Tricity Today | मेरठ में COVID-19 के सैम्पल बंदर लेकर भागे
मेरठ मेडिकल कॉलेज परिसर में बंदरों के झुंड ने सीओवीआईडी-19 के मरीजों के नमूने लेकर जा रहे प्रयोगशाला के तकनीशियन पर हमला कर दिया। बंदर कोरोना वायरस से संक्रमित तीन रोगियों के परीक्षण नमूने छीनकर भाग गए। बाद में झुंड का एक बंदर नमूना संग्रह किट चबाते हुए एक पेड़ मिला। उसका वीडियो वायरल हो रहा है।
In a bizarre turn of events, a troop of #monkeys in #Meerut, #UttarPradesh ran away with #COVID19 test samples triggering panic. They snatched the samples from a lab technician inside medical college premises. One monkeys was spotted on a tree top chewing sample collection kits pic.twitter.com/WK1Eu5msTL
— Sourav Sanyal (@SSanyal) May 29, 2020
दूसरी ओर मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने मरीज से दोबारा सैंपल लिए हैं। हालांकि, इस क्षेत्र में बंदरों का उत्पात बार-बार होने वाली घटना है, लेकिन स्थानीय लोगों को अब इन संग्रह किटों से संक्रमण फैलने का डर है। दरअसल, बंदरों ने आसपास के रिहायशी इलाकों में ले जाकर यह सैम्पल फेंके हैं।
मेरठ में हुई इस चौंकाने वाली घटना में बंदर ने कोविड-19 रोगियों के रक्त के नमूने को लाला लाजपत राय मेडिकल कॉलेज की लैब में ले जाया गया। प्रयोगशाला तकनीशियन को इस बारे में लिखित स्पष्टीकरण देने के लिए कहा गया है कि उसने मदद मांगने के बजाय वीडियो बनाना क्यों जारी रखा। दूसरी ओर मेरठ के मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ अनिल कंसल ने कहा, कोविड-19 से अब तक कोई भी बंदर के संक्रमित होने की पूरी दुनिया मे सूचना नहीं है। इसके अलावा किसी भी अध्ययन से पता नहीं चला है कि बंदर प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से एक सकारात्मक रोगी के संपर्क में आने से कोरोनोवायरस से संक्रमित हो सकते हैं। लिहाजा, चिंता करने की कोई बात नहीं है।
आपको बता दें कि मेरठ जिला कोरोनावायरस के संक्रमण को लेकर उत्तर प्रदेश में सबसे संवेदनशील स्थानों में से एक है। उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से जिन 5 जिलों को रेड जोन घोषित किया गया है, उनमें मेरठ भी शामिल है। मेरठ में गुरुवार तक 403 लोग कोरोनावायरस के संक्रमण में आ चुके हैं। इनमें से 93 लोगों का इलाज अभी भी कोविड-19 अस्पताल में किया जा रहा है। 286 लोग अभी तक स्वस्थ होकर डिस्चार्ज किए जा चुके हैं। जबकि, 24 लोगों की मौत कोरोनावायरस की चपेट में आने के कारण हुई है। यह पश्चिमी उत्तर प्रदेश में आगरा के बाद सबसे बड़ा आंकड़ा है। उत्तर प्रदेश में भी मौत के मामलों में मेरठ दूसरे स्थान पर है।