Tricity Today | Suhas LY IAS
अगर आप गौतमबुद्ध नगर जिले में नोएडा, ग्रेटर नोएडा, ग्रेटर नोएडा वेस्ट या देहात के निवासी हैं तो आपको कोरोनावायरस के खिलाफ चल रहे अभियान से जुड़ी चार बातों को जरूर जानना चाहिए। इन चार बातों को जानने के बाद आपको पूरी तरह अनुमान हो जाएगा कि जिले में कोरोनावायरस से जुड़े हालात कैसे हैं? गौतमबुद्ध नगर जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की लड़ाई किस हाल में है? अब तक कितनी कामयाबी मिली है? और किस मोर्चे पर जिले के लोगों को नुकसान उठाना पड़ रहा है? यह चारों तथ्य ट्राइसिटी टुडे ने गौतमबुद्ध नगर के स्वास्थ विभाग की ओर से सोमवार की शाम तक जारी की गईं अलग-अलग रिपोर्ट के आधार पर तैयार किए हैं।
1: पहली बार अस्पतालों में भर्ती लोगों की संख्या 100 के पार
नोएडा में कोरोनावायरस के संक्रमण का पहला मामला 8 मार्च को रिपोर्ट किया गया था। तब से जिले में लगातार संक्रमित लोगों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। सोमवार की शाम 6:00 बजे स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी की गई रिपोर्ट में कुल संक्रमित लोगों की संख्या 359 बताई गई है। स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि अब तक 235 लोगों को स्वस्थ होने के बाद उनके घर भेज दिया गया है। अब जिले के तीनों कोविड-19 अस्पतालों में 119 लोगों का उपचार किया जा रहा है। गौतम बुद्ध नगर जिले में यह पहला अवसर है, जब अस्पतालों में बीमार पड़े मरीजों की संख्या 100 से ज्यादा है।
हालांकि, गौतमबुद्ध नगर का रिकवरी रेट लगातार 60 फ़ीसदी से ऊपर बना हुआ है। लेकिन जैसे-जैसे मरीजों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है, उसके साथ ही अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। दूसरी ओर ठीक होकर जाने वालों की संख्या में पिछले सप्ताह के दौरान अच्छी खासी गिरावट दर्ज की गई है। ऐसे में अगर आने वाले दिनों में इसी रफ्तार से मरीजों की संख्या बढ़ी तो परेशानी का कारण बन सकता है। दरअसल, बीते सप्ताह ज़ी मीडिया ग्रुप और ओप्पो मोबाइल कंपनी में संक्रमण फैला। जिसकी वजह से एक साथ बड़ी संख्या में मरीज सामने आए हैं। इसका असर जिले की कोरोनावायरस के खिलाफ चल रही लड़ाई पर पड़ा है।
2: जिले में लोगों की टेस्टिंग राष्ट्रीय औसत के मुकाबले दो गुना से भी ज्यादा
स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट में बताया गया है कि गौतमबुद्ध नगर जिले में अभी तक 10,222 लोगों का कोरोनावायरस टेस्ट करवाया जा चुका है। सोमवार को 199 लोगों के सैंपल सरकारी प्रयोगशालाओं को भेजे गए हैं। जबकि, 144 लोगों के सैंपल प्राइवेट प्रयोगशालाओं को भेजे गए हैं। गौतमबुद्ध नगर जिले में प्रति दस लाख की जनसंख्या पर 4,867 लोगों का कोरोनावायरस टेस्ट करवाया जा चुका है। अगर राष्ट्रीय औसत की बात करें तो देश में अब तक प्रति दस लाख की जनसंख्या में 2,333 लोगों का कोरोनावायरस टेस्ट करवाया गया है। इस आंकड़े को देखने से साफ है कि गौतमबुद्ध नगर जिले में कोरोनावायरस का टेस्ट रेट नेशनल टेस्ट रेट के मुकाबले दोगुने से भी ज्यादा है।
दरअसल, पिछले कुछ समय से लगातार जिले की सामाजिक संस्थाएं और आम आदमी के मन में यह भ्रांति घर कर रही थी कि जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग बहुत कम संख्या में कोरोनावायरस के टेस्ट करवा रहे हैं। जिसके कारण संक्रमित लोगों की संख्या कम आ रही है। वास्तव में अगर टेस्ट बढ़ाए जाएं तो संक्रमित लोगों की संख्या कहीं ज्यादा रहेगी। रिपोर्ट में दिए गए इन आंकड़ों से यह भ्रांति दूर हो जाती है। दूसरी ओर जिले के लोगों को यह विश्वास भी करना चाहिए कि जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग उपलब्ध संसाधनों का भरपूर उपयोग कर रहे हैं। स्वास्थ विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि बिना वजह और बे-जरूरत लोगों का टेस्ट करवाने से संसाधनों की बर्बादी करना है। जब वास्तविक व्यक्ति को उसकी जरूरत पड़ेगी तो हम उसे सुविधाएं कैसे उपलब्ध करवा पाएंगे। जिले के लोगों को यह भरोसा करना चाहिए कि प्रत्येक उस व्यक्ति का टेस्ट करवाया जा रहा है जिस पर कोरोनावायरस से संक्रमित होने का तनिक सा भी शक है।
