Tricity Today | DM Suhas LY & MLA Dhirendra Singh
ग्रेटर नोएडा वेस्ट में रहने वाली एक 72 वर्षीय हार्ट पेशेंट के लिए बुधवार का दिन संघर्ष से भरा बन गया। दरअसल, बुजुर्ग हार्ट पेशेंट को दिल्ली के अस्पताल जाना था। उन्हें वहां पहुंचाने, इलाज नहीं मिलने, फिर दूसरे अस्पताल जाने और दिल्ली से वापस घर लौटना एक लॉकडाउन स्टोरी बन गई है। इस संघर्ष भरी कहानी के दो और किरदार हैं, जिन्होंने कड़ी मशक्कत करके बुजुर्ग को रात 10 बजे उनके घर पहुंचाया।
जेवर के विधायक धीरेंद्र सिंह और डीएम सुहास एलवाई बुधवार की आधी रात तक जुटे रहे। दरअसल, विधायक ने महिला को कैब भेजकर इलाज के लिए दिल्ली अस्पताल भिजवाया। लेकिन कैब ड्राइवर अस्पताल से बुजुर्ग महिला को वापस लाने की बजाय भाग गया। इसके बाद विधायक और डीएम महिला को दिल्ली से वापस ग्रेटर नोएडा वेस्ट लाने के लिए जुट गए। डीएम रात 10 बजे खुद कंट्रोल रूम पहुंच गए।
ग्रेटर नोएडा वेस्ट की पैरामाउंट सोसायटी में रहने वाली साधना पाठक ने बताया कि उनकी 72 वर्षीय सास ज्ञानवती दिल की मरीज हैं। उनका ओखला के ईएसआई अस्पताल में इलाज चल रहा है। ज्ञानवती की दवाई लॉकडाउन के कारण मिल नहीं पा रही हैं। कई दिनों से उनकी तबियत लगातार बिगड़ रही थी।
बुजुर्ग महिला की यादाश्त गड़बड़ाने लगी
दवाएं नहीं मिलने और बीमारी का असर बढ़ने के कारण ज्ञानवती की यादाशत पर असर पड़ने लगा। परिवार लॉकडाउन और बॉर्डर सील होने के चलते ओखला ईएसआई अस्पताल नहीं जा पा रहा था। ई-पास नहीं मिल पा रहा था।
टोल फ्री नम्बर से नहीं मिला रिस्पॉन्स
मंगलवार को डीएम सुहास एलवाई ने गंभीर रोगों से ग्रस्त मरीजों के लिए नई सेवा शुरू की थी। जिसके तहत ऐसे मरीजों को अस्पताल पहुंचाने के लिए निशुल्क प्रशासन-उबर कैब शुरू की गई हैं। उनके पड़ोसी विक्रम राउतराय ने मदद की और टोल फ्री नंबर पर सेवा के लिए कॉल किया। उनका आरोप है कि टोल फ्री नंबर पर उन्हें कोई रिस्पांस नहीं दिया गया।
परिवार ने धीरेन्द्र सिंह से मांगी मदद
साधना पाठक ने बताया कि परिवारिक अपने मित्र अभय जैन की मदद लेकर शिकायत जेवर विधायक धीरेंद्र सिंह से की। जिसके बाद जेवर विधायक धीरेंद्र सिंह ने प्रशासन से बात करके बुधवार सुबह के लिए कैब की व्यवस्था करवाई। ज्ञानवती कैब से ओखला ईएसआई अस्पताल पहुंच गईं।
दिल्ली पहुंचकर बढ़ गया संकट
अस्पताल पहुंचने पर ज्ञानवती और उसके परिवार को पता चला कि अस्पताल में केवल कोविड-19 के मरीजों का इलाज किया जा रहा है। जिसके चलते उन्हें दिल्ली के दूसरे ईएसआई अस्पताल में जाना होगा। लेकिन कैब चालक उन्हें वहां छोड़कर जा चुका था। कैब चालक ने अपना मोबाइल नंबर भी बंद कर लिया था। पीड़ित परिवार किसी तरह मदद मांगकर दूसरे ईएसआई अस्पताल पहुंचा।
डीएम को पहुंचना पड़ा कंट्रोल रूम
ज्ञानवती ईएएसआई अस्पताल से इलाज कराने के बाद घर लौटने की मुश्किल में फंस गईं। परिवार ने यह सारी जानकारी किसी तरह डीएम सुहास एलवाई तक पहुंचाई। डीएम ने मामले को गंभीरता से लिया और तुरंत कंट्रोल रूम पहुंच गए। उन्होंने पीड़ित महिला और उनकी मदद में लगे विक्रम राउतराय से संपर्क किया। उन्हें जल्द घर लाने की व्यवस्था का भरोसा दिलाया। जिसके बाद रात करीब 10 बजे डीएम ने उन्हें कैब भेजकर ग्रेटर नोएडा वेस्ट में उनके घर पहुंचवाया।
लोगों ने विधायक और डीएम को धन्यवाद दिया
पीड़ित परिवार और ग्रेटर नोएडा वेस्ट के निवासियों ने जेवर विधायक धीरेंद्र सिंह और डीएम सुहास एलवाई का धन्यवाद व्यक्त किया है। उन्होंने कहा, डीएम और विधायक लोगों की समस्याओं को लेकर गंभीर हैं। उनकी सहयोग करने की भावना ने हमारी दिनभर की सभी समस्याओं को गौण कर दिया है।
कैब ड्राइवर और मरीज के बीच निर्धारित समय का समन्वय नहीं बना: डीएम
डीएम सुहास एलवाई ने इस मसले पर कहा, मरीज और कैब चालक के बीच घर लौटने के तय समय को लेकर समस्या रही। जांच में पाया गया कि मरीज तय समय पर उसके पास नहीं पहुंच सके। जिसके चलते कैब चालक दूसरे मरीज को सेवा देने के लिए पहुंच गया।