसने लाठीचार्ज करके इन कार्यकर्ताओं पर काबू पा लिया। बाद में एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि इन कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेकर पुलिस लाइन भेजा गया है।

इससे पहले समाजवादी पार्टी ने बृहस्पतिवार को कहा कि कोरोना संक्रमण काल में भाजपा की ओर से यह तर्कहीन बात फैलायी जा रही है कि जब लोग दूसरे कामों के लिए घर से निकल रहे हैं तो परीक्षा क्यों नहीं दे सकते। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की ओर से परीक्षार्थियों और अभिभावकों के समर्थन में तथा परीक्षाओं व भाजपा के ख़िलाफ़ जारी खुले पत्र में कहा गया, ''भाजपा की तरफ से ये हास्यास्पद और तर्कहीन बात फैलायी जा रही है कि जब लोग दूसरे कामों के लिए घर से निकल रहे हैं तो परीक्षा क्यों नहीं दे सकते ?''

खुले पत्र में एक नारा भी लिखा गया है, आइये मिलकर कहें, ''जान के बदले एग्जाम' नहीं चलेगा-नहीं चलेगा!!'' पत्र में कहा गया कि भाजपाई सत्ता के मद में ये भी भूल गये कि लोग मजबूरी में निकल रहे हैं। इसमें कहा गया कि जो लोग घर पर रहकर बचाव करना भी चाहते हैं, सरकार परीक्षा के नाम पर उन्हें बाहर निकलने पर बाध्य कर रही है। इसमें कहा गया, ''ऐसे में अगर किसी परीक्षार्थी, उनके संग आए अभिभावक या घर लौटने के बाद उनके संपर्क में आए घर के बुजुर्गों को संक्रमण हो गया तो उसकी कीमत क्या ये सरकार चुकाएगी ?''

अखिलेश यादव ने पत्र में कहा कि ऐसा लगता है कि भाजपा ये समझ चुकी है कि बेरोज़गारी से जूझ रहा युवा तथा कोरोना, बाढ़ व अर्थव्यवस्था की बदइंतज़ामी से त्रस्त ग़रीब, निम्न व मध्य वर्ग अब कभी उसको वोट नहीं देगा, इसीलिए वो युवाओं और अभिभावकों के ख़िलाफ़ प्रतिशोधात्मक कार्रवाई कर रही है। उन्होंने इसमें कहा कि भाजपा को सिर्फ़ वोट देनेवालों से मतलब है।

उल्लेखनीय है कि भारत में चिकित्सा स्नातक पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिये आयोजित किये जाने वाले 'नीट और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों में स्नातक पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिये होने वाली 'जेईई को टालने की मांग छात्रों का एक वर्ग कर रहा है, जिसका विभिन्न विपक्षी राजनीतिक दल समर्थन कर रहे हैं।

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