कोरोना वायरस: ग्रेटर नोएडा में रहते हैं हजारों विदेशी नागरिक, हर कोई सतर्क

कोरोना वायरस: ग्रेटर नोएडा में रहते हैं हजारों विदेशी नागरिक, हर कोई सतर्क

कोरोना वायरस: ग्रेटर नोएडा में रहते हैं हजारों विदेशी नागरिक, हर कोई सतर्क

Tricity Today | Thousands of foreign nationals live in Greater Noida, everyone cautious of coronavirus

ग्रेटर नोएडा में कोरोना वायरस से संदिग्ध संक्रमित एक व्यक्ति होने से पूरे शहर में खौफ का माहौल बन गया है। गुरूवार को शहर की कई मल्टीनेशनल कम्पनियों में कर्मचारी मास्क लगाकार काम करने पहुंचे हैं। पेट्रोल पंप के कर्मचारी भी मास्क लगाकार काम करते दिखाई दिए।

शहर में आज एक कोरोना वायरस से संदिग्ध पीड़ित व्यक्ति मिला है। उसके टेस्ट नेगेटिव मिले हैं। इसके बावजूद शहर में इस वायरस का खौफ लोगों में है। शहर की कई मल्टीनेशनल कम्पनियों में अधिकांश कर्मचारियों के चेहरों पर मास्क लगा है। एलजी कम्पनी में सैकड़ों की संख्या में वाहन माल ढुलाई के काम में लगे हुए हैं। इन ट्रक और टेंपो के चालक-परिचालक भी मास्क लगाकर काम कर रहे हैं। शहर के पेट्रोल पंपों पर भी कर्मचारी मास्क लगाकर काम में जुटे हैं। 

शहर के कॉलेज और विश्वविद्यालयों में भी कोरोना वायरस से डरकर छात्र सुरक्षा बरत रहे हैं। कालेजों में भी कई छात्र मास्क लगाकार आते-जाते दिखाई दिए। ग्रेटर नोएडा में लगभग दो दर्जन से भी ज्यादा विदेशी कम्पनियां हैं। इनमें वीवो, ओपो और हायर चीन की कम्पनियां हैं। जबकि, हालैंड की न्यू हालैंड, होन्डा, डेन्सो और यामाहा जापान की हैं।

ग्रेटर नोएडा की तमाम मल्टीनेशनल कम्पनियों में विदेशी काम करते हैं। चीन की तीनों बड़ी कम्पनियों में सैकड़ों की संख्या में चीनी अधिकारी रहते हैं। सेक्टर चाई-फाई के एक गेस्ट हाउस में कोरिया के निवासी रहते हैं और मीडिया विलेज और सेक्टर सिग्मा आदि सेक्टरों में नाईजीरिया के लोग रहते हैं। इन तमाम लोगों में अभी कोरोना वायरस से पीड़ित कोई व्यक्ति नहीं है लेकिन यहां रह रहे लोगों में भी वायरस के बारे में जानकारी लेने की होड़ लगी है।

ग्रेटर नोएडा में विश्वविद्यालयों समेत इंजीनियरिंग व मैनेजमेंट के 100 से ज्यादा कॉलेज हैं। इन कॉलेजों में दर्जन भर से ज्यादा देशों के कई हजार छात्र पढ़ाई करते हैं। इनमें कोरिया, नाइजीरिया, अफगानिस्तान, ईरान, ईराक, सऊदी अरब समेत कई अफ्रीकी देशों के छात्र पढ़ रहे हैं। इन छात्रों का वर्ष में एक दो बार ही अपने देश जाना होता है लेकिन इन्हें भी कोरोना वायरस का डर सता रहा है। अधिकांश छात्र एक-दो के गुट में ही नजर आ रहे हैं। कॉलेज परिसर में ग्रुप बनाकर जो छात्र रहते थे, वे अब भीड़ में जाने से बच रहे हैं।

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