स्वीडिश कम्पनी IKEA | Google Image
स्वीडिश कम्पनी IKEA नोएडा में देश का सबसे बड़ा फ्लैट-पैक फर्नीचर स्टोर खोलने जा रही है। बहुत जल्दी इसका सबसे बड़ा स्टोर शुरू होगा और 2025 तक उत्तर प्रदेश के कई महानगरों में स्टोर शुरू करेगी। कंपनी ने उत्तर प्रदेश सरकार के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे। अगले कुछ वर्षों में कम्पनी नोएडा और यूपी के अन्य शहरों में 5,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी।
यूपी के उद्योग मंत्री सतीश महाना ने कहा, कंपनी को नोएडा में 47,833 वर्गमीटर जमीन आवंटित की गई है। कंपनी ने दिसंबर 2018 में नोएडा और राज्य के अन्य शहरों में 5,000 करोड़ रुपये के निवेश के लिए उत्तर प्रदेश सरकार के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे। कम्पनी मैनेजमेंट वर्ष तक 2025 तक परियोजना को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है।
सतीश महाना ने कहा, "सभी जरूरी मंजूरी दे दी गई हैं और कंपनी ने 2025 तक परियोजना को पूरा करने के लिए वचन दिया है। मैंने कंपनी को जमीन पर जल्दी कब्जा देने के लिए विकास प्राधिकरण को जरूरी निर्देश जारी किए हैं।" IKEA ने वर्ष 2018 में हैदराबाद में भारत में अपना पहला आउटलेट खोला था। नोएडा में एक एकीकृत वाणिज्यिक परियोजना स्थापित करने का प्रस्ताव दिया है, जो 1,000 लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार और 1,000 को अप्रत्यक्ष रोजगार देगी।
कंपनी का वर्ष 2030 तक 40 शहरों में विस्तार करने का इरादा है। अधिकारियों ने कहा, IKEA ने शुरुआत में 2015 में पिछली सरकार के साथ लखनऊ, आगरा और नोएडा में 500-500 करोड़ रुपये के निवेश के साथ तीन स्टोर स्थापित करने के लिए एक प्रतिबद्धता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे। हालांकि, इसकी योजनाएं सालों में विकसित हुईं और 2018 में एक नए समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।
सूत्रों ने कहा, एक सामान्य IKEA स्टोर का औसत आकार 4,00,000 वर्ग फुट होता है। चूंकि एक शहर के भीतर इतनी बड़ी जगह मिलना मुश्किल है, इसलिए कंपनी अपने मॉडल को बदलने और छोटे स्टोर, स्टैंडअलोन या मॉल के भीतर विकसित करना चाह रही है।
क्या होता है फ्लैट पैक फर्नीचर
रेडी-टू-असेंबल फर्नीचर (आरटीए), जिसे नॉक-डाउन फर्नीचर (केडी), फ्लैट पैक फर्नीचर या किट फर्नीचर के रूप में भी जाना जाता है। यह फर्नीचर का एक रूप है, जिसे ग्राहक अपने घर लाकर जोड़ते हैं। इसके अलग-अलग हिस्से को डिब्बों में बिक्री के लिए पैक किया जाता है। जिन्हें फ्लैट में लाकर असेंबल कर लिया जाता है। यह कभी-कभी हार्डवेयर भी होते हैं। यह फर्नीचर आमतौर पर स्क्रू ड्रायर्स जैसे उपकरणों की मदद से जोड़ा और तोड़ा जा सकता है। रेडी-टू-असेंबल फर्नीचर उन उपभोक्ताओं में लोकप्रिय है, जो स्वयं उत्पाद को इकट्ठा करके पैसे बचाने की इच्छा रखते हैं। इसकी कीमत कम होती है।
आने वाले वर्षों में एनसीआर सबसे बड़ा बाजार होगा
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और इससे सटे शहरों में अगले एक दशक के दौरान करीब 2 करोड लोग फ्लैट कल्चर का हिस्सा होंगे। इनकी जरूरतों का ध्यान रखते हुए देश और दुनिया की तमाम बड़ी कंपनियां दिल्ली-एनसीआर का रुख कर रही हैं। भारत में दिल्ली-एनसीआर सबसे बड़ा रियल स्टेट कब है। तमाम झटकों के बावजूद पिछले 5 वर्षों में एनसीआर के शहरों में 5 लाख से ज्यादा नए फ्लैट बनकर तैयार हुए हैं। संयुक्त राष्ट्र संघ का अनुमान है कि वर्ष 2050 तक दिल्ली-एनसीआर दुनिया की सबसे बड़ी शहरी आबादी होगी। तब इस इलाके की जनसंख्या करीब 10 करोड़ हो सकती है। अभी भी पूरे दिल्ली-एनसीआर में करीब 5 करोड़ लोग रह रहे हैं। पूरे देश से कामकाजी लोग तेजी के साथ पलायन करके दिल्ली-एनसीआर में आकर बस रहे हैं।