ग्रेटर नोएडा वेस्ट में स्टेलर जीवन का मामला, एक लापरवाही 100 परिवारों को पड़ गई भारी

ग्रेटर नोएडा वेस्ट में स्टेलर जीवन का मामला, एक लापरवाही 100 परिवारों को पड़ गई भारी

ग्रेटर नोएडा वेस्ट में स्टेलर जीवन का मामला, एक लापरवाही 100 परिवारों को पड़ गई भारी

Tricity Today | Greater Noida West

कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज गाजियाबाद में रहता है और जिला प्रशासन ने ग्रेटर नोएडा वेस्ट की हाउसिंग सोसायटी में टावर को सील कर दिया है। नोएडा में सेक्टर 19 के बाद अब ग्रेटर नोएडा वेस्ट में यह अजीबोगरीब घटना हुई है। सीलिंग से टावर में रहने वाले 100 परिवार परेशान हैं। लोगों का कहना है कि केस सोसायटी का नहीं है। यह भी कहना है कि प्रशासन और पुलिस ने बिना किसी पूछताछ के कार्रवाई की है। दूसरी और जिला प्रशासन का कहना है कि वायरस का टेस्ट करवाते वक्त मरीज ने गलत सूचनाएं और पता दिया। जिसकी वजह से यह परेशानी पैदा हुई है। इसका समाधान जल्दी ही किया जा रहा है।

स्टेलर जीवन सोसायटी के एच टावर में सुखबीर सिंह परिवार के साथ रहते हैं। उनका एक भाई इंदिरापुरम में रहता है। उनकी मां का दिल्ली में सेंट्रल हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है। सुखबीर सिंह ने बताया कि वह मां की देखरेख के लिए अस्पताल जाते थे। इस बीच भाई के परिवार से मिलना-जुलना होता था। एहतियात के तौर पर 6 जून को सुखबीर, उनकी पत्नी और भाभी (50 वर्ष) ने कोरोना की जांच कराई थी। तीनों ने पता स्टेलर जीवन सोसयटी का दे दिया था। सैंपल देने के बाद सुखबीर और उनकी पत्नी ग्रेटर नोएडा वेस्ट आ गए। उनके भाई की पत्नी गाजियाबाद अपने घर चली गई थी। 

अब 8 जून को सुखबीर और उनकी पत्नी की रिपोर्ट निगेटिव आई हैं। जबकि उनकी भाभी की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। उन्होंने बताया कि रिपोर्ट आने के बाद कोविड हेल्पलाइन नंबर और पुलिस को मरीज के यहां नहीं होने की सूचना दी गई थी। इसके बाद भी रात के समय स्टेलर जीवन में उनके टावर को सील कर दिया गया है। उनकी भाभी गाजियाबाद के एक अस्पताल में एडमिट हैं। उनका कहना है कि प्रशासन और पुलिस ने बिना किसी पूछताछ के कार्रवाई की है। अब इससे लोगों को परेशानी हो रही है।

मरीज के टेस्ट के वक्त गलत सूचना दी गई: प्रशासन
दूसरी ओर इस बारे में जिला प्रशासन का कहना है कि कोविड-19 कोई सामान्य बीमारी नहीं है। प्रत्येक व्यक्ति को इसके बारे में बार-बार जागरूक किया जा रहा है। लोगों से अपील की जा रही है कि वह प्रत्येक बात का ख्याल रखें। सही सूचनाएं और जानकारी दें। इन लोगों को कोरोना वायरस का टेस्ट करवाते वक्त मरीज का सही पता लिखवाना चाहिए था। जो महिला गाजियाबाद में रहती है, उसका पता ग्रेटर नोएडा वेस्ट में लिखवाना गलत है। पूछताछ करके टावर सील करने का कोई औचित्य नहीं है। यह एक निश्चित प्रोटोकॉल है। जिसके तहत आदेश जारी होता है। आदेश पुलिस और स्वास्थ्य विभाग के पास जाता है। स्वास्थ्य विभाग और पुलिस को उसका पालन करना होता है। अब लोगों ने सीलिंग के बाद वास्तविकता की जानकारी दी है। लिहाजा, उचित कदम उठाया जाएगा। सत्यापन करने के बाद सीलिंग खत्म कर दी जाएगी।

नोएडा सेक्टर 19 में भी इसी तरह सीलिंग हुई थी
आपको बता दें कि लॉकडाउन टू के दौरान नोएडा के सेक्टर 19 में भी एक ऐसा मामला सामने आया था। गाजियाबाद की रहने वाली एक बुजुर्ग महिला का बेटा सेक्टर 19 में रहता था। उस महिला का आधार सेक्टर 19 के पते पर बना था। जब महिला कोविड-19 से संक्रमित पाई गई तो उनके पते के आधार पर जिला प्रशासन ने सेक्टर 19 को सील कर दिया था। सेक्टर के निवासियों ने अपने स्तर पर तस्दीक की और जिला प्रशासन को पूरी जानकारी दी थी। इसके बाद जिला प्रशासन ने सत्यापन किया। तथ्य सही पाए जाने पर सेक्टर 19 की सीलिंग को खत्म कर दिया गया था। अब ठीक ऐसा ही मामला स्टेलर जीवन से जुड़ा है।

अब लोग ट्वीटर पर सांसद-विधायक से मांग रहे मदद
ग्रेटर नोएडा वेस्ट कि इस हाउसिंग सोसायटी के निवासियों ने ट्विटर पर दादरी के विधायक तेजपाल नागर, गौतमबुद्ध नगर के सांसद डॉ.महेश शर्मा, जिलाधिकारी सुहास एलवाई और नोएडा पुलिस से मदद मांगी है। इसके साथ ही कोरोना पॉजिटिव मरीज के परिवार के एक सदस्य ने संसद को पत्र भी लिखा है। इस बारे में पूरी जानकारी दी है।

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