Tricity Today | निशांत चतुर्वेदी
कोविड-19 संक्रमण की वजह से हुए लॉकडाउन में लोगों को घरों में रहना पड़ा, नतीजतन टीवी दर्शकों की संख्या में भारी इजाफा दर्ज किया गया है। जाने माने पत्रकार और टीवी-9 भारतवर्ष के सीनियर एक्जीक्यूटिव एडिटर निशांत चतुर्वेदी ने यह बात कही। वे शुक्रवार को गलगोटिया विश्वविद्यालय के मीडिया स्कूल द्वारा कोरोना महामारी का मीडिया जगत पर प्रभाव, विषय पर आयोजित एक दिवसीय वेबिनार में बतौर मुख्य वक्ता बोल रहे थे।
निशांत चतुर्वेदी ने छात्रों से मुखातिब होते हुए कहा कि आने वाला समय आप लोगों का है। ऐसे में आप को तय करना है कि बतौर पत्रकार आप लोगों को क्या परोस रहे हैं। आप सूचना देना चाहते हैं या मनोरंजन, यह आपको तय करना होगा।
उन्होंने कहा कि कोरोना काल में समाज का बड़ा हिस्सा जो स्मार्टफोन प्रयोग करता है, टीवी की तरफ आकर्षित हुआ है। इसलिए यह कहना कि स्मार्टफोन की वजह से टीवी का भविष्य खतरे में है, गलत है। आज टीवी का फार्म चेंज हुआ है। वह स्मार्ट टीवी के रूप में नई परिभाषा गढ़ रहा है। क्योंकि आने वाला समय इसी का है, इसलिए यह चिंता करने की जरूरत नहीं हैं कि टीवी का समय जा रहा है।
इसके अलावा उन्होंने डिजिटल मीडिया पर भी अपने विचार रखे। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय की उपकुलपति प्रोफेसर प्रीति बजाज ने कहा कि हमें यह देखना होगा कि कोरोना जैसी महामारी के बाद मीडिया जगत पर क्या प्रभाव पड़ेगा। इसका सटीक मूल्यांकन पत्रकार, मीडिया, शिक्षक और छात्र ही कर पाएंगे।
कार्यक्रम में मीडिया स्कूल के डीन डॉ ए राम पांडेय ने कहा कि मीडिया हर दिन बदल रहा है। बदलाव के इस दौर में अर्टिफिसियल इन्टेलीजेंस ने एक खतरा भी पैदा किया है। जिसमें श्रोता की पसंद को रेखांकित करने से विभिन्न विचार से आडियंश महरूम हो सकता है। इसलिए छात्रों को इसके सभी आयामों पर बरीकी से नजर रखनी पड़ेगी। इस वेबिनार में मीडिया शिक्षकों, छात्रों सहित विश्वविद्यालय के अन्य विभागों के लोग भी शामिल हुए।