Tricity Today | Greater Noida West
एसटीपी और उससे निकलने वाले शोधित पानी का उपयोग करने के लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण वृहद स्तर पर योजना बना रहा है। प्राधिकरण ना केवल शोधित पानी को बेचेगा, बल्कि अपनी ग्रीन बेल्ट व पेड़-पौधों की भी सिंचाई करेगा। ग्रीन बेल्ट की सिंचाई के लिए पायलट प्रोजेक्ट के तहत 28 एमएलडी से डीपीएस वर्ल्ड स्कूल तक की ग्रीन बेल्ट में करीब छह किलोमीटर लंबी लाइन बिछाई जाएगी। इससे ग्रीन बेल्ट की सिंचाई हो सकेगी। बाद में इसे गौड़ चौक तक ले जाने की योजना है।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण सीवर और एसटीपी से आमदनी बढ़ाने की तैयारी कर रहा है। साथ ही जल संरक्षण भी करेगा। प्राधिकरण ने कंपनियों को एसटीपी का पानी बेचने का काम पहले ही शुरू कर चुका है। इससे प्राधिकरण को पैसा भी मिल रहा है। अब इस पानी से ग्रीन बेल्ट की सिंचाई भी करेगा ताकि बिना भूमिगत जल का दोहन किए शहर को हरा-भरा रखा जा सके। पहले चरण में कच्ची सड़क के पास बने 20 एमएलडी क्षमता के एसटीपी (सीवर ट्रीटमेंट प्लांट) से खेड़ा चौगानपुर के बने डीपीएस वर्ल्ड स्कूल तक की ग्रीन बेल्ट को लिया जा रहा है। इसके लिए योजना बन गई है। अगले हफ्ते तक काम शुरू कर दिया जाएगा।
16 लाख रुपये होंगे खर्च
एसटीपी से डीपीएस वर्ल्ड स्कूल तक ग्रीन बेल्ट के बीच में करीब छह किलोमीटर तक लंबी लाइन बिछाई जाएगी।
यह लाइन स्प्रिंकलर होगी। कहीं कहीं पर टोटी लगाई जाएंगी। इसका एस्टीमेट बन चुका है। इस पर करीब 15-16 लाख रुपये खर्च होंगे। इस लाइन के शुरू होने से ग्रीन बेल्ट की सिंचाई हो सकेगी। इससे भूमिगत जल भी बचेगा। इस लाइन को गौड़ चौक तक ले जाने की तैयारी है।
कंपनियों को बेच रहे ट्रीटेड पानी
एसटीपी के शोधित पानी को कंपनी को बेचना शुरू कर दिया गया है। हॉलीटेक कंपनी को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पानी दे रहा है। इसके बदले प्राधिकरण पैसा ले रहा है।
इसके अलावा डीएमआईसी के प्रोजेक्ट आईआईटीजीएनएल को भी 15 एमएलडी पानी दिया जाएगा। इसके अलावा उसके सीवर को शोधित भी ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण करेगा। इसके लिए तैयारी चल रही है। इससे प्रति किलोलीटर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को 10 से 12 रुपये मिलने की उम्मीद है। इन परियोजनाओं से शहर की सीवर समस्या दूर होगी और प्राधिकरण की आमदनी भी होगी। इसके अलावा प्रस्तावित जेवर एयरपोर्ट को भी एसटीपी का पानी देने की तैयारी है। हालांकि अभी इस पर अभी कोई अनुबंध नहीं हुआ है। लेकिन निर्माण आदि कार्यों के लिए एसटीपी के पानी का उपयोग किया जा सकता है।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पूरे शहर का सीवर लाइन का मास्टर प्लान बनवा रहा है। एसटीपी के शोधित पानी को कंपनियों को बेचा जा रहा है। इसकी वृहद स्तर पर योजना बनाई जा रही है। इससे प्राधिकरण की आमदनी होगी और जल संरक्षण भी हो सकेगा।
- नरेंद्र भूषण, सीईओ ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण