ग्रेटर नोएडा में तहसीलदार के साथ हुई मारपीट, पुलिस ने दो दिन से एफआईआर दर्ज नहीं की, क्या पुलिस-प्रशासन में बढ़ रही दूरियां

ग्रेटर नोएडा में तहसीलदार के साथ हुई मारपीट, पुलिस ने दो दिन से एफआईआर दर्ज नहीं की, क्या पुलिस-प्रशासन में बढ़ रही दूरियां

ग्रेटर नोएडा में तहसीलदार के साथ हुई मारपीट, पुलिस ने दो दिन से एफआईआर दर्ज नहीं की, क्या पुलिस-प्रशासन में बढ़ रही दूरियां

Tricity Today | ग्रेटर नोएडा में तहसीलदार के साथ हुई मारपीट

ग्रेटर नोएडा में जारचा थाना क्षेत्र के छौलस गांव में जमीन पैमाइश करने गए दादरी के तहसीलदार के साथ अभद्रता की गई। मारपीट की गई है। इस मामले में तहसीलदार ने पुलिस को शिकायत दी है लेकिन पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं की है। दरअसल, जारचा पुलिस ने मामले की जांच का हवाला देकर कारवाई को आगे नहीं बढ़ाया है। जिससे राजस्व विभाग के अफसरों में रोष है। इतना ही नहीं जिले में चर्चा आम है कि प्रशासन और पुलिस के बीच समन्वय नहीं है। खाई बढ़ रही है।

छौलस गांव में यूसुफ रजा और गोविंद चौधरी के बीच डेढ़ बीघा जमींन को लेकर विवाद चल रहा है। मामला दादरी के उप जिलाधिकारी कोर्ट में विचाराधीन है। शुकव्रार को तहसीलदार राकेश जयंत टीम के साथ पैमाइश करने के लिए गए थे। इसी दौरान यूसुफ रजा समेत करीब दस लोगों ने तहसीलदार से धक्कामुक्की की। नौबत मारपीट तक पहुंच गई। इसके बाद तहसीलदार की ओर से जारचा कोतवाली में आरोपियों के खिलाफ तहरीर दी गई। मगर जारचा पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज नहीं की है। 

तहसीलदार के खिलाफ दी गई कोतवाली में शिकायत

इस मामले का पूरा विडियो सोशल मीडिया पर वायरल है। जिसमें लोग तहसीलदार से अभद्रता कर रहे हैं। सरकारी कार्य में बांधा डाली जा रही है। वहीं, जारचा ले एसएचओ श्याम सुंदर सिंह का इस मामले में कहना है कि प्रकरण से उच्च अधिाकारियों को अवगत कराया गया है। जांच के बाद कारवाई की जायेगी। दूसरी ओर अब इस मामले में युसूफ रजा आदि ने तहसीलदार के खिलाफ तहरीर दी है। तहरीर में तहसीलदार पर अभद्रता करने का आरोप लगाया है। पुलिस दोनों ओर से आई तहरीर पर जांच कर रही है। वहीं, आरोपियों की ओर से दी गई शिकायत पर तहसीलदार के खिलाफ जांच शुरू हो गई है।

कमिश्नरेट सिस्टम में प्रशासन की पकड़ कमजोर हुई

यह घटना पूरे जिले में चर्चा का विषय बन गई है। लोगों का कहना है कि पूर्व में बहुत कम दिखने को मिला होगा कि तहसीलदार स्तर के अफसर के साथ ऐसी घटना हुई। उनकी शिकायत पर दो दिन बीतने के बावजूद एफआईआर दर्ज नहीं की गई है। इससे यह स्पष्ट हो गया है कि जनपद में पुलिस कमिश्नरेट लागू होने से प्रशासन का ओहदा कम हो गया है। अब तहसीलदार स्तर के अधिकारी को भी शिकायत दर्ज कराने के लिए कई दिन का इंतजार करना पड़ रहा है। इस घटना के बाद से जिला प्रशासन और पुलिस विभाग के आपसी समन्वय की पोल खुल गई है। जिससे प्रशासन में काम करने वाले अधिकारियों के मनोबल में गिरावट आना तय माना जा रहा है।

मुझे जानकारी नहीं दी गई, तत्काल एफआईआर होगी: डीएम

इस पूरे प्रकरण के बारे में जिलाधिकारी सुहास एलवाई से बात की गई। डीएम ने बताया कि उन्हें इस मामले में कोई जानकारी नहीं दी गई है। तत्काल एफआईआर दर्ज करवाई जाएगी। इस मामले को लेकर डीएम ने तुरंत प्रशासनिक अधिकारियों से भी बात की। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस और प्रशासन के बीच समन्वय की कोई कमी नहीं है। सही ढंग से मैसेज कनवे नहीं किया गया। जिसकी वजह से ऐसा हुआ है।

जांच चल रही है, उसके बाद एफआईआर होगी: डीसीपी

दूसरी ओर ग्रेटर नोएडा के पुलिस उपायुक्त राजेश कुमार सिंह का कहना है कि तहसीलदार की ओर से जारचा कोतवाली में शिकायत दी गई है। पुलिस को मामले में जांच करने को कहा गया है। जांच के बाद एफआईआर दर्ज होगी। दो अक्टूबर को अवकाश होने के बावजूद पुलिस को साथ लिए बिना तहसीलदार पैमाइश करने चले गए। उस जमीन पर अदालत ने स्टे भी दे रखा है।

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