महामारी के खिलाफ पूरी दुनिया को एकजुट होना पड़ेगा, एमिटी यूनिवर्सिटी की वेबिनार में बोले श्री श्री रविशंकर

महामारी के खिलाफ पूरी दुनिया को एकजुट होना पड़ेगा, एमिटी यूनिवर्सिटी की वेबिनार में बोले श्री श्री रविशंकर

महामारी के खिलाफ पूरी दुनिया को एकजुट होना पड़ेगा, एमिटी यूनिवर्सिटी की वेबिनार में बोले श्री श्री रविशंकर

Tricity Today | Sri Sri Ravi Shankar

एमिटी विश्वविद्यालय नोएडा सहित देश के सभी एमिटी संस्थानों में गुरूवार को एमिटी विश्वविद्यालय उत्तर प्रदेश के चांसलर डॉ अतुल चौहान के जन्मदिन को ‘‘अपनेपन का दिवस’’ के रूप में मनाया गया। इस अवसर पर आर्ट लिविंग फांउडेशन के संस्थापक श्री श्री रविशंकर ने अपनेपन पर ऑनलाइन प्रवचन दिया। डीआरडीओ के चेयरमैन और भारत सरकार के डिफेंस आर एंड डी के सचिव डॉ जी सतीश रेड्डी ने कोविड-19 से निपटने में डीआरडीओ के सफलतम प्रयास की जानकारी ऑनलाइन दी।

इस कार्यक्रम में एमिटी शिक्षण समूह के संस्थापक अध्यक्ष डॉ अशोक कुमार चौहान, एमिटी इंटरनेशनल स्कूल्स की चेयरपरसन डॉ अमिता चौहान, एमिटी विश्वविद्यालय उत्तर प्रदेश के चांसलर डॉ अतुल चौहान, एमिटी विश्वविद्यालय हरियाणा के चांसलर डॉ असीम चौहान सहित कई व्यक्ति उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन एमिटी सांइस टेक्नोलाॅजी एंड इनोवेशन फांउडेशन के अध्यक्ष डॉ डब्लू सेल्वामूर्ती ने किया। इस कार्यक्रम में विश्वभर में फैले एमिटी शिक्षण संस्थानों से हजारों की संख्या में छात्रों आउर शिक्षकों ने हिस्सा लिया।

आर्ट लिविंग फांउडेशन के संस्थापक श्री श्री रविशंकर ने अपनेपन पर प्रवचन देते हुए कहा कि कोरोना वायरस के इस अनिश्चित दौर में विश्व को चाहिए कि एकजुट होकर साथ खड़े रहें। एमिटी विश्वविद्यालय शिक्षा के प्रसार में विशेष भूमिका का निर्वहन कर रहा है। इस ऑनलाइन वेबिनार के जरीए एमिटी यूनिवर्सिटी छात्रों को जोड़ रही है और उन्हें व्यस्त भी रख रही है। 

उन्होनें कहा कि आज विभिन्न माध्यम जैसे कि फिल्मों व अन्य से युवाओं को सीखाया जा रहा है कि जो हीरो होता है वो आक्रामक होता है। जो कि सही नहीं है। आज के युवा या तो आक्रामक हो रहे हैं या अपनी अकांक्षाओं को पूरा ना कर पाने के कारण निराशावादी बन रहे हैं। हम ध्यान और आध्यात्म से युवाओं को आक्रामक या निराशावादी होने से बचा सकते हैं। जो हम प्राचीन समय भगवान श्री कृष्ण, भगवान बुद्ध से ज्ञान प्राप्त करते आये हैं, उसे जीवन में उतारना होगा। 

श्री श्री रविशंकर ने कहा, आज पश्चिम हमारे योग, ध्यान और आध्यात्म के महत्व को समझकर अपना रहा है। भारतीयता मूल्य ज्ञान, ज्ञान एवं ध्यान, तीनों पर आधारित होते हैं। इसलिए मां सरस्वती के हाथ में वीणा और पुस्तक होती है। हमें युवाओं के व्यक्तित्व को निखारना होगा। जिससे उनके जीवन मे सौहार्द्र, सौम्यता और समता आयें। उन्होनें कहा कि जीवन तभी सार्थक है, जब वह औरों के काम आये।

