BREAKING: शारदा अस्पताल के 3 डॉक्टर और नर्स कोरोना की चपेट में, जिले में अब तक 12 स्वास्थ्यकर्मी बीमार

BREAKING: शारदा अस्पताल के 3 डॉक्टर और नर्स कोरोना की चपेट में, जिले में अब तक 12 स्वास्थ्यकर्मी बीमार

BREAKING: शारदा अस्पताल के 3 डॉक्टर और नर्स कोरोना की चपेट में, जिले में अब तक 12 स्वास्थ्यकर्मी बीमार

Tricity Today | शारदा अस्पताल

ग्रेटर नोएडा के शारदा मेडिकल कॉलेज में एक डॉक्टर और दो मेल नर्स को कोरोनावायरस से संक्रमित घोषित किया गया है। तीनों को इलाज के लिए अस्पताल में ही भर्ती कर दिया गया है। इससे पहले मेडिकल कॉलेज की एक फीमेल नर्स भी कोरोनावायरस से संक्रमित हो चुकी है। अब तक अस्पताल के 4 स्वास्थ्य कर्मी कोरोनावायरस की चपेट में आ चुके हैं। 

ग्रेटर नोएडा के शारदा मेडिकल कॉलेज में कोविड-19 अस्पताल काम कर रहा है। यहां जिले के सबसे ज्यादा कोरोनावायरस मरीजों का उपचार किया जा रहा है। अब अस्पताल के डॉक्टर और नर्स भी बीमारी की चपेट में आने लगे हैं। 2 दिन पहले शारदा अस्पताल की एक नर्स को कोरोनावायरस से संक्रमित पाया गया था। उसके संपर्क में आने वाले दूसरे स्वास्थ्य कर्मियों को क्वॉरेंटाइन करके रखा गया था। उन लोगों का कोरोनावायरस टेस्ट करवाया गया, जिसकी टेस्ट रिपोर्ट गुरुवार को सामने आई हैं। इन स्वास्थ्य कर्मियों में से एक डॉक्टर और दो मेल नर्स को संक्रमित घोषित किया गया है।

अब इन तीनों लोगों को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती करवा दिया गया है। अस्पताल के कुछ और स्वास्थ्य कर्मियों को क्वॉरेंटाइन करके रखा गया है। इनकी टेस्ट रिपोर्ट भी जल्दी आने वाली हैं। अब तक जिले में 12 स्वास्थ्य कर्मी कोरोनावायरस की चपेट में आ चुके हैं। इससे पहले नोएडा के सुपर स्पेशलिटी चाइल्ड पीजीआई, जिला अस्पताल और ईएसआईसी अस्पताल के 7 स्वास्थ्य कर्मियों को कोरोना वायरस से संक्रमित पाया गया था। इसके बाद ग्रेटर नोएडा के राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान की एक नर्स को वायरस से संक्रमित घोषित किया गया है। अब तक शारदा अस्पताल में 4 स्वास्थ्य कर्मी कोरोना वायरस की चपेट में आ चुके हैं।

इस तरह जिले के चार अस्पतालों में 12 स्वास्थ्य कर्मी इस महामारी की चपेट में आए हैं। यह बेहद चिंताजनक स्थिति है। दरअसल, इसके कारण अस्पताल की कार्य क्षमता प्रभावित होती है। जो डॉक्टर और नर्स संक्रमित होते हैं, वह तो अस्पताल में भर्ती होते ही हैं साथ में उनके संपर्क में आने वाले अन्य स्वास्थ्य कर्मियों को भी क्वॉरेंटाइन कर दिया जाता है। उनकी मेडिकल रिपोर्ट आने तक वह कामकाज नहीं कर पाते हैं। इससे अस्पतालों के मानव संसाधन पर बुरा असर पड़ रहा है। दूसरी ओर जिले में कोरोनावायरस के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। जिसके लिए ज्यादा से ज्यादा स्वास्थ्य कर्मियों की आवश्यकता है।

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