Tricity Today | प्रतीकात्मक फोटो
नोएडा और ग्रेटर नोएडा में फैले कोरोना वायरस की सबसे बड़ी वजह शहर के सेक्टर-135 की सीजफायर कम्पनी को माना जा रहा है। इस केस हिस्ट्री का एक और पहलू बहुत चोंकाने वाला है। कम्पनी के तीन कर्मचारी अपने घर वायरस लेकर पहुंचे। इनके परिवार के कई-कई सदस्य बीमार पड़ गए हैं लेकिन, ये तीनों खुद नेगेटिव आए हैं। इससे स्वास्थ्य विभाग और डॉक्टर भी हैरत में हैं।
कोरोना संक्रमण का कारण बने तीन लोग निगेटिव मिले हैं। शनिवार को सेक्टर-62 की हाउसिंग सोसायटी में भी इसी तरह का मामला सामने आया है। सेक्टर-135 स्थित कंपनी में काम करने वाले व्यक्ति संक्रमण का शिकार नहीं हुआ, लेकिन उसके परिवार के तीन सदस्य बीमारी से पीड़ित हो गए हैं। ठीक इसी तरह के दो मामले पहले भी सामने आए हैं। ये दोनों लोग भी सीजफायर कंपनी में काम करते हैं।
इनमें से एक युवक से उसकी मां और बहन बीमार हुई हैं। यह परिवार ग्रेटर नोएडा वेस्ट की हाउसिंग सोसायटी में रहता है। हालांकि, युवक और उसके पिता को स्वास्थ्य विभाग ने क्वारंटाइन वार्ड में रखा हुआ है। वहीं, तीसरे व्यक्ति से उसकी पत्नी और बेटा संक्रमित हो गया। उसे भी खुद को संक्रमण नहीं हुआ है। उसका टेस्ट भी नेगेटिव आया है। इन तीनों लोगों की जांच स्वास्थ्य विभाग ने की थी और तीनों की रिपोर्ट निगेटिव आई हैं।
ऐसा कैसे हुआ
डॉक्टरों का मानना है कि ऐसा संभव है। कपड़ा या अन्य माध्यम से वायरस घर में पहुंचा होगा और दूसरे लोग संक्रमित हुए होंगे। लेकिन उस व्यक्ति को संक्रमण नहीं हुआ होगा। ऐसे में यह जरूरी है कि हाथों और शरीर को सेनेटाइज करने के अलावा मोबाइल फोन, घड़ी, पेन, चश्मा, कंघा, पर्स, बेल्ट, डायरी और कार की चाबी को भी सेनेटाइज किया जाना चाहिए। इनमें से कोई भी चीज संक्रमण और वायरस की वाहक बन सकती है। इन तीनों मामलों में ऐसा होना सम्भव है।
गांव और झुग्गियों तक पहुंचा कोरोना वायरस
चार दिन पहले तक सेक्टरों में सीमित नजर आ रहा कोरोना वायरस अब गांव और झुग्गियों तक पहुंच गया है। जिले के गांवों में अब तक नौ मामले सामने आ चुके हैं। वहीं, झुग्गियों में रहने वाले चार लोग इस वायरस का निशाना बन चुके हैं। सेक्टर-135 स्थित कंपनी से हुए संक्रमण से यह दायरा दिनों दिन बढ़ता जा रहा है।