नोएडा: ढाई माह के बच्चे के गले में टॉफी फंसने से मौत, नहीं मिली एम्बुलैंस

नोएडा: ढाई माह के बच्चे के गले में टॉफी फंसने से मौत, नहीं मिली एम्बुलैंस

नोएडा: ढाई माह के बच्चे के गले में टॉफी फंसने से मौत, नहीं मिली एम्बुलैंस

Google Image | प्रतीकात्मक फोटो

नोएडा में कोतवाली फेस-2 क्षेत्र के भूड़ा गांव में शुक्रवार की सुबह बेहद दर्दनाक घटना हुई है। यहां ढाई साल का मासूम बच्चा रो रहा था। उसकी छह-सात साल की बहन ने भाई को चुप करने के लिए टॉफी मुंह में डाल दी। टॉफी बच्चे के गले में फंस गई और सांस की नली में अटकने के कारण बच्चे की मौके पर ही मौत हो गई।

दूसरी ओर ढाई माह के बच्चे के गले में टॉफी फंसने के बाद परिजन उसे लेकर भटकते रहे। आरोप है कि सेक्टर-82 के निजी अस्पताल में करीब आधा घंटे तक 108 एंबुलेंस के इंतजार में खड़े रहे। एंबुलेंस नहीं आई और बच्चे को सांस लेने में तकलीफ बढ़ने लगी। आनन-फ़ानन में परिजन किराये पर टैंपो लेकर जिला अस्पताल पहुंचे, लेकिन वहां 20 मिनट इलाज के बाद बच्चे को मृत घोषित कर दिया गया।

मूलरूप से फिरोजाबाद के निवासी सुनील शर्मा सेक्टर-81 भूड़ा गांव में किराये पर रहते हैं। वह प्राइवेट कंपनी में नौकरी करते हैं। वह ड्यूटी पर गए थे। घर पर पत्नी सुषमा, ढाई माह का मासूम गोपाल और तीन वर्षीय बेटी आरती मौजूद थे। पिता सुनील ने बताया कि सुबह करीब साढ़े 9 बजे बच्चा रो रहा था। पत्नी बाहर बर्तन धोने के लिए चली गई। बच्चे को रोता देखकर पत्नी ने बेटी को आवाज देकर कहा कि टॉफी खिलाकर चुप करा दे।

इस पर बच्ची ने अपने भाई को टॉफी खिला दी। थोड़ी देर बाद सुषमा घर में घुसी तो बच्चे को तड़पता देखकर सकते में आ गई। वह रोने लगी। यह देखकर परिजन तत्काल बच्चे को नजदीकी क्लीनिक लेकर पहुंचे। वहां डॉक्टरों ने हालत गंभीर बताते हुए बड़े अस्पताल जाने को कहा। परिजन करीब 10 बजे सेक्टर-82 के निजी अस्पताल पहुंचे। बच्चे के गले में टॉफी अटकने की जानकारी मिलते ही वह अस्पताल पहुंच गए। आरोप है कि अस्पताल में मास्क को लेकर एतराज जताया। बाद में स्थिति गंभीर बताते हुए बच्चे को दूसरे अस्पताल जाने को कह दिया।

अस्पताल से बाहर आकर 108 एंबुलेंस सेवा को कॉल किया। वहां से जल्दी एंबुलेंस भेजने का आश्वासन दिया गया। आरोप है कि आधा घंटा तक एंबुलेंस नहीं आने पर बच्चे की सांसें थमने लगीं। उसके बाद मजबूर होकर इन लोगों ने टैंपो पकड़ा और सेक्टर-30 के जिला अस्पताल पहुंचे। वहां बच्चे को भर्ती कर लिया गया, लेकिन करीब 20 मिनट बाद बच्चे को मृत घोषित कर दिया।

सुनील का आरोप है कि समय से एंबुलेंस मिल जाती तो बच्चे की जान बच जाती। परिजनों का कहना है कि शव को घर ले जाते समय सरकारी एंबुलेंस मिल गई थी।

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