ग्रेटर नोएडा वेस्ट: रावण के मन्दिर की मिट्टी राम मंदिर की नींव में लगेगी, जय श्रीराम के उदघोष से गूंजा रावण का गांव

ग्रेटर नोएडा वेस्ट: रावण के मन्दिर की मिट्टी राम मंदिर की नींव में लगेगी, जय श्रीराम के उदघोष से गूंजा रावण का गांव

ग्रेटर नोएडा वेस्ट: रावण के मन्दिर की मिट्टी राम मंदिर की नींव में लगेगी, जय श्रीराम के उदघोष से गूंजा रावण का गांव

Tricity Today | रावण के मन्दिर की मिट्टी राम मंदिर की नींव में लगेगी

बुधवार को जब अयोध्या में भगवान श्रीराम के मंदिर का शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर रहे थे तो ठीक उसी वक्त गौतमबुद्ध नगर के ग्रेटर नोएडा वेस्ट में रावण के गांव बिसरख में भी जय श्री राम का उद्घोष हो रहा था। ग्रामीणों ने बुधवार को बाकायदा रावण की जन्म स्थली पर भजन, हवन और कीर्तन का आयोजन किया। गांव की महिलाओं ने पूजा-अर्चना की। इतना ही नहीं रावण के मंदिर की मिट्टी भगवान श्रीराम के मंदिर की नींव में लगाने के लिए भेजी गई है।

पौराणिक मान्यता है कि ग्रेटर नोएडा वेस्ट के बिसरख गांव में रावण ने जन्म लिया था। यहीं रावण के पिता महर्षि विश्रवा का आश्रम था। महर्षि विश्रवा के नाम पर ही इस गांव का नाम बिसरख पड़ा है। रावण ने यहां जन्म लेने के बाद भगवान शंकर का एक मंदिर भी स्थापित किया था। यह मंदिर अभी भी गांव में मौजूद है। मंदिर में एक विशेष शिवलिंग और भगवान शंकर की मूर्ति विराजमान हैं।

बुधवार को जब अयोध्या में भगवान श्रीराम का मंदिर स्थापित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भूमि पूजन कर रहे थे, ठीक उसी वक्त बिसरख गांव में भी हवन कीर्तन चल रहा था। रावण का गांव भगवान श्रीराम के नारों से गुंजायमान हो रहा था। रावण मंदिर के पुजारी लेखराज ने बताया कि इस मंदिर में रावण के पिता महर्षि विश्रवा ने शिवलिंग की स्थापना की थी। वह इसी शिवलिंग की पूजा किया करते थे। 

रावण मन्दिर से राम मंदिर की नींव के लिए मिट्टी भेजी गई

उन्होंने जानकारी दी अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए रावण के जन्म स्थान इस मंदिर से भी मिट्टी भेजी गई है। श्रीराम जन्म भूमि ट्रस्ट से निवेदन किया गया है कि वह इस मिट्टी का उपयोग भगवान श्रीराम के मंदिर निर्माण में नींव के लिए करें। गांव में लोग अयोध्या में आयोजित किए जा रहे उत्सव को लेकर बहुत खुश हैं। गांव में हवन, कीर्तन और भंडारे का आयोजन किया जा रहा है। लोगों ने गांव में यज्ञ का आयोजन किया है। महिलाओं ने बुधवार को सुबह से ही मंदिर पहुंचकर शिवलिंग पर जलाभिषेक किया है।

बिसरख गांव में दशहरा नहीं मनाया जाता

बिसरख गांव के रहने वाले और किसान संघर्ष समिति के प्रवक्ता मनवीर भाटी ने बताया कि बुधवार को पूरा गांव भगवान श्रीराम की भक्ति में लीन रहा। गांव में महायज्ञ का आयोजन किया गया। यज्ञ का आयोजन रावण मंदिर परिसर में ही किया गया है। गांव की महिलाओं, बुजुर्गों, युवाओं और बच्चों ने बढ़ चढ़कर इस यज्ञ में भाग लिया है। मनवीर भाटी ने बताया कि बिसरख में कभी भी दशहरे का आयोजन नहीं किया गया है। गांव के लोग रावण को बाबा कहकर बोलते हैं। दशहरे के दिन उनकी मृत्यु हुई थी, इसलिए हमारे गांव के लोग उस दिन खुशियां नहीं मनाते हैं। हालांकि, गांव में भगवान श्रीराम की पूजा की जाती है। रावण को भी हम लोग अपना पूर्वज और विद्वान मानते हैं।

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