डीआरडीओ के चेयरमैन और भारत सरकार के डिफेंस आर एंड डी के सचिव डॉ जी सतीश रेड्डी ने कोविड-19 से निपटने में डीआरडीओ के सफलतम प्रयास की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कोविड-19 की इस समस्या से निपटने के लिए हर स्तर पर प्रयास किये जा रहे हैं। आज हर व्यक्ति इससे अपने स्तर पर निपटने और लोगों की सहायता करने का प्रयास कर रहा है। कोविड-19 से निपटने के लिए डीआरडीओ ने कई पहल और कार्य किये हैं। डीआरडीओ प्रथम दिन से कारकों का समझकर शोध कर रहा है। हमने सैनिटाइजर बनाना प्रारंभ किया। अब तक लगभग 5 लाख सैनिटाइजर की बोतलों को देश में वितरित किया गया है। देश की विभिन्न प्रयोगशालाओं को फार्मूले भी दिये गये। जिससे वे स्थानीय स्तर पर निर्माण कर सकें। कई मशीनें और उपकरण, जो सेनेटाइजेशन में काम आते हैं, जैसे फुट सैनिटाइजर, यूवीसी से बने सैनिटाइजर, हैंड ड्रायर, बैगेज स्क्रीनिंग यूवीसी विशेषकर हवाई अड्डों पर उपयोग होने वाले और यूवीसी ब्लास्टर आदि का निर्माण किया गया।

उन्होंने कहा, हमने बेहतरीन फिल्ट्रेशन के साथ एन-95 मास्क विकसित किया है। हम प्रतिदिन 30 हजार मास्क का निमार्ण कर रहे हैं। पीपीई के लिए विभिन्न तरह के कपड़ों का प्रयोग कर रहे हैं। हमने डीआरडीओ में फेस शिल्ड भी विकसित किया है। हम कई वेंटिलेटर विकसित कर रहे हैं। इस तकनीक के साथ कि एक वेंटिलेटर कई मरीजों के लिए एक साथ उपयोग में लाया जा सके। हम इस तरह के साफ्टवेयर विकसित कर रहे हैं, जो क्वारंटीन में मरीजों को ट्रैक कर सकें। उन्होंने कहा कि वैक्सिन और दवा को विकसित करने पर भी कार्य किया जा रहा है। डा रेड्डी ने वैश्विक महमारी के समय सहयोग देने वाले हर व्यक्ति और संस्थान का धन्यवाद दिया।

एमिटी शिक्षण समूह के संस्थापक अध्यक्ष डॉ अशोक कुमार चौहान ने कहा, एमिटी की आधारशिलाा ही मानव मूल्य और अपनेपन पर रखी गई है। हम छात्रों को सभी से अपनेपन का व्यवहार करने, सहायता और आदर करना सिखाते हैं। एक दूसरे का ध्यान रखना ही अपनापन है। डा चैहान ने कहा कि श्री श्री रविशंकर द्वारा दिया गया ज्ञान हमें सदैव मजबूती प्रदान करता है। हमें विश्वास है कि अपनेपन के इस प्रेम और सहायता की ताकत से हम कोविड-19 तो क्या इससे बड़ी बाधाओं को भी पार कर जायेगें। डा चैहान ने कहा कि डीआरडीओ डा रेड्डी के नेतृत्व में देश के विकास में अभूतपूर्व योगदान दे रहा है। हम सदैव आप से प्रेरित होते रहते हैं। जीवन में, देश के विकास में योगदान देने का प्रोत्साहन पाते हैं। डा चौहान ने इस अवसर पर ‘‘एमिटी कनेक्ट नेटर्वक’’ की घोषणा की। जिससे आने वाले दो वर्षों में लगभग 10 मिलियन लोगों को जोड़ा जायेगा।

एमिटी विश्वविद्यालय उत्तर प्रदेश के चांसलर डा अतुल चौहान ने संबोधित करते हुए कहा कि एमिटी में मनाये जा रहे इस अपनेपन के दिवस पर हमें देश की महान दो विभूतियों को सुनने का अवसर प्राप्त हुआ। जीवन में अपनापन नहीं है तो कुछ नहीं है। किसी भी संस्थान में नेतृत्व करने के दृष्टिकोण को समझना और उसे अपनाना भी अपनापन ही है। हम एमिटी परिवार में एक दूसरे के दुख सुख को समझते हैं। समस्याओं का निराकरण मिलकर करते हैं। यही अपनापन है। हम एमिटी में छात्रो को विश्व के नागरिक बनने के लिए तैयार करते हैं। जिससे विश्व में शांति और प्रसन्नता का वातावरण व्याप्त हो।

इस अवसर पर एमिटी हयुमिनिटी फांउडेशन की चेयरपरसन पूजा चौहान, एमिटी स्कूल ऑफ फाइन आर्ट एंड एमिटी स्कूल ऑफ फैशन टेक्नोलाॅजी की चेयरपरसन द्विव्या चैहान, एमिटी विश्वविद्यालय की वाइस चांसलर डा बलविंदर शुक्ला, एमिटी ग्रुप वाइस चांसलर डा गुरिंदर सिंह सहित कई देश विदेश के एमिटी संस्थानों के छात्र, शिक्षकगण और अधिकारीगण उपस्थित थे।

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