सस्ते सोने की बिक्री शुरू, जानिए आप खरीद सकते हैं या नहीं, कहां मिलेगा और क्या है भाव

सस्ते सोने की बिक्री शुरू, जानिए आप खरीद सकते हैं या नहीं, कहां मिलेगा और क्या है भाव

सस्ते सोने की बिक्री शुरू, जानिए आप खरीद सकते हैं या नहीं, कहां मिलेगा और क्या है भाव

Tricity Today | प्रतीकात्मक फोटो

करीब ढाई महीने लम्बे लॉकडाउन के बाद सोमवार से पूरे देश में लगभग सबकुछ खुल गया है। 25 मार्च से देश में चल रहे लॉकडाउन को अब अनलॉक करने का दौर चल रहा है। शॉपिंग मॉल्स, रेस्टोरेंट, होटल्स व ऑफिस खुल रहे हैं। दूसरी ओर कोरोना अभी गया नहीं बल्कि और तेजी से फैल रहा है। लिहाजा, घर से बाहर निकलने में जोखिम है। वहीं, अगर आप जोखिम कम और अच्छे रिटर्न के लिए सोने में निवेश करना चाहते हैं तो मोदी सरकार ने 8 जून से एक बार फिर यह मौका दिया है।

जानिए किस भाव पर मिलेगा सोना
रिजर्व बैंक ने सॉवरेन गोल्ड बांड की कीमत तय की है। 4,677 रुपये प्रति ग्राम के रेट से मोदी सरकार सॉवरेन गोल्ड बांड बेच रही है। यह तीसरा दौर है। 8 जून से लेकर 12 जून के बीच आप यह निवेश कर सकते हैं। इसकी किस्त सरकार की ओर से 16 जून को जारी की जाएगी। इससे पहले लॉकडाउन के दौरान अप्रैल और मई के महीनों लोगों ने रिकॉर्ड निवेश किया था। अगर आप गोल्ड बॉन्ड ऑनलाइन खरीदेंगे तो इस पर 50 रुपये प्रति ग्राम या 500 रुपये प्रति 10 ग्राम की छूट मिल रही है।

गोल्ड बॉन्ड कहां और कैसे मिलेगा
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम में एक वित्तीय वर्ष में एक व्यक्ति अधिकतम 500 ग्राम सोने की खरीद कर सकता है। न्यूनतम निवेश एक ग्राम का होना चाहिए। इस स्कीम में निवेश करने पर टैक्स बचा सकते हैं। बॉन्ड को किसी ट्रस्ट के लिए ट्रस्टी, ट्रस्ट, एचयूएफ, विश्वविद्यालय और धर्मार्थ संस्थान नहीं खरीद सकते हैं। ऐसे ग्राहकों के लिए अधिकतम सीमा 4 किलोग्राम प्रति व्यक्ति, एचयूएफ के लिए 4 किलोग्राम और ट्रस्टों के लिए 20 किलोग्राम और प्रति वित्तीय वर्ष (अप्रैल-मार्च) होगी।

ऑनलाइन खरीदने पर इस पर 50 रुपये प्रति ग्राम या 500 रुपये प्रति 10 ग्राम की छूट मिलेगी। एसजीबी बैंकों (स्मॉल फाइनेंस बैंकों और पेमेंट बैंकों को छोड़कर), स्टॉक होल्डिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया, नामित डाकघरों, बीएसई और एनएसई के माध्यम से बेचा जा रहा है। 

क्या है सॉवरेन गोल्ड बांड
सॉवरेन गोल्ड बांड में निवेशक को फिजिकल रूप में सोना नहीं मिलता। यह फिजिकल गोल्ड की तुलना में अधिक सुरक्षित है। शुद्धता की बात है तो इलेक्ट्रॉनिक रूप में होने के कारण इसकी शुद्धता पर कोई संदेह नहीं किया जा सकता। इस पर तीन साल के बाद लांग टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगेगा (मैच्योरिटी तक रखने पर कैपिटल गेन टैक्स नहीं लगेगा)। इसका लोन के लिए उपयोग कर सकते हैं। अगर बात रिडेंप्शन की करें तो पांच साल के बाद कभी भी इसको भुना सकते हैं।

2.5 फीसदी का गारंटीड फिक्स्ड ​इंटरेस्ट 
यह भी जानना जरूरी है कि इन बॉन्ड्स की अवधि 8 साल की होती है और 5वें साल के बाद ही इसका प्रीमैच्योर विड्रॉल किया जा सकता है। मतलब पांच साल का लॉक इन पीरियड है। इसकी सबसे खास बात है कि निवेशक को सोने के भाव बढ़ने का लाभ मिलेगा, साथ ही उन्हें इन्वेस्टमेंट रकम पर 2.5 फीसदी का गारंटीड फिक्स्ड ​इंटरेस्ट भी दिया जाएगा।

  • तीसरी सीरीज: 8 जून से लेकर 12 के बीच सब्सक्रिप्शन लिया जा सकता है। इसकी किस्त 16 जून को जारी की जाएगी।
  • चौथी सीरीज: 6 जुलाई से लेकर 10 जुलाई के बीच सब्सक्रिप्शन लिया जा सकता है। इसकी किस्त 14 जुलाई को जारी की जाएगी।
  • पांचवीं सीरीज: 3 अगस्त से लेकर 7 अगस्त के बीच सब्सक्रिप्शन लिया जा सकता है। इसकी किस्त 11 अगस्त को जारी की जाएगी।
  • छठी सीरीज: 31 अगस्त से लेकर 4 सितंबर के बीच सब्सक्रिप्शन लिया जा सकता है। इसकी किस्त 8 सितंबर को जारी की जाएगी।

पहली सीरीज में 822 करोड़ का निवेश हुआ
पहली सीरीज में 20 अप्रैल से 24 अप्रैल के बीच जारी की गई थी। इसका सब्सक्रिप्शन हो चुका है। पहली किस्त 28 अप्रैल को जारी की गई। गोल्ड बांड की अप्रैल सीरीज को लेकर निवेशकों में जबरदस्त क्रेज दिखा है। आरबीआई ने बताया कि अप्रैल सीरीज को 17.73 लाख यूनिट के लिए करीब 822 करोड़ का सब्सक्रिप्शन मिला। यह अक्टूबर 2016 के बाद सबसे ज्यादा सब्सक्रिप्शन है। अप्रैल सीरीज में गोल्ड बांड का भाव 4,639 प्रति ग्राम तय किया गया था।

दूसरी किस्त में 25 लाख यूनिट बिका सोना
सरकार ने मई महीने में गोल्ड बॉन्ड्स के जरिए 25 लाख यूनिट बेचकर 1,168 करोड़ रुपये की कमाई की है। भारतीय रिज़र्व बैंक की ओर से जारी आंकड़ों से पता चलता है कि सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड  के जरिए होने वाली यह अब तक की सबसे बड़ी कमाई है। 11 से 15 मई के बीच सब्स​क्रिप्शन में एक यूनिट गोल्ड का भाव 4,590 रुपये था। मई के पहले गोल्ड बॉन्ड के ​जरिये सबसे अधिक कमाई अक्टूबर 2016 में हुई थी। अक्टूबर 2016 में कुल 1,082 करोड़ रुपये का सब्सक्रिप्शन हुआ था, जिसमें कुल 35.98 लाख यूनिट बेचे गए थे।

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