Google Image | टिकटॉक जल्दी भारत वापस लौटेगा, रिलायंस खरीद सकता है
टिकटॉक के यूजर आजकल मायूस चल रहे हैं। दरअसल, भारत सरकार ने चीन के साथ हुए विवाद के बाद टिकटॉक को भारत में प्रतिबंधित कर दिया था। अमेरिका में भी टिकटॉक पर भी पाबंदी की तैयारी चल रही थी। उससे पहले ही कंपनी ने टिकटॉक को एक अमेरिकन कंपनी को बेच दिया है। अब ठीक यही फार्मूला टिकटॉक भारत में भी अपनाने जा रहा है। उम्मीद जताई जा रही है कि बहुत जल्दी ही रिलायंस ग्रुप टिकटॉक को खरीद लेगा। जिसके बाद रिलायंस भारतीय बाजार में टिकटॉक को नए अवतार के साथ पेश करेगा। लिहाजा, टिकटॉक के यूजर्स को एक बार फिर मनोरंजन का साधन उपलब्ध हो जाएगा।
टिकटॉक के लिए यूजर्स के लिहाज से दूसरा सबसे बड़ा बाजार भारत है। भारत दोबारा आने के लिए टिकटॉक बेकरार है। टिकटॉक की पैरेंट कंपनी बाइटडांस इसके भारतीय कारोबार को बेचने की योजना बना रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बाइटडांस शॉर्ट वीडियो ऐप टिकटॉक मुकेश अंबानी के स्वामित्व वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) को बेच सकती है। इस संबंध में दोनों कंपनियों के बीच जुलाई के आखिर में बातचीत शुरू हुई थी। हालांकि, दोनों कंपनियां अभी किसी भी सौदे पर नहीं पहुंच पाई हैं। इस पर रिलायंस, बाइटडांस और टिकटॉक ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
भारत ने टिकटॉक समेत चीन के 106 मोबाइल ऐप पर बैन लगाया है
लद्दाख की गलवान घाटी में सीमा विवाद के बाद भारत सरकार ने चीन की कंपनियों के 59 ऐप पर बैन लगा दिया था। इसमें टिकटॉक, वीचैट, अलीबाबा ग्रुप का यूसी ब्राउजर और यूसी न्यूज जैसे पॉपुलर ऐप शामिल हैं। इसके बाद सरकार ने पिछले महीने जुलाई में फिर चीन के 47 ऐप पर बैन लगा दिया। इसमें अधिकांश पहले बैन किए गए ऐप के क्लोन शामिल हैं। इस प्रकार भारत सरकार अब तक चीन के 106 ऐप पर बैन लगा चुकी है। टिकटॉक के भारतीय कारोबार की वैल्यू 3 बिलियन डॉलर के करीब आंकी गई है।
पिछले सप्ताह अमेरिकी सरकार ने दी टिकटॉक पर बैन को मंजूरी
पिछले सप्ताह अमेरिका ने भी चीनी ऐप टिकटॉक पर बैन को मंजूरी दी है। इस संबंध में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प एक प्रस्ताव पर साइन कर चुके हैं। हालांकि, अमेरिका ने बाइटडांस को टिकटॉक का अमेरिकी कारोबार किसी अमेरिकी कंपनी को बेचने के लिए 15 सितंबर तक का समय दिया है। यदि बाइटडांस 15 सितंबर तक कोई सौदा नहीं कर पाती है तो टिकटॉक पर लगाया गया बैन लागू हो जाएगा। इसके बाद भारत की तरह अमेरिका में भी टिकटॉक एप उपलब्ध नहीं होगा।
अमेरिकी कारोबार के लिए माइक्रोसॉफ्ट-ट्विटर से चल रही बातचीत
टिकटॉक का अमेरिकी कारोबार खरीदने के लिए सबसे पहले माइक्रोसॉफ्ट सामने आई थी। माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्या नडेला राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को भी इसकी जानकारी दे दी थी। ट्रम्प ने भी माइक्रोसॉफ्ट के ऑफर का समर्थन किया है। अभी टिकटॉक के अमेरिकी कारोबार को बेचने को लेकर माइक्रोसॉफ्ट और बाइटडांस में कोई अंतिम सौदा नहीं हो पाया है। इस बीच पिछले सप्ताह यह खबर भी आई थी कि टिकटॉक का अमेरिकी कारोबार खरीदने के लिए ट्विटर भी बाइटडांस से बातचीत कर रही है। टिकटॉक के अमेरिकी कारोबार की वैल्यू 30 बिलियन डॉलर के करीब आंकी गई है।
2019 में बाइटडांस ने भारत से 43.7 करोड़ रुपये कमाए हैं
2019 में बाइटडांस ने भारत में 43.7 करोड़ रुपए का कारोबार किया है। कंपनी को 3.4 करोड़ का रुपए का प्रॉफिट हुआ है। अमेरिका से कंपनी को 650 करोड़ का रेवेन्यू मिला है। वहीं, चीन से कंपनी को 2500 करोड़ रुपए का रेवेन्यू मिला है। कारोबारी रेवेन्यू के हिसाब से भारत बाइटडांस के टॉप 10 देशों में शामिल नहीं है। ऐप्स बिजनेस कारोबार पर नजर रखने वाली सेंसर टॉवर के मुताबिक, टिकटॉक के यूजर बेस में तेजी से इजाफा हो रहा है। 29 अप्रैल के डेटा के अनुसार दुनिया भर में टिकटॉक 200 करोड़ बार डाउनलोड किया गया है। दुनियाभर में टिकटॉक के 80 करोड़ एक्टिव यूजर्स हैं।