Google Image | प्रतीकात्मक तस्वीर
वायु प्रदूषण पर नियंत्रण करने के लिए ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण की टीम शहर में निरीक्षण कर रही हैं। शुक्रवार को प्रदूषण फैलाने के आरोप में ग्रेटर नोएडा वेस्ट के दो बिल्डरों पर 5-5 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है। चेतावनी दी गई है कि अगर व्यवस्था में सुधार नहीं किया तो प्राधिकरण फिर कार्रवाई करेगा।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए शहर को 8 भागों में बांट कर एक्शन प्लान तैयार किया है। हर जोन का एक प्रभारी नियुक्त किया गया है। प्रभारी की अगुवाई में प्रदूषण फैलाने वालों पर नजर रखी जा रही है। विकास प्राधिकरण के विशेष कार्याधिकारी शिव प्रताप शुक्ला टेकजोन-4 क्षेत्र का दौरा किया। टेक जोन-4 के प्लॉट नंबर-2 में भूटानी इंफ्रा टेक बिल्डर की साइट है। यहां पर निर्माण कार्य चल रहा है। यहां पर एनजीटी के नियमों का उल्लंघन होता पाया गया है। ओएसडी ने बिल्डर पर 5 लाख का जुर्माना लगाया है।
प्राधिकरण ने सेक्टर-4 के भूखंड संख्या सी-2 में मैसर्स एच एंड एस, बिल्डर्स बुलेवार्ड वॉक पर 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। यहां पर एनजीटी के नियमों का पालन नहीं किया जा रहा था। इसके चलते वह प्रदूषण फैल रहा था। विकास प्राधिकरण के अधिकारियों ने दोनों बिल्डरों को चेतावनी दी है कि वह व्यवस्थाएं सुधार लें। अगर भविष्य में दोबारा इस तरह प्रदूषण फैलाते हुए पकड़े गए तो और कठोर कार्रवाई की जाएगी। ऐसे मामलों में सुप्रीम कोर्ट और ईपीसीए ने जिम्मेदार लोगों पर एफआईआर दर्ज करके कानूनी कार्रवाई करने का आदेश दिया है।
इन सेक्टरों में किया गया पानी का छिड़काव, मैकेनिकल स्वीपिंग मशीनों से हो रही सफाई
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने शहर के कई सेक्टरों की सड़कों में पानी का छिड़काव किया, ताकि वायु प्रदूषण पर नियंत्रण रखा जा सके। आज जिन सेक्टरों में छिड़काव किया गया उसमें सेक्टर 1, 2, 3, टेक जोन 4 , 7 नॉलेज पार्क 2, 3, 5, सेक्टर 16, 16 बी, 16 सी, ओमिक्रोन 1 व 3 आदि शामिल है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण शहर की सफाई व्यवस्था में बदलाव किया है। सड़कों की सफाई के लिए 8 मैकेनिकल स्वीपिंग मशीन लगाई गई है ताकि सड़कों की सफाई करते समय धूल ना उड़े।