3: कोरोना वायरस की जांच करने वालीं यूपी में सबसे ज्यादा लैब गौतमबुद्ध नगर में हैं
कोरोना वायरस की जांच करने के लिए इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल साइंसेस (ICMR) से मान्यता प्राप्त सबसे ज्यादा लैब गौतमबुद्ध नगर में हैं। गौतमबुद्ध नगर के 3 बड़े सरकारी अस्पताल और दो प्राइवेट अस्पतालों में कोरोनावायरस की जांच करने वाली प्रयोगशाला काम कर रही हैं। ग्रेटर नोएडा के राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान, नोएडा के सुपर स्पेशलिटी चाइल्ड पीजीआई, नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ बायोलॉजिकल्स, शारदा मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पताल में कोरोना वायरस की जांच की जा रही है।
इसके अलावा आईसीएमआर ने नोएडा शहर में कई और प्राइवेट लैबोरेट्रीज को कोरोनावायरस की जांच करने की मंजूरी दी है। जिससे अब आम आदमी भी सीधे कोरोनावायरस का टेस्ट करवा सकता है। मतलब, अगर किसी व्यक्ति को यह आभास होता है कि उसमें कोरोनावायरस के लक्षण हैं तो वह सीधे अपना कोरोनावायरस टेस्ट करवा सकता है। ऐसे कई लोग सामने आए हैं, जिन्हें कोरोनावायरस से प्रभावित होने का शक हुआ और उन्होंने शहर की प्राइवेट लेबोरेटरी से अपना टेस्ट करवाया। वह पॉजिटिव आए और अस्पताल में भर्ती कर दिए गए। यह सुविधा उत्तर प्रदेश के बाकी किसी जिले में उपलब्ध नहीं है। लिहाजा, इस मामले में भी गौतमबुद्ध नगर के लोग काफी फायदा उठा रहे हैं। इससे वायरस के फैलाव को रोकने में मदद मिल रही है।
4: गौतमबुद्ध नगर में पॉजिटिविटी रेट भी नेशनल रेट से आधा है
गौतमबुद्ध नगर में जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की ओर से चलाए गए कंटेनमेंट ड्राइव का बड़ा असर देखने को मिला है। 22 मई तक के आंकड़ों का विश्लेषण करने पर पता चलता है कि गौतमबुद्ध नगर जिले में कोरोनावायरस से लोगों का पॉजिटिविटी रेट महज 3.5 फीसदी है। जबकि, नेशनल रेट 7 फ़ीसदी है। इसका मतलब यह है कि अगर 100 लोगों का कोरोनावायरस टेस्ट करवाया जा रहा है, तो गौतमबुद्ध नगर में केवल 3.5 लोग संक्रमित पाए जा रहे हैं।दूसरी ओर देश के बाकी हिस्सों में 100 टेस्ट में से 7 लोग कोरोनावायरस से संक्रमित मिल रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि नोएडा और ग्रेटर नोएडा जैसे ज्यादा एक्सपोजर वाले शहरों में पॉजिटिविटी रेट नेशनल रेट के मुकाबले आधा होना बहुत बड़ी उपलब्धि है।
दरअसल, जानकार मानकर चल रहे थे कि नोएडा और ग्रेटर नोएडा में विदेश से आने वाले लोगों की संख्या बहुत ज्यादा थी। ऐसे में कोरोनावायरस का संक्रमण कहीं ज्यादा होने की संभावना थी। लेकिन शुरुआती दौर में गौतमबुद्ध नगर के जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने वृहद स्तर पर कंटेनमेंट ड्राइव चलाई। विदेश से आने वाले लोगों को चिन्हित किया गया और उन्हें क्वॉरेंटाइन कर दिया गया था। हालांकि, उनमें से बड़ी संख्या में लोग कोरोनावायरस से पॉजिटिव हुए थे। उनके संपर्क में आने के कारण परिवार भी चपेट में आ गए थे। लेकिन कंटेनमेंट ड्राइव के कारण यह संक्रमण आगे ट्रांसमिट नहीं हो पाया। इसका फायदा अब मिल रहा है। जानकारों का कहना है कि अगर गौतमबुद्ध नगर में सीज फायर, जी मीडिया ग्रुप और ओप्पो मोबाइल निर्माता कंपनी में संक्रमण नहीं फैलता तो अब तक जिले की तस्वीर कुछ और होती।