Google Image | प्रतीकात्मक फोटो
उत्तर प्रदेश के बलिया जिले की एक स्थानीय अदालत ने 15 वर्षीय किशोरी का बलात्कार करने और उसे जान से मारने की धमकी देने के मामले के दोषी को 10 वर्ष की सजा सुनाई है। दूसरी ओर बांदा जिले में मासूम बच्ची से रेप की शर्मनाक घटना हुई है। यहां की मरका थाना पुलिस ने सात साल की बच्ची के साथ कथित रूप से बलात्कार करने के आरोप में गुरुवार को बारहवीं कक्षा के छात्र को गिरफ्तार कर लिया है।
बलिया के पुलिस अधीक्षक देवेंद्र नाथ ने शुक्रवार को बताया कि बलिया शहर कोतवाली की रहने वाली एक महिला ने दो साल पहले प्रार्थना पत्र दिया था कि 15-16 फरवरी 2018 की दरमियानी रात को बलिया के सोनू यादव ने उनकी 15 वर्षीय बेटी के साथ दुष्कर्म किया। शिकायत के अनुसार पीड़िता के शोर मचाने पर पीड़िता की मां ने दरवाजा खटखटाना शुरू किया तो आरोपी सोनू यादव पुलिस से शिकायत करने पर जान से मारने की धमकी देते हुए भाग गया था।
एसपी ने बताया कि इस मामले में भारतीय दंड विधान की बलात्कार व जान से मारने के अपराधों से संबंधित धाराओं व पॉक्सो कानून की सुसंगत धारा में नामजद मुकदमा दर्ज किया गया था। पुलिस ने विवेचना के उपरांत सोनू यादव के विरुद्ध न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया। अपर सत्र न्यायाधीश ओमकार शुक्ला की अदालत ने बृहस्पतिवार को दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद आरोपी सोनू यादव को दोषी ठहराते हुए दस वर्ष का सश्रम कारावास व 50 हजार रुपये के अर्थदण्ड की सजा सुनाई है।
सात साल की बच्ची से बलात्कार के आरोप में छात्र गिरफ्तार
दूसरी ओर बांदा जिले की मरका थाना पुलिस ने शुक्रवार को बताया, ''सात साल की बच्ची से कथित रूप से बलात्कार की घटना तीन नवंबर की शाम करीब चार बजे घटी थी। उस समय बच्ची के सभी परिजन खेत में काम कर रहे थे और वह दरवाजे पर अकेली खेल रही थी। बृहस्पतिवार को दर्ज की गई प्राथमिकी के आधार पर पुलिस ने बताया, ''बारहवीं कक्षा में पढ़ने वाला बच्ची का पड़ोसी छात्र मोहित (19) उसे फुसलाकर अपने घर ले गया और वहां कथित रूप से उसके साथ बलात्कार किया।
उन्होंने बताया, ''लड़की के परिजन ने थाने में कोई शिकायत नहीं दर्ज करवाई थी। बृहस्पतिवार को पुलिस अधीक्षक के आदेश पर बलात्कार संबंधी आईपीसी के प्रावधान और पॉक्सो अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर आरोपी छात्र को गिरफ्तार कर लिया गया है और पीड़िता को चिकित्सीय जांच के लिए सरकारी अस्पताल भेजा गया है। वहीं, पीड़ित लड़की के पिता ने दावा किया कि घटना की शाम थाने में शिकायती पत्र दिया गया था, लेकिन जांच करने की बात कहकर पुलिस ने घर लौटा दिया था। पिता ने आरोप लगाया, ''पुलिस में शिकायत करने से नाराज आरोपी के परिजन ने चार नवंबर की शाम उनके घर पर हमला बोल दिया था, तब पुलिस अधीक्षक से शिकायत किये जाने के बाद बृहस्पतिवार को पुलिस ने कार्रवाई की।