सपाइयों ने राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा, बोले- भाजपा सरकार की नीतियां जनविरोधी हैं

सपाइयों ने राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा, बोले- भाजपा सरकार की नीतियां जनविरोधी हैं

सपाइयों ने राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा, बोले- भाजपा सरकार की नीतियां जनविरोधी हैं

Tricity Today | सपाइयों ने राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा, बोले- भाजपा सरकार की नीतियां जनविरोधी हैं

गौतमबुद्ध नगर समाजवादी पार्टी ने सोमवार को राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा है। सपा का आरोप है कि कोरोना संकटकाल में चरमराती स्वास्थ्य सेवा, बेरोजगारी, बढ़ते भ्रष्टाचार, अपराध, किसानों की बदहाली, प्रदेश की बिगड़ती कानून व्यवस्था से आम आदमी परेशान है। इन मुद्दों को लेकर सपा कार्यकर्ताओं ने सोमवार को गौतमबुद्ध नगर जनपद की तीनों तहसील पर उपजिलाधिकारी के कार्यालय के सामने प्रदर्शन किया है। प्रदर्शन कर सपाइयों ने राज्यपाल के नाम एक ज्ञापन उपजिलाधिकारी को सौंपा है।

गौतमबुद्ध नगर समाजवादी पार्टी के पूर्व जिला अध्यक्ष फकीर चंद नागर ने कहा, कोरोना महामारी के संकट काल में प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह से चरमरा चुकी हैं। प्रदेश में सैकड़ों मौत रोजाना हो रही हैं। कोरोना से संक्रमित लोगों को अस्पतालों में इलाज नहीं मिल पा रहा है। अनियोजित लॉकडाउन से लाखों लोग बेरोजगार हो गए हैं। सरकार आमजन को राहत प्रदान करने के बजाय दैनिक उपयोग की वस्तुओं के दामों में दिनोंदिन वृद्धि कर रही है। जिससे महंगाई बेकाबू हो गई और आम आदमी को अपने परिवार का भरण-पोषण करने में बहुत मुश्किल हो रही है। 

इस मौके पर सपा के पूर्व प्रदेश प्रवक्ता राजकुमार भाटी ने कहा, प्रदेश में पूरी तरह से जंगलराज कायम है। हत्या, लूट और बलात्कार जैसी संगीन अपराधों से प्रदेश में कोहराम मचा हुआ है। भाजपा सरकार के शासन काल में आज पूरे प्रदेश में बालिकाओं और महिलाओं पर अत्याचार हो रहे हैं। सरकार आंख मूंदकर बैठी है। आज पूरे प्रदेश में किसान अपनी मांगों और समस्याओं को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। लेकिन सरकार किसानों की समस्या के प्रति गंभीर नहीं है, बल्कि किसानों की आवाज को दबाने के लिए प्रशासन और पुलिस का सहारा ले रही है। किसानों की आत्महत्या के मामले दिनोंदिन बढ़ रहे हैं। 

दादरी में धरने को संबोधित करते हुए गौतम बुद्ध नगर समाजवादी पार्टी के महासचिव नवीन भाटी ने कहा कि कृषि अध्यादेश पूर्णतया उद्योगपतियों के पक्ष में और किसान को उजाड़ने वाला कानून है। ताकि जिस देश में 70 फ़ीसदी आबादी प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से कृषि पर आधारित हो ऐसे देश में लोकतांत्रिक मान्यताओं की हत्या कर इस तरह का कानून बनाना देश को बर्बाद करने जैसा है। उन्होंने बताया कि इस काले कानून में किसान की सुनवाई के लिए एसडीएम और डीसी को अधिकृत किया गया है। सोचने वाली बात यह है कि अडानी-अंबानी जैसे उद्योगपतियों के सामने एसडीएम या जिला कलेक्टर की हैसियत क्या होगी, उनके खिलाफ सुनवाई कर निर्णय दे सके। 

श्माम सिंह भाटी ने बताया कि भाजपा सरकार पूंजीपतियों के एजेंट के रूप में काम कर रही है। चंद उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए निजीकरण को बढ़ावा दे रही है। देश में बेरोजगारी बहुत बड़ा संकट है। सरकार की नीतियों और भ्रष्टाचार कारण शिक्षित नौजवान दर-दर की ठोकर खा रहे हैं और उनका भविष्य अंधकार में हो गया है। जगबीर नंबरदार ने कहा कि देश की आर्थिक परिस्थिति इस समय काफी कमजोर है। देश के किसान परेशानियों से झूझ रहे हैं। लेकिन मोदी सरकार सिर्फ अपना ही फायदा सोच रही है। मोदी की कैबिनेट मंत्री ने भी केन्द्र सरकार की किसान विपक्ष विधेयक के कारण अपना कैबिनेट मंत्री पद से भी इस्तीफा दे दिया है। लेकिन मोदी सरकार की आंखों पर फिर भी पट्टी बंधी हुई है।

सुभाष भाटी ने कहा कि लाॅकडाउन के काल में नोएडा और ग्रेटर नोएडा में सैकड़ों कंपनियां बंद हो गई है। हजारों लोग बेरोजगार हो गए है। जिसके कारण लोगों के पास खाने तक के रूपये नही है। लेकिन सरकार बेरोजगार और युवाओं की तरफ बिल्कुल भी ध्यान नही दे रही है।

इस मौके पर मुख्य रूप से नरेंद्र नागर, इंद्रपाल छौकर, कृष्णा चौहान, विजेंद्र नागर, स्वतंत्र पाल सिंह, इंद्र प्रधान, रविंद्र प्रधान, सुधीर भाटी, सुधीर तोमर, देवेंद्र अवाना, दीपक नागर, आशरे गुप्ता, अनिल पंडित, विनीत भाटी, भरत यादव, अमित रौनी, सुनील बदौली, जय यादव, मनोज शर्मा, लोकेश जनमेदा, सुरेंद्र नागर, महेश भाटी, जगत खारी, विकास भनौता, हैप्पी पंडित, अक्षय सिंह भाटी, सत्यप्रकाश नागर, रोहित बैसोया, विकास शर्मा, शैलेंद्र भाटी, अमन भाटी, वरुण गुर्जर, बबली भाटी, सुशील नागर, प्रशांत पाली, गजेंद्र भाटी, विजेंद्र चौहान, ओमवीर सेन, योगेश चौधरी, हिमांशु मुखिया, सुमित राणा, नवनीत शर्मा, रवि यादव, राजेश रोही, वीरेंद्र शर्मा, विष्णु शर्मा, हरीश ठाकुर, जयवीर लोहिया, मुकेश त्यागी, समर बैंसला, भावेश यादव, राहुल आर्यन, लक्ष्मण शाह, सतीश नागर और विपिन नागर आदि मौजूद रहे।